उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह:
अध्यात्म की धरती उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह को सिर्फ एक लेख के माध्यम से वर्णन करना असम्भव सा लगता है जिसका हर एक गाँव अपना अलग इतिहास और अपनी अलग संस्क्रति के लिए जाना जाता है, फिर भी हम आप मिलकर कोशिश करते हैं इस राम कृष्ण की धरती उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह और यहाँ के प्रमुख नगरों के बारे में जानने की|
जानना हो बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी को, कान्हा की बाल लीलाओं के साक्षी मथुरा वृन्दावन को, आगरा में स्थित प्रेम के प्रतीक ताजमहल को या जानना हो विश्व प्रसिद्ध राम मंदिर अयोध्या के बारे में या इन सबसे दूर अगर आप खाने के हैं शौक़ीन तो जान सकते हैं आप नवाबों के शहर लखनऊ और अपने कनपुरिया अंदाज के लिए मशहूर कानपुर या गंगा यमुना की नगरी प्रयागराज के बारे में, इतनी अलग अलग संस्क्रतियों का संगम मिलता हैं सिर्फ उत्तर प्रदेश में और इन सब की जानकारी मिलेगी ‘उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह’ आर्टिकल में|
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23.5 करोंड़ से अधिक सर्वाधिक जनसंख्या वाला भारत देश का राज्य उत्तर प्रदेश, देश को जीडीपी में 9.2% का अहम योगदान देता है जो की महाराष्ट्र (15.7%) के बाद दूसरे स्थान पर आता है| गंगा यमुना के दोआब क्षेत्र में स्थित होने के कारण उत्तर प्रदेश की अधिकांश भूमि काफी उपजाऊ है जिससे राज्य का आय का एक प्रमुख भाग क्रषि से आता है|
उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति-
उत्तर प्रदेश को सुगमता के लिए दो क्षेत्रो में विभक्त कर सामान्यता अध्ययन किया जाता है, जो की पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नाम से जाने जाते है, एक बड़ा राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह काफी हैं जिसे आप भी अपनी यात्रा को दो या उससे अधिक भागों में भौगोलिक स्थिति के अनुसार विभक्त कर सकते हैं|
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक भारत के 9 अन्य राज्यों की सीमा साझा करता है, इसके उत्तर में उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़, पूर्व में बिहार तथा झारखण्ड और पश्चिम में राजस्थान राज्य स्थित हैं| उत्तर प्रदेश उत्तर में नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी साझा करता है|
उत्तर प्रदेश का मौसम तथा घूमने का सही समय-
उत्तर प्रदेश में अन्य उत्तर भारत के राज्यों की तरह वर्ष के तीनो मौसम होते हैं| शरद ऋतु (सितम्बर से नवम्बर) तथा बसंत ऋतु (फरवरी से अप्रैल) उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह के लिए सवार्धिक उपयुक्त समय हो सकता है क्योकि ग्रीष्म ऋतु के जून महीने में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री तक हो जाता है वहीं जनवरी में न्यूनतम 4 से 6 डिग्री का सामना करना पड़ता है| उत्तर प्रदेश में अधिकांश वर्षा जुलाई तथा अगस्त में होती है, पर्वतीय तथा मैदानी भाग की वर्षा में काफी अंतर है परन्तु औसत वर्षा 1025 एमएम तक होती है|
उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह और लोकप्रिय पर्यटन स्थल :
- अयोध्या – सुप्रीमकोर्ट के फैसले के उपरांत श्रीराम के जन्मस्थली को राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, जहाँ पर भव्य राम मंदिर का का नवनिर्माण हुआ है जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा हुई है, श्रीराम मंदिर निर्माण के बाद से अयोध्या का उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में एक विशिष्ट स्थान हो गया है|
लखनऊ से 135 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में स्थित सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या पर नवनिर्मित भव्य श्री राम जन्म भूमि के अतिरिक्त हनुमान गढ़ी, कनक भवन, रामकोट, तुलसी स्मारक भवन तथा सरयू नदी आदि अयोध्या में घूमने की जगह है|
- वाराणसी – गंगा के तट पर बसी सबसे प्राचीन नगरो में से एक धर्मनगरी काशी को कौन नहीं जानता होगा, बनारस की गलियाँ तथा वहाँ का अल्हड़पन भारत के प्राचीनतम नगर की संस्क्रति की झलक है| शिव की नगरी काशी बनारसी साड़ी तथा रेशम के लिए विश्वविख्यात है| उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में वाराणसी का अपना विशेष स्थान है, यहाँ आकर आप बनारसी चाय, बनारसी पान, यहाँ की चाट, लस्सी तथा लोकल मिठाई इत्यादि का लुत्फ उठा सकते हैं| वाराणसी के बिना उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह पूरी नहीं कही जा सकती है|
लखनऊ से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित बनारस में बाबा विश्वनाथ मंदिर, दशास्व्मेध घाट की आरती, अस्सी घाट, संकट मोचन मंदिर, रामनगर फोर्ट, मणिकर्णिका घाट, तुलसी मानस मंदिर आदि प्रशिद्ध स्थान हैं| देश की सांस्क्रतिक राजधानी कहे जाने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थित काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर से सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी में स्थित बौद्ध धर्म की पुण्य भूमि सारनाथ स्थित है, जहाँ पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और उन्होंने पहला उपदेश यही पर दिया था, सारनाथ बौद्ध अनुयायी के लिए सबसे पूजनीय स्थान है|
- मथुरा- श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा का उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान है, यमुना तट पर बसी पवित्र नगरी मथुरा में विश्व भर से कृष्ण भक्त आते हैं, यहाँ सर्वाधिक पर्यटक होली तथा कृष्ण जी के जन्मोत्सव, जन्माष्टमी को मनाने के लिए आते हैं, ब्रज की होली विश्व भर में प्रसिद्ध है| कृष्ण की नगरी होने की वजह से यहा का दूध, लस्सी तथा रबरी बहुत प्रसिद्ध हैं, मथुरा के पेड़ें का बिना स्वाद लिए आपकी मथुरा यात्रा पूरी नहीं कही जा सकती| इस नगरी का उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान है|
प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पश्चिम दिशा में लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर मथुरा स्थित है| मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर, गोवर्धन पहाड़ी (गिरिराज पर्वत) तथा पारख जी द्वारा निर्मित श्री द्वारकाधीश मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं| मथुरा का नाम उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में प्रमुखता से लिया जाता है|
- वृन्दावन – कान्हा की बाल लीलाओं का अनुभव करने के लिए मथुरा जिले से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वृन्दावन जाना होगा जहाँ पर देश विदेश से लाखो कृष्ण भक्त आते हैं| वृन्दावन की रज में सैकड़ों मंदिर हैं जिनमे से प्रमुख कृपालु जी का प्रेम मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, पागल बाबा मंदिर तथा इस्कान मंदिर आदि हैं|
मथुरा या वृन्दावन से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बरसाना में घूमे बिना आपकी वृन्दावन की यात्रा पूरी नही हो सकती| बसंत पंचमी से शुरू होने वाली लठ्ठमार होली के लिए, राधारानी धाम बरसाना विश्व प्रसिद्ध है| बरसाना में राधारानी प्रमुख मंदिरों में से एक है| वृन्दावन के बिना उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह पूरी नहीं हो सकती है|
- आगरा – आगरा में स्थित प्रेम का प्रतीक कहे जाने वाले दुनिया के 7 आश्चर्य में शामिल विश्व धरोहर मकबरा ताजमहल को कौन नही जानता होगा, जिसे मुग़ल शासक शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था, आगरा ,उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह के लिए विदेशी सैलानी भी आते है| श्वेत संगमरमर का बना ताजमहल के आलावा आगरा में मुग़ल सम्राट अकबर के द्वारा 1565 ईसवी लाल बलुआ पत्थर से बना रेड फोर्ट तथा अकबर का मकबरा भी मुगल वास्तुकलाओं के श्रेष्ठतम उदाहरणों में से एक है|
आगरा से 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी जो 1571 से 1585 ईसवी तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी भी रहा, मुग़ल वास्तुकला के सबसे अच्छे स्मारक यहाँ पर स्थित हैं| दीवान-ए-खास, बुलंद दरवाजा, पञ्च महल, शाही मस्जिद तथा आँख मिचौली आदि प्रमुख स्मारक हैं|
आगरा, लखनऊ से लगभग पश्चिम दिशा में 335 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, परन्तु यह राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से मात्र 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, आगरा के पेठे पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं| आगरा, मथुरा, वृन्दावन पास पास है जिन्हें आप एक साथ उत्तर प्रदेश की घूमने की जगह में शामिल कर सकते है|
- लखनऊ – नवाबों के शहर के नाम से मशहूर लखनऊ से कौन नहीं परिचित होगा? उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ घूमे बिना उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह पूरी नहीं हो सकती, यहाँ आकर आप अंग्रेजो के समय बसायी गयी हजरतगंज की बाजार कर सकते हैं जो आज अपनी कई पुरानी इमारतों में नये जमाने के सभी सामानों को समेटे है|
लखनऊ शहर के बड़ा इमामबाडा, छोटा इमामबाडा, रूमी दरवाजा, नवाब वाजिद अली शाह जूलोजिकल पार्क मुख्य ऐतिहासिक स्थान है| मायावती जी द्वारा निर्मित अम्बेडकर मेमोरियल पार्क परिवार के साथ समय बिताने के लिए अच्छा आकर्षक का केंद्र है| लखनऊ निवासियों के लिए जनेश्वर मिश्रा पार्क टहलने आदि के लिए लखनऊ के सुन्दर स्थानों में से एक है|
खाने पीने के शौक़ीन लोगों के लिए लखनऊ का नाम सुनते ही मुहँ में पानी आना स्वाभाविक है यहाँ पर सबसे अधिक चौक की रबड़ी ,अवधी बिरयानी, कबाब तथा यहाँ मिलने वाला शाही टुकड़ा पूरे उत्तर प्रदेश में प्रशिद्ध है|
- कानपुर – लखनऊ से मात्र 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लेदर सिटी के नाम से मशहूर कानपुर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर भी कहा जाता है| अपने कनपुरिया अंदाज के लिए प्रसिद्ध कानपुर खाने के शौक़ीन लोगों के लिए स्वर्ग सामान है, ओद्योगिक नगरी कानपुर हर वर्ग के इन्सान के लिए बेहतर जीवन जीने और घूमने का विकल्प देती है| कानपुर की लाल इमली बिट्रिश समय से अपने कपड़ों की गुणवत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है|
कानपुर में आप जेके मंदिर, सुधांशु आश्रम, भीतरगाँव में स्थित गुप्तकालीन मंदिर, इस्कान मंदिर, बच्चो तथा नये युवाओं को ध्यान में रखते हुए बना मोतीझील पार्क, ऐतिहासिक ब्रह्मावर्त घाट तथा बिठूर में ही स्थित वाल्मीकि आश्रम प्रसिद्ध जगह हैं| बिठूर में साईं मंदिर में काफी दूर दूर से श्रद्धालू आते है| कानपुर में भगवान शिव के काफी प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनमे परमट में आन्देश्वर मंदिर, जाजमऊ में सिद्धनाथ तथा नवाबगंज में जागेश्वर मंदिर स्थित है| नवाबगंज में स्थित एलेन फारेस्ट जू में आप पूरे दिन के लिए जाकर परिवार के साथ समय बिता सकते हैं| खाने के शौकीन लोगो को कानपुर को अवश्य उत्तर प्रदेश के घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|
बाजार की द्रष्टि से भी कानपुर नगर काफी धनी है, दैनिक जीवन के लिए सीसामऊ बाजार, शिवाला, नवीन मार्केट, मेस्टन रोड आदि काफी बड़ी बाजारे हैं जहाँ आप डेली लाइफ का सामान ले सकते हैं| मनी राम बगिया तथा जवाहर नगर बिजली के सामान के लिए वही बिरहाना रोड ज्वैलरी के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हैं| फूलबाग में प्रसिद्ध ऐतिहासिक पार्षद पुस्तकालय भी आप जा सकते है|
- प्रयागराज- गंगा, यमुना तथा सरस्वती नदी की संगम स्थली प्रयागराज जिसका पूर्वंनाम इलाहाबाद था| मान्यता है की संगम में गंगा तथा यमुना प्रत्यक्ष रूप में तथा सरस्वती नदी अप्रत्यक्ष रूप से मिलती है| प्रयागराज में प्रत्येक 12 वर्ष में होने वाले हिन्दू धर्म के सबसे बड़े मेले कुम्भ का आयोजन होता है, करोड़ों की संख्या में आने वाले इस मेले का अब अगला आयोजन 29 जनवरी 2025 से होना है| कुम्भ के समय तो अवश्य ही उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में प्रयागराज का नाम सर्वप्रथम आना चाहिए|
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम, बड़े हनुमान जी का मंदिर, आनंद भवन, श्री चन्द्रशेखर आजाद पार्क, इलाहाबाद म्यूजियम, खुसरो बाग तथा न्यू यमुना ब्रिज मुख्य पर्यटन स्थल है|
- चित्रकूट – प्राचीन धर्म नगरी चित्रकूट में श्रीराम के वनवास काल से जुड़े कई मान्यताएं हैं, गुप्त गोदावरी जहाँ पर वनवास के शुरुआत के अधिकांश वर्षो तक माता सीता , श्री राम तथा श्री लक्षमण जी का निवास स्थान था, चित्रकूट में ही भरत जी ने रामचंद्र जी को वापस अयोध्या लाने तथा राजपाट संभालने के लिए मनाने की विफल कोशिश की थी|
उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में खास स्थान रखने वाले चित्रकूट, लखनऊ से 230, प्रयागराज से 130 तथा मध्यप्रदेश के सतना से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर प्रदेश तथा मध्यप्रदेश के बॉर्डर में स्थित है| चित्रकूट में गुप्त गोदावरी के अतिरिक्त, कामदगिरी पर्वत में कामतानाथ मंदिर, भरत मिलाप मंदिर, हनुमानधारा, माता अनुसुइया आश्रम, स्फटिक शिला, राम घाट जो की मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है यहाँ के प्रमुख धार्मिक तथा पर्यटन स्थल है|
- मिर्जापुर – प्रयागराज से 90 किलोमीटर तथा वाराणसी से मात्र 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मिर्जापुर का उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में अपना अलग स्थान है, विन्ध्याचल पर्वत के पास बसा यह शहर प्राक्रतिक सुन्दरता तथा धार्मिक वातावरण का अद्भुत संगम है, मिर्जापुर जिले में सबसे प्रशिद्ध स्थान माँ विंध्यवासिनी धाम है| इसके अतिरिक्त तारकेश्वर महादेव, चुनार फोर्ट, सीता कुंड, विन्डम वॉटरफॉल, पिकनिक स्पॉट लखनिया दरी वॉटरफॉल आदि मुख्य आकर्षण का केंद्र है|
- नोएडा – नोएडा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अंतर्गत आने के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे तेज विकसित होने वाले शहरों में से एक हैं| नयी दिल्ली से मात्र 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नोएडा, गौतम बुद्ध नगर के अंदर आता है| भारत में अन्तराष्ट्रीय लेवल पर प्रसिद्धी पाया हुआ एकमात्र स्पोर्ट कार रेसिंग क्षेत्र ‘बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट’ भी नोएडा में है| हिन्दू धर्म से जुडाव रखने वालों के लिए भव्य इस्कान मंदिर भी यहाँ स्थित है|
चकाचौंध से भरपूर इस शहर में वर्ड्स ऑफ़ वंडर नामक वाटरपार्क, प्रशिद्ध डीएलएफ माल (DLF MALL), बच्चों के मनोंरजन के लिए विश्व भर में फेमस चैन किडजानिया की भारत में स्थित ब्रांच किडजानिया इनडोर थीम पार्क आदि मनोरंजन के लिए सबसे बेहतर विकल्पों में से एक है| पक्षी के लिए स्वर्ग के समान ओखला पक्षी अभ्यारण्य जहाँ पर 300 से अधिक प्रजातियाँ निवास करती है, प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है| नये युवाओं तथा बच्चों के लिए नोएडा, उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह की सूची में प्राथमिकता में रहता है|
- झाँसी – शौर्य तथा पराक्रम की धरती, रानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि कही जाने वाली झाँसी जिसका स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान है, उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में झाँसी का मुख्य स्थान है| झाँसी का किला, पारीक्षा बाँध, गवरमेंट म्यूजियम झाँसी, रानी महल तथा महाराजा गंगाधरराव की छतरी उनमें से प्रमुख स्थान है|
- दुधवा नेशनल पार्क – लखीमपुर खीरी में स्थित प्रक्रति की अनमोल धरोहर दुधवा राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है| टाइगर रिजर्व क्षेत्र, दुधवा नेशनल पार्क में चीता, भारतीय हाथी,भारतीय गेंडे, बाघ, हिरन, गीदड़, लकड़बग्घा आदि प्रमुख वन्य जीव रहते हैं| उत्तर प्रदेश की घूमने की जगह में शामिल एकमात्र वन्य जीव अभ्यारण्य तथा लखनऊ से लगभग 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्थान पर आप सफारी ले कर घूम सकते है| नेपाल बॉर्डर में स्थित इस पार्क में असम के काजीरंगा के बाद भारतीय गेंडो की संख्या के मामले में दूसरा स्थान है|
उत्तर प्रदेश के बारे में रोचक तथ्य-
- उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, कुछ गणनाओं के अनुसार वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जनसँख्या 24 करोंड़ के लगभग होगी|
- सबसे अधिक जिले के मामले में भी उत्तर प्रदेश का पहला स्थान है, उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले है|
- यूनेस्को की विश्व विरासत स्थानों में शामिल, विश्व के सात अजूबों में से एक 1631 से 1653 के मध्य बनकर तैयार हुआ प्रेम का प्रतीक ताजमहल आज भी उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में सबसे अग्रणी पंक्ति में है| आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित सफ़ेद संगरमर से बना ताजमहल को मुग़ल शासक शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था|
- हिन्दू धर्म के अधिकांश पवित्र नगर जैसे काशी, अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज आदि उत्तर प्रदेश में ही स्थित है तथा यह सभी धार्मिक स्थान उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह भी है| उत्तर प्रदेश, राम तथा कृष्ण की जन्मस्थली होने के साथ साथ भगवान बुद्ध की कर्मभूमि भी है|
- पूरा उत्तर प्रदेश अपने लजीज स्वाद के लिए जाना जाता है, यहाँ का समोसा, चाट, रबड़ी ,गोलगप्पे, कबाब, शाही टुकड़ा, ब्रेड मक्खन, दूध की मिठाई आदि पूरे भारत में प्रसिद्ध है| यहाँ सुबह के स्ट्रीट फ़ूड में चाय के साथ पूड़ी कचोरी तथा खस्ता बहुत प्रचलित हैं|
- उत्तर प्रदेश में कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं, उनमे से बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तथा लखनऊ विश्वविद्यालय प्रमुख है|
- उत्तर प्रदेश की मुख्य फसल गेंहू, चावल, आलू तथा गन्ना हैं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना मुख्य फसल है|
- उत्तर प्रदेश में नदियों का जाल हैं जिसकी वजह से यह गंगा यमुना का दोआब क्षेत्र बहुत उपजाऊ है| उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, गोमती तथा घाघरा मुख्य नदियाँ है|
- उत्तर प्रदेश में कई त्योहार बहुत अधिक धूमधाम से मनाये जाते हैं, होली, दीपावली, रक्षाबंधन, दशहरा तथा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उनमे से प्रमुख है| वरसाना में मनायी जाने वाली होली भारत के साथ साथ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| वरसाना की होली देखने के लिए इसे उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में अवश्य शामिल करना चाहिए|
- उत्तर प्रदेश से आज तक सबसे अधिक निर्वाचित नेता देश के प्रधानमंत्री बने हैं|
- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रत्येक 12 वर्ष में लगने वाले कुम्भ मेला विश्व का सबसे बड़े त्योहार में से एक है, जहाँ करोड़ों की संख्या में लोग एकसाथ एकत्रित होते है|
- रामलीला, रासलीला तथा नौटंकी आदि प्रसिद्ध लोकनाटक उत्तर प्रदेश की पहचान है|
- उत्तर प्रदेश का बनारस बनारसी साडियों तथा सिल्क, कानपुर चमडा उद्योग, फिरोजाबाद कांच की चूड़ियों, लखनऊ चिकनकारी तथा अलीगढ तालों के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है|
उत्तर प्रदेश कैसे पहुंचें?
- हवाई मार्ग द्वारा – उत्तर प्रदेश सर्वाधिक अन्तराष्ट्रीय तथा घरेलू एयरपोर्ट वाला राज्य है| उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या, कुशीनगर, कानपुर आदि प्रमुख हवाईअड्डे हैं, जहाँ से लगभग सभी स्थानों की उड़ानें उपलब्ध है| दिल्ली नेशनल कैपिटल रीजन के अंतर्गत नोएडा क्षेत्र भी आता है जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग आसानी से नयी दिल्ली से भी फ्लाइट की सेवा ले सकते है|
- रेलमार्ग के द्वारा – उत्तर प्रदेश का उत्तर भारत के मैदानी भाग में स्थित होने के कारण भारत के प्रत्येक कोने से रेल द्वारा आवागमन काफी आसान है, उत्तर प्रदेश के मुख्य नगरों से पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण दिशा की ओर की लिए आसानी से ट्रेन उपलब्ध हो सकती है| उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह आप रेल द्वारा भी आप आसानी से पहुँच सकते है|
- सड़क मार्ग द्वारा – उत्तर प्रदेश सडक द्वारा यात्रा करने के लिए भी एक उत्तम स्थान है| उत्तर प्रदेश में तीन एक्सप्रेस वे भी हैं जिन तीनों के माध्यम से आप उत्तर प्रदेश के पश्चिमी छोर से पूर्वी छोर तक 800 किलोमीटर की दूरी मात्र 12 से 13 घंटे में आसानी से पूरी कर सकते है| सडक मार्ग में आप खुद के साधन से दिन या रात किसी भी समय यात्रा कर सकते हैं| उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह को आसानी से सरकारी बसों द्वारा भी पूरा किया जा सकता है|
उत्तर प्रदेश में रुकने का स्थान-
जनसंख्या बाहुल्य तथा औद्योगिक राज्य होने के कारण आपको यहाँ बजट होटल से ले के महंगे से महंगे होटल भी आसानी से मिल जायेंगे| सभी स्थानों पर भोजन के लिए भी यहाँ पर आपको बड़ी आसानी से रेस्तरां तथा ढाबा शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों प्रकार के उपलब्ध हो जायेंगे|
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FAQ-
प्रश्न- पर्यटन की द्रष्टि से उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?
उत्तर- उत्तर प्रदेश पर्यटन की द्रष्टि से काशी, मथुरा, अयोध्या, आगरा, वृन्दावन, प्रयागराज, लखनऊ तथा लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा नेशनल पार्क आदि प्रमुख उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह है|
प्रश्न- कुम्भ का मेला कहाँ कहाँ पर लगता है?
उत्तर- कुम्भ का मेला भारत के 4 शहरों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन तथा नासिक शहर में प्रत्येक 12 वर्ष के अन्तराल में अलग अलग समय में होता है| प्रयागराज का उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में अपना अलग महत्व है|
प्रश्न- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुम्भ मेला कब होगा?
उत्तर– उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अब अगला कुम्भ मेला 13 जनवरी 2025 को पौष की पूर्णिमा से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन तक चलेगा| कुम्भ मेलें का आयोजन 45 दिनों तक होता है|
प्रश्न- वृन्दावन में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?
उत्तर- उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में सबसे सुन्दर तथा कृष्ण की बाल-लीलाओं तथा कृष्ण भक्ति के लिए प्रसिद्ध वृन्दावन में आकर आप बरसाना, प्रेम मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, पागल बाबा मंदिर तथा इस्कान मंदिर आदि जगह दर्शन कर सकते है|
प्रश्न- उत्तर प्रदेश में खाने के स्वाद लिए प्रसिद्ध स्थान कौन कौन से हैं?
उत्तर- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक खाने के स्वाद के लिए कानपुर, लखनऊ तथा वाराणसी प्रसिद्ध है, जिन्हें उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह में जरूर शामिल करना चाहिए|
प्रश्न- उत्तर प्रदेश को कितने दिनों में घुमा जा सकता है?
उत्तर- उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल की द्रष्टि से बड़ा राज्य है इसलिए उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह को एक साथ न घूमकर आप अलग अलग खंडो को भौगोलिक आधार पर उसके विभिन्न क्षेत्रों को घूम सकते है, फिर भी पूरा उत्तर प्रदेश घूमने में आपको 15 से 20 दिन का समय लग सकता है|
निष्कर्ष-
‘उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह’ आर्टिकल में हमने सभी पर्यटक स्थान को संक्षेप में बताने की कोशिश की है, इन सभी पर्यटक स्थानों का विस्तारपूर्वक वर्णन आगे आने वाले आर्टिकल में करेंगे, यदि किसी विषय या पर्यटन स्थान में आप अधिक जानकारी चाहते है तो हमारे दिए गये माध्यमों से जुड़ सकते हैं|
उत्तर प्रदेश में घूमने की जगह नामक आर्टिकल तथा अन्य किसी भी प्रकार के आपके द्वारा दिए गये सुझाव हमेशा सह्रदय स्वीकार रहेंगे| अगर हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगे तो अन्य लोगो के साथ साझा करे तथा हमारे अन्य पोस्ट भी पढ़ सकते हैं| मिलते हैं जल्द ही किसी नये स्थान पर नयी जानकारियों के साथ| धन्यवाद|