जय माता दी! आज हम चलेंगे वैष्णों देवी यात्रा के लिए, जहाँ का नाम आते ही लोग पहले जयकारे लगाते हैं और सोचते हैं कि जल्दी से माँ हमें भी दर्शन के लिए बुलाये| तो प्रेम से बोलो जय माता दी| माँ वैष्णो देवी भक्तों की आस्था का केंद्र हैं| त्रिकूट पर्वत पर स्थित माँ के भवन में माँ के तीन रूप महाकाली, महासरस्वती तथा महालक्ष्मी के दर्शन होते हैं|
लाखों की संख्या में लोग माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने जाते हैं, आप यहाँ कभी भी जाएँ आपको हमेशा ही भक्तों की आस्था दिखाई देगी| यहाँ पर हमेशा ही भक्तों का हुजूम लगा रहता है जबकि पहले तो यहाँ सुविधाएँ उतनी नहीं थी जितनी आज कर दी गयी हैं|
वैष्णों देवी यात्रा के दौरान पैदल यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए 2 मार्ग हैं, एक बाणगंगा मार्ग और दूसरा ताराकोट मार्ग| दोनों रास्तों पर ही भक्तों के लिए लंगर का प्रसाद भी मिलता है| बाणगंगा मार्ग में ही एक मंदिर पड़ता है, जिसमें माँ वैष्णों के चरणों के दर्शन होते हैं| इस मार्ग में मार्केट भी काफी बड़ी है, क्यूंकि यह मार्ग पुराना है तो यहाँ पर दुकानें, ATM, मेडिकल स्टोर्स की ज्यादा सुविधायें हैं|
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पैदल यात्रा के दौरान आपको बीच- बीच में यहाँ की खूबसूरत वादियाँ भी दिखेंगी, यह आपका सफ़र और यादगार बनाएंगी| समय के साथ- साथ यहाँ की सुविधाएँ इतनी बढ़ा दी गयी हैं कि किसी को भी यात्रा के दौरान किसी प्रकार का कष्ट नहीं होगा|
अर्धकुवारी पहुँचने पर भी भवन के दो रास्ते हैं, एक हाथी माथा मार्ग जिससे आप अर्धकुवारी होकर भवन जायेंगे| हाथी माथा मार्ग से भवन की दूरी 6.5 किलोमीटर है| दूसरा हिमकोटी मार्ग जो की सीधे भवन की ओर जाता है, इससे भवन की दूरी 5.5 किलोमीटर है|
भवन के दर्शन करने के बाद आपको भैरों जी अवश्य जाना चाहिए क्यूंकि बिना भैरों जी के दर्शन के आपके दर्शन सम्पूर्ण नहीं माने जाते| भवन से भैरों घाटी की दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर है|
वैष्णों देवी यात्रा का पौराणिक महत्त्व
वैसे तो सभी लोग कुछ न कुछ अलग बताते ही हैं, पर जो मान्यता बताई जाती है वैष्णों देवी यात्रा की वो इस प्रकार है- कि एक बार माँ कन्या रूप में जा रही थीं और भैरव जी उनका पीछा कर रहे थे तो माँ सीधे त्रिकूट पर्वत पर पहुँच गयीं| वहां पर उन्हें हनुमान जी मिले, हनुमान जी को प्यास लगी थी तो माँ ने पहाड़ में अपने’ बाण से छेद किया जिससे वहां से जल की धारा निकली, वहां पर हनुमान जी ने पानी पिया| इसीलिए इस स्थान को बाणगंगा कहते हैं| यहाँ पर माँ ने 9 महीने तपस्या भी की|
उसके बाद माँ अर्धकुवारी की गर्भजून गुफा में भी कुछ समय रहीं| उस समय भी भैरवनाथ जी उनका पीछा कर रहे थे जिसके कारण भैरवजी और हनुमान जी का युद्ध भी हुआ जिसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो माँ स्वयं त्रिकूट पर्वत पर दुबारा आने के बाद महाकाली का रूप धारण कीं और भैरव जी का वध कर उनको मोक्ष प्रदान किया पर भैरव जी ने भी यह मोक्ष की प्राप्ति के लिए ही किया था|
बाद में उन्होंने माँ वैष्णों से माफ़ी भी मांगी तो माँ ने उन्हें वरदान दिया की जो भी माँ के दर्शन के लिए आएगा, उसे भैरव जी के भी दर्शन करने होंगे वरना दर्शन अधूरे माने जायेंगे| तब से ही अपनी यात्रा को पूर्ण करने के लिए माँ वैष्णो देवी के दर्शन के बाद भैरव बाबा के दर्शन भी किये जाते हैं| तो बोलिए जय माता दी!
पूजन
आप वैष्णों देवी यात्रा के दौरान माँ के दरबार में पूजन भी करना चाहते हैं, तो इसके लिए भी आप पहले से ही श्राइन बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से बुकिंग कर सकते हैं| इस वेबसाइट के माध्यम से आप श्रद्धा सुमन विशेष पूजन( माता की पवित्र गुफा के अन्दर इसका आयोजन होता है), हवन पूजन, गर्भजून आरती, अटका आरती तथा नव चंडी पाठ के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं| अटका आरती प्राक्रतिक गुफा के बाहर दिन में दो बार करायी जाती है, प्रातः काल सूर्योदय से ठीक पहले तथा सायं काल सूर्यास्त के ठीक बाद| साथ ही साथ यहाँ से आप प्रसाद भी मंगवा सकते हैं|
शिव गुफा-
यहाँ पर शिव जी की गुफा भी है, इसमें प्राक्रतिक जल की धारा हमेशा बहती रहती है| बाद में इस गुफा में शिवलिंग की स्थापना की गयी, जिसके कारण इसको शिव गुफा कहा जाता है| शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि जहाँ शक्ति है वहां शिवजी का निवास अवश्य होता है| भक्त माँ जगजननी के दर्शन के बाद भगवान शिव के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेते हैं|
वैष्णों देवी यात्रा को कैसे करें प्लान?
किसी भी यात्रा को सुखद बनाना हो, तो उसके लिए टाइम लेकर चलने से आप ज्यादा आनंद ले पाएंगे और ज्यादा घूम भी पाएंगे| वैष्णों देवी यात्रा के समय आप यहाँ और भी आस पास की जगह घूम सकते हैं, जैसे यहाँ पर पास में ही पटनीटॉप भी है, वह भी यहाँ का प्रसिद्ध स्थान है| तो ऐसा करने से आप ज्यादा घूम भी पाएंगे और बजट फ्रेंडली भी रहेंगे|
बाकि समय को और बचाने के लिए आप यहाँ पर सबसे पास का एअरपोर्ट, जम्मू एअरपोर्ट है| आप वहां तक आसानी से फ्लाइट से आ सकते हैं| उसके बाद आप टैक्सी और बस की सुविधा से कटरा आ सकते हैं और माँ के भवन में दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं| जम्मू एअरपोर्ट से कटरा की दूरी लगभग 49 किलोमीटर है| उसके अलावा आप ट्रेन के माध्यम से भी कटरा आ सकते हैं| तो आगे बढ़ते- बढ़ते माँ का जयकारा भी लगाते है तो बोलिए सच्चे दरबार की जय!
वैष्णों देवी यात्रा को कब करें प्लान?
अगर आप किसी विशेष त्यौहार पर माँ के दर्शन करना चाहते हैं, तो नवरात्री के समय आप माँ के दरबार जाकर दर्शन कर सकते हैं, लेकिन इस टाइम यहाँ पर भक्तों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है|
सामान्य दिनों की बात करें तो यहाँ के लिए सबसे उचित समय मई और जून है, क्यूंकि जुलाई, अगस्त में बारिश के कारण फिसलन का डर रहता है| नवम्बर, दिसम्बर में यहाँ कड़ाके की ठण्ड रहती है| मार्च, अप्रैल तथा सितम्बर, अक्टूबर के महीनों में नवरात्री के कारण भक्तों की भीड़ ज्यादा होती है|
वैष्णो देवी यात्रा में दी जाने वाली सुविधाएँ-
जैसा कि आप सभी को पता है कि माँ के दर्शन के लिए भक्तों को यहाँ लगभग 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन उसका भी अलग ही आनंद है और सभी भक्त बिना किसी तकलीफ के आस्था के साथ, माता के जयकारों को बोलते हुए इस पैदल यात्रा को बड़ी ही आसानी से पूरा कर लेते है|
यहाँ पर पिट्ठू, घोडा और पालकी की सुविधा तो सालों से दी जा रही है लेकिन अब इस यात्रा को और अधिक सुखद बनाने के लिए यहाँ दी जाने वाली सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की गयी है| श्राइन बोर्ड के द्वारा मार्ग में आपको भोजनालय भी मिलेंगे, जिनमें भोजन अच्छा भी होगा और सस्ता भी|
बूढ़े बुजुर्ग, बच्चे तथा लोगों के समय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए वैष्णों देवी यात्रा के लिए अब हेलिकॉप्टर, रोप वे तथा बैटरी कार की सुविधा भी चालू की गयी है जिससे जो लोग किसी कारणवश पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं, वह अपनी वैष्णों देवी यात्रा के लिए इन सुविधाओं का लाभ लेकर आसानी से माँ वैष्णों देवी के दर्शन कर सकते हैं|
रोपवे सर्विस
आप भवन से भैरोंजी के लिए रोपवे की सुविधा ले सकते हैं,जिसका शुल्क भी मात्र 100/- है| रोपवे में 3 साल से छोटे बच्चे का कोई भी शुल्क नहीं है|
हेलीकाप्टर
आप माँ के भवन जाने के लिए हेलिकॉप्टर की भी सुविधा ले सकते हैं| इसमें 2 साल तक के बच्चे की यात्रा का कोई भी शुल्क नहीं है| इसमें आप कटरा से सांझीछत और सांझीछत से कटरा की बुकिंग करा सकते हैं,जिसके माध्यम से आप उसी दिन भी वापस आ सकते हैं या फिर आप अगले दिन का भी प्लान कर सकते हैं|
इसके अलावा आप जम्मू से भवन और भवन से वापस जम्मू के लिए भी हेलिकॉप्टर बुक कर सकते हैं| जिसमें आप को दर्शन में भी प्राथमिकता दी जाएगी| साथ ही साथ अगर आपकी अगले दिन की वापसी है, तो आपको रहने की और SSVP (श्रद्धा सुमन विशेष पूजन) की भी सुविधा दी जाएगी| इसमें आपको भवन से भैरोंजी के लिए रोपवे की सुविधा भी मिलेगी|
बैटरी कार
आप भवन के दर्शन के लिए बैटरी कार का भी उपयोग कर सकते हैं| इसके लिए आपको अर्धकुवारी से भवन तक तथा वापसी के लिए भवन से अर्धकुवारी तक बैटरी कार की सुविधा भी मिलती है, जिसमें 5 साल से छोटे बच्चों के लिए यह सुविधा फ्री है|
वैष्णों देवी यात्रा का पंजीकरण
अब आपको वैष्णों देवी यात्रा के लिए सबसे पहले अपनी यात्रा को रजिस्टर्ड करना होगा जोकि ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कर सकते हैं| पंजीकरण का कार्य केवल वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड द्वारा ही कराएँ|
5 साल के ऊपर सभी भक्तों को अपनी यात्रा का रजिस्ट्रेशन करना होगा जिसके बाद आपको भवन में दर्शन के लिए RFID एक्सेस कार्ड (RFID Access Card) मिलेगा| आपको अपनी पूरी यात्रा में इस कार्ड को अपने साथ ही रखना है| सभी को RFID कार्ड मिलने के 6 घंटे के अन्दर बाणगंगा चेकपोस्ट को पार करना जरुरी है| प्रत्येक यात्री का अपना अलग RFID कार्ड होता है| और यात्रा पूरी होते ही इसे वहां पर जमा भी करना है|
यात्री निवास
अगर आप बाहर के होटल वगरह नहीं लेना चाहते हैं, या फिर आपको उनके चार्जेज कम समझ में आते हैं, तो आप एक बार श्राइन बोर्ड के द्वारा दिए जाने वाले रूम, और डारमेट्री भी जरुर देखें| इनके चार्ज भी सही रहते हैं, और साफ सफाई भी रहती है| इसकी बुकिंग भी आप श्राइन बोर्ड की वेबसाइट से कर सकते हैं| यहाँ पर सिंगल पर्सन को रूम नहीं दिया जाता है| अगर आप सिंगल जा रहे हैं, तो आपको डोरमेट्री में रुकना पड़ेगा|
ध्यान रखने योग्य बातें-
- वैष्णों देवी यात्रा के दौरान आप सीधे मार्ग के अलावा कई जगहों पर सीढियाँ भी मिलेंगी, लेकिन इस दौरान आप सीढियों पर जाने से बचें क्यूंकि अगर आप सीढियों के माध्यम से भवन का रास्ता तय करेंगे तो आप थक जल्दी जायेंगे|
- यहाँ पर दूसरे स्टेट के प्रीपेड सिम कार्ड कम नहीं करेंगे, तो वहां पहुँच कर यहाँ के लोकल सिम ले लें जिससे आप अपने परिजनों से बातें कर सकें|
- रास्ते में जगह-जगह पर पानी के बूथ और शौचालय का प्रबंध करा गया है| तो चढाई के दौरान पानी पीते रहें, आपको किसी प्रकार की परेशानी नही होगी| बाकि आप तो माँ के दरबार में है ही, तो माँ तो स्वयं ही आपकी रक्षा के लिए वहां पर है| तो फिर प्रेम से बोलो जय माता दी!
जय माता दी! जय माता दी! कहते जाओ आने जाने वालों को चलते जाओ तुम मत देखो अपने पांव के छालों को|
जिसने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है| तो चलते रहिये आपके लिए तो स्वयं माँ का बुलावा आया है| जय माता दी!
वैष्णों देवी यात्रा के लिए कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग द्वारा- यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट जम्मू में है| जम्मू एअरपोर्ट से कटरा की दूरी लगभग 48 किलोमीटर है| आप फ्लाइट से जम्मू पहुँच कर वहां से बस या टैक्सी के द्वारा कटरा आ सकते हैं|
रेलमार्ग द्वारा- आप रेलमार्ग द्वारा भी बड़ी आसानी से कटरा पहुँच सकते हैं| कई स्टेशन से तो श्री माँ वैष्णो देवी, कटरा के लिए डायरेक्ट ट्रेन भी मिलती हैं| अगर आपको डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिल पा रही है तो आप जम्मू तवी रेलवे स्टेशन आ सकते हैं, उसके बाद आपको स्टेशन से निकलते ही कटरा के लिए कई साधन जैसे बस, टैक्सी आसानी से मिल जायेंगे|
सड़क मार्ग द्वारा- आप सड़क मार्ग द्वारा कटरा पहुँच कर बड़ी ही आसानी से अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं|
FAQ-
प्रश्न- वैष्णों देवी पहुँचने के लिए नजदीकी एअरपोर्ट कौन सा है?
उत्तर- यहाँ का सबसे नजदीकी एअरपोर्ट जम्मू में है| जम्मू एअरपोर्ट से कटरा की दूरी लगभग 48 किलोमीटर है| आप फ्लाइट से जम्मू पहुँच कर वहां से बस या टैक्सी के द्वारा कटरा आ सकते हैं|
प्रश्न- RFID एक्सेस कार्ड क्या है?
उत्तर- RFID एक्सेस कार्ड (RFID Access Card) यात्रा को रजिस्टर्ड कराने के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से बनने वाला कार्ड है, जिसके बिना आप माँ के दर्शन के लिए भवन नहीं जा सकते हैं| आपको पहली चेक पोस्ट पर ही RFID Access Card न होने पर वापस कर दिया जायेगा|
प्रश्न- वैष्णों देवी यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
उत्तर- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा|
प्रश्न- वैष्णों देवी यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कहाँ होगा?
उत्तर- वैष्णों देवी यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कटरा के बस स्टैंड के पास यात्री पंजीकरण काउंटर (YRC) पर किया जाता है| प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए दूसरा यात्रा काउंटर दूसरे बस स्टैंड के पास चालू किया गया है| यह उधमपुर रोड पर मुख्य यात्रा काउंटर से लगभग 1 किलोमीटर दूर है|
नोट- अगर आप भी माँ वैष्णों देवी के दरबार के लिए कोई दान देना चाहते हैं, या फिर वहां पर होने वाले लंगर में धन दान करना चाहते हैं, तो वह भी आप श्राइन बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं|
आशा करते हैं आपको हमारा लेख ‘वैष्णों देवी यात्रा’ पसंद आया होगा और आपको वह जानकारी भी मिली होगी, जो आप चाहते होंगे| हमारे लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद|