नागालैंड, भारत के खूबसूरत राज्यों में से एक जिसकी प्राचीन सम्रद्ध संस्क्रति ही इसको रहस्यमयी तथा रोमांचित बनाती है| त्योहारों की भूमि: नागालैंड की छवि निर्माण के लिए वहाँ की जनजातियो के त्योहार उनके रहन-सहन, उनकी विभिन्न वेशभूषा, न्रत्य, हेड हंटर से जुडी कथाओं के साथ साथ वहाँ पर प्रक्रति प्रदत्त नागा पर्वत श्रंखला की वादियों की भी आवश्यकता है|
16 जिले वाले नागालैंड की राजधानी कोहिमा है, परन्तु दीमापुर का नाम सबसे बड़े तथा विकसित जिले में लिया जाता है| दीमापुर शहर ही नागालैंड को भारत के अन्य राज्यों के साथ रेल तथा वायुमार्ग से जोड़ता है|
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नागालैंड की भौगोलिक स्थिति-
नागा हिल्स के बीच में बसे इस राज्य की अधिकांश जनसंख्या पहाड़ी क्षेत्रों में ही निवास करती है| नागालैंड का मुकुट कहा जाने वाले माउंट सरामती, भारत तथा म्यामांर के बीच प्राकतिक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाता है| माउंट सरामती, नागालैंड की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है जिसकी ऊंचाई 3826 मीटर (12552 फीट) है|
भारत के सात पूर्वी राज्यों में से एक “त्योहारों की भूमि: नागालैंड” पश्चिम दिशा में म्यामांर के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करता हैं, इसके उत्तर-पूर्व में अरुणाचल प्रदेश, दक्षिण दिशा में मणिपुर राज्य हैं| पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम दिशा में असम, नागालैंड का पड़ोसी राज्य है|
त्योहारों की भूमि: नागालैंड का इतिहास-
1944 ईसवी में वर्ड वॉर-2 का गवाह रह चुका नागालैंड क्षेत्र, अंग्रेजों के समय “द नागा हिल्स” के नाम से जाना जाता था| आजादी के बाद से 1957 तक “द नागा हिल्स” को असम राज्य के एक प्रशासनिक जिले के रूप में पहचान मिली|
लगातार स्वतन्त्र राज्य की मांग तथा भौगोलिक विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए 13वें संवैधानिक संसोधन,1962 को नागालैंड राज्य की परिकल्पना की गयी| इस संसोधन के माध्यम से नागालैंड राज्य की स्थापना तथा वहाँ की संस्क्रति के रक्षण के लिए कुछ विशेषाधिकार दिए गए| 1 दिसम्बर 1963 को नागाओ की भूमि: नागालैंड को आधिकारिक रूप से भारत के अभिन्न सोलहवें राज्य के रूप में स्थान मिला|
नागालैंड की प्रमुख जनजाति, भाषा तथा भोजन-
नागालैंड में 17 प्रमुख जनजाति हैं | सभी जनजातियों के अपने अपने रिवाज, पहनावें तथा भाषा इन सभी को एक दूसरे से भिन्न बनाते हैं| इन 17 जनजातियों की कुछ उप-जनजाति भी है| नागालैंड के 16 जिले इन्ही जनजाति के आधार पर बने हैं|
नागालैंड की प्रमुख 17 जनजाति निम्न हैं-
- अंगामी (Angami)
- एओ (Ao)
- चाखेसांग (Chakhesang)
- कचरी (Kachari)
- कुकी (Kuki)
- कोन्याक (Konyak)
- लोथा (Lotha)
- फोम (Phom)
- संगतम (Sangtam)
- सुमी (Sumi)
- खियामनिउंगन (Khiamniungan)
- पोचुरी (Pochury)
- रेंगमा (Rengma)
- यिमखियुंग (Yimkhiung)
- चांग (Chang)
- जेलियांग (Zeliang)
- तिखिर (Tikhir)
नागालैंड के भोजन में भारतीय स्वाद के साथ साथ दक्षिण-एशिया के व्यंजनों की भी झलक दिखती हैं| त्योहारों की भूमि: नागालैंड में सामान्यतया माँसाहार व्यंजन अधिक पसंद करे जाते हैं| मसालों में लोकल की अदरख तथा लहसुन का अधिक उपयोग होता हैं| अन्य मसालें यहाँ कम पसंद करे जाते हैं|
नागा लोग तीखा काफी पसंद करते हैं| नार्थईस्ट की मिर्ची को विश्व की सबसे कड़वी मिर्ची में से एक माना जाता है, उनमें से ही एक प्रजाति नागालैंड में भी होती है जिसे राजा मिर्ची (किंग चिली) के नाम से जाना जाता है|
नागा लोग सब्जी ज्यादातर उबालकर खाना पसंद करते है| शाकाहारी लोग के लिए काफी कम विकल्प रहते हैं| नागालैंड में ब्लैक स्टिकी राइस के व्यंजन काफी जगह में मिल जाते हैं| बैम्बू शूट को भी यहाँ के भोजन में प्राथमिकता दी जाती है|
त्योहारों की भूमि: नागालैंड में काफी प्रकार के मीट खाए जाते है| पोर्क, चिकन, मटन, बीफ, फिश यहाँ काफी प्रचलन में है| नागाओं की भूमि में स्थानीय लोग स्मोक्ड मीट भी काफी पसंद करते है| इसके अलावा वहाँ की जनजाति अपने भोजन में मेढ़क, केंचुए, हिरण, कुत्ते इत्यादि को भी शामिल करते हैं| यह भिन्नताएं ही नागा भोजन को एक अलग रोमांच प्रदान करती है| मांसाहारी लोगो को एक बार अवश्य ही यहाँ के पारंपरिक भोजन का स्वाद लेना चाहिए|
नागालैंड में घूमने की जगह-
यदि आप नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं तो आपको नागाओं की भूमि में अवश्य ही जीवन में एक बार घूमना चाहिये| आइये संक्षेप में जानते हैं प्रक्रति की सुन्दरतम स्थानों में से एक तथा त्योहारों की भूमि: नागालैंड में पर्यटन स्थान के बारे में-
दीमापुर-
दीमापुर, त्योहारों की भूमि: नागालैंड का सबसे बड़ा तथा विकसित शहर हैं| दीमापुर को विंडो ऑफ़ नागालैंड भी कहा जाता है| नागालैंड आने के लिए आपको दीमापुर ही अन्य राज्यों के साथ ट्रेन तथा हवाई मार्ग से जोड़ता है|
शॉपिंग की चाह रखने वालो के लिए दीमापुर, नागालैंड का सबसे अच्छा स्थान हो सकता है| दीमापुर में प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न हैं-
- ट्रिपल फाल्स (Triple Falls)
- कछारी खंडहर (Kachari Ruins)
- चुमुकेदिमा (Chumukedima)
- डाइजेफे क्राफ्ट विलेज (Dizephe Craft Village)
- नागालैंड प्राणी उद्यान (Nagaland Zoological Park)
- नागालैंड विज्ञान केंद्र (Nagaland Science Centre)
- नागालैंड बाँस संसाधन केंद्र (Nagaland Bamboo Resource Centre)
- ग्रीन पार्क (Green Park))
- सुमी टाउन बापिस्ट चर्च (Sumi Town Bapist Church)
- दीमापुर शिव मंदिर (Dimapur Shiva Temple)
- हांगकांग मार्केट (Hongkong Market)
- दीमापुर का लोकल मार्केट (Local Market Of Dimapur)
कोहिमा-
त्योहारों की भूमि: नागालैंड की राजधानी कोहिमा में वर्षभर पर्यटक आते हैं| दीमापुर से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोहिमा में आप टैक्सी अथवा बस के माध्यम से पहुँच सकते हैं|
नागालैंड की संपन्न संस्क्रति को करीब से जानने के लिए नागालैंड के कोहिमा जिले में पर्यटकों को निम्न स्थानों पर अवश्य जाना चाहिए-
- जूको वैली (Dzukou Valley)
- किसामा हेरिटेज विलेज (हार्नबिल फेस्टिवल के लिए भी प्रसिद्ध) (Kisama Heritage Village)
- कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान (Kohima War Cemetery)
- जफ्फु पीक ट्रेक (Japfu Peak trek)
- कोहिमा प्राणी उद्यान (Kohima Zoo)
- जखामा गाँव (Jakhama village)
- खोनोमा गाँव (Khonoma Village)
- तौफेमा गाँव (Touphema Village)
- नागालैंड राज्य संग्रहालय (Nagaland State Museum)
- मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन कैथेड्रल (Mary Help of Christians Cathedral)
- पुलिए बाडज़े वन्यजीव अभयारण्य (Pulie Badze Wildlife Sanctuary)
- माओ मार्केट (Mao Market)
मोकोकचुंग-
त्योहारों की भूमि: नागालैंड की सांस्क्रतिक तथा बौद्धिक राजधानी के नाम से जाना जाने वाला मोककचुंग ने अपने रीति रिवाजो तथा धनी संस्क्रति को संजो के रखा हैं| एओ जनजाति की संस्क्रति का केंद्रबिंदु वाले इस स्थान में निम्न दर्शनीय स्थान हैं-
- उन्गमा विलेज (Ungma Village)
- मोकोकचुंग जिला संग्रहालय (Mokokchung District Museum)
- मोकोकचुंग पार्क (Mokokchung Park)
फेक-
दक्षिण-पूर्व दिशा में म्यांमार देश के साथ सीमा साझा करने वाला फेक जिला एक पहाड़ी क्षेत्र है| यहाँ प्रमुख पर्यटन स्थान हैं-
- शिलोई झील, मेलुरी (Siloi lake, Meluri)
- ग्लोरी पीक, प्फुत्सेरो (Glory peak, Pfutsero)
- अवाखुंग (Avakhung)
- त्सो तवो खेज्हकेनो गाँव (Tso Tawo, Khezhakeno Village)
मोन-
नागाओं की सबसे बड़ी जनजाति कोन्याक का निवास स्थान मोन, त्योहारों की भूमि: नागालैंड का सबसे उत्तरी जिला है| हेड हन्टर्स की अंतिम घटनाओं वाले इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए निम्न स्थान हैं-
- लोंग्वा गाँव (Longwa Village)
- वेदा पीक (Veda Peak)
- शंग्फान वन्यजीव अभयारण्य (Shangphan Wildlife Sanctuary)
- शंग्न्यु गाँव (Shangnyu Village)
किफिरे-
त्योहारों की भूमि: नागालैंड में ‘द लैंड ऑफ मिनिरल्स’ के नाम से जाना जाने वाला किफिरे जिले के मूल निवासी संगतम जनजाति हैं| खनिजो की भूमि वाले इस स्थान में निम्न घूमने की जगह हैं-
- माउंट सरामाती (Mount Saramati)
- मिमी गुफा (Mimi Cave)
- फाकिम वन्यजीव अभयारण्य (Fakim Wildlife Sanctuary)
- फाकिम वन्यजीव अभयारण्य (Fakim Wildlife Sanctuary)
ज़ुन्हेबोटो-
प्रक्रति से प्रेम तथा एडवेंचर को पसंद करने वालो के लिए ज़ुन्हेबोटो जिला उत्तम स्थान हो सकता है| सुमी जनजाति की बाहुलता वाले इस जिले में निम्न स्थान प्रकति की सुन्दरता में चार चाँद लगाते है-
- ज़ुन्हेबोटो टाउन चर्च (Zunheboto Town Church)
- सतोई रेंज (Satoi Range)
- घोसू पक्षी अभयारण्य (Ghosu Bird Sanctuary)
वोखा-
लाथोस जनजाति की धरती वोखा जिला, त्योहारों की भूमि: नागालैंड के मध्य पश्चिमी भाग में स्थित है| वोखा जिले में घूमने की जगह निम्न है-
- दोयांग हाइड्रो प्रोजेक्ट (Doyang Hydro Project)
- माउंट तियी (Mount Tiyi)
- दोयांग नदी (Doyang River)
- तोत्सू क्लिफ (Totsu Cliff)
नागालैंड के बारे में रोचक तथ्य-
भारत की सप्त बहनों में से एक नागालैंड के बारे में वेब दुनिया में भी काफी कम सुगठित जानकारी उपलब्ध है| आइये जानते हैं त्योहारों की भूमि: नागालैंड के बारे में रोचक तथ्य-
- त्योहारों की भूमि: नागालैंड, भारत का अभिन्न अंग होने के बावजूद, देश या विदेश के किसी नागरिक को यहाँ जाने के लिए एक अलग से परमिशन की आवश्यकता होती है| यह परमिशन भारतीय संविधान के तहत नागालैंड की जनजातीय संस्कृति के रक्षण हेतु आवश्यक है|
नागालैंड जाने के लिए, नागालैंड राज्य के द्वारा दी जाने वाली इस परमिशन को भारत के कानूनी भाषा में इनर लाइन परमिशन (ILP) कहते हैं| इसके लिए आवेदन आप यात्रा के समय ऑफलाइन माध्यम अथवा ऑनलाइन माध्यम से भी कर सकते हैं|
- त्योहारों की भूमि: नागालैंड, भारत के उन तीन राज्यों में से एक है जहाँ ईसाई धर्म बहुसंख्यक है, इसके अलावा मिजोरम तथा मेघालय हैं|
- दुनिया के आखिरी हेड हन्टर्स कोन्याक जनजाति को माना जाता है, ये आज भी त्योहारों की भूमि: नागालैंड के मोन जिले में निवास करते है| भारत सरकार ने 1960 में हेड हंटिंग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था, हालाँकि हेड हंटिंग की अंतिम रिपोर्ट 1963 तथा 1969 को दर्ज करी गयी थी|
- कोन्याक जनजाति, नागालैंड की सबसे बड़ी जनजाति है, इन्हें “वारियर ऑफ़ नागालैंड” भी कहते हैं|
- त्योहारों की भूमि: नागालैंड में सामान्यतया जिलों का परिसीमन वहाँ की जनजाति के आधार पर किया गया है|
- नागालैंड में एक जनजाति की कई उपजाति भी होती हैं जिनकी भाषाएँ भी एक दूसरे से काफी अलग हैं तथा कई समुदाय एक दूसरे की भाषा समझने में असहज हैं|
- त्योहारों की भूमि: नागालैंड के प्रत्येक गाँव किसी एक विशेष जनजाति समुदाय के होते हैं, जिसका एक मुखिया होता है जिसे गाँव का किंग (राजा) की उपाधि प्राप्त होती है| यह राजा वंसानुगत होता है|
- त्योहारों की भूमि: नागालैंड के गाँव आज भी काफी हद तक स्वायत्त निकाय (Autonomous Body) हैं जो की अपने दैनिक जीवन से जुडी समस्याओं का निवारण तथा अन्य छोटे कार्यों का संपादन राजा तथा पंच के साथ मिलकर करते हैं| इनका स्वयं का बाजार भी होता है| इनका एक दूसरे से प्रथक रहने का कारण अपनी संस्कृति के क्षरण को रोकना है|
- पूरे विश्व में पूर्वोत्तर भारत की मिरची को सबसे अधिक तीखा माना जाता है, उनमें से एक किंग चिली नामक प्रजाति त्योहारों की भूमि: नागालैंड में भी पायी जाती है|
- नागालैंड की अधिकांश जनसँख्या कृषि प्रधान है यहाँ के लोकल उगाये गये अदरख तथा लहसुन पर्यटकों के मध्य काफी पसंद किये जाते हैं|
- नागालैंड में घूमने की जगह में से एक दीमापुर आने पर आपको यहाँ की मार्केट अवश्य करना चाहिये| यहाँ से आप लकड़ी के बने सामान तथा काफी शापिंग कर सकते हैं|
नागालैंड के बारे में भ्रान्तियां-
इन्सान का स्वाभाविक गुण है की किसी विशेष स्थान या व्यक्ति की बारे में जब गहनता से जुड़ाव न महसूस कर सके या उस स्थान के बारे में जानकारी का अभाव हो तो उसकी नकारात्मक छवि बना लेना| यह छवि नागालैंड के बारे में सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यम में काफी देखने को मिलती है|
यहाँ जानते हैं प्रक्रति के काफी करीब तथा भारत के अभिन्न अंगो में से एक नागालैंड के बारे में लोगो की क्या क्या भ्रांतियाँ फैली हैं-
- नागालैंड के बारे में लोगो के बीच सबसे बड़ी भ्रान्ति यह है की यह एक खतरनाक राज्य है, यह बात कई सोशल मीडिया में देखने को मिलती हैं| इस बात में कोई तथ्य नहीं है, यह कहना की नागालैंड एक खतरनाक राज्य है सिर्फ अज्ञानता है| यहाँ के लोग बहुत ही मिलनसार, मददगार होते है| पर्यटकों का उन्मुक्त मन से अपने घरो में स्वागत करते है|
- नागालैंड के बारे में कई स्थानों में यह भी लिखा रहता है की यहाँ यात्रा करना सेफ नहीं है, यह भी पूर्णता गलत है, यद्यपि यह बात सच हैं की यहाँ उतने संसाधन नहीं है| आपको यात्रा के पहले साधन, होटल आदि का समुचित प्लान कर लेना चाहिये|
- नागाओं की भूमि के बारे में लोगो की मान्यता हैं की यहाँ पर आज भी हेड हंटिंग (मानव का शिकार) होती है परन्तु यह पूरी तरह से गलत है, भारत सरकार की 1960 में पाबन्दी के उपरांत अंतिम हेड हंटिंग की रिपोर्ट 1963 तथा 1969 में दर्ज की गयी थी|
- मंगोलियन चेहरे के आधार पर काफी लोगो का नागालैंड के लोगो को चाइना के वासी कहना उनकी अशिक्षा, असभ्यता को दर्शाता हैं| परन्तु यह सच्चाई है आज भी अपने ही देश में कई बार पूर्वी भारत के लोगो को इस तरह के मजाक का सामना करना पड़ता है, जबकि पूर्वी भारत के लोग अपने यहाँ अतिथि का स्वागत काफी खुले दिल से करते हैं|
- नागालैंड के भोजन विशिष्टता को लेकर भी काफी प्रश्न लोग करते हैं की यहाँ पर सभी तरह के जीव जंतु खा लिए जाते है, कुछ हद तक नागा फ़ूड की यह बात सही भी है|
हमे सदैव एक बात याद रखनी चाहिये की किसी भी सभ्यता का भोजन, रीतिरिवाज तथा वेशभूषा उस स्थान के संसाधन, समाज, तथा पुराने समय से चली आ रही संस्कृति से प्रभावित होते हैं| किसी के भोजन आदि के आधार पर हम किसी को सही गलत नही बता सकते|
व्यक्तिगत तौर पर हम भी शुद्ध शाकाहारी है और जीव हत्या को सही नहीं मानते परन्तु हमारे लिए फिर सभी जीव बराबर हैं और हम उनको खाने वालो से असहमत हो सकते हैं, परन्तु नफरत नहीं करते, चाहे वो किसी स्थान के हो|
FAQ-
प्रश्न- नागालैंड को त्योहारों की भूमि क्यों कहा जाता है?
उत्तर- नागालैंड एक कृषि प्रधान राज्य है, यहाँ की लगभग सभी जनजाति समय समय पर फसल सीजन के शुरुआत तथा अंत होने पर उसको उत्सव के रूप में मनाती हैं| यहाँ हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता हैं जो यहाँ के जीवन में एक नया रंग भर देता है इसलिए नागालैंड को त्योहारों की भूमि कहना बिलकुल उपयुक्त है|
प्रश्न- नागालैंड की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?
उत्तर- कोन्याक जनजाति नागालैंड की सबसे बड़ी जनजाति है|
प्रश्न- नागालैंड का सबसे बड़ा शहर कौन सा है?
उत्तर- दीमापुर, नागालैंड का सबसे बड़ा तथा विकसित शहर है|
प्रश्न- विश्व प्रसिद्ध हॉर्नबिल फेस्टिवल कहाँ मनाया जाता है?
उत्तर- हॉर्नबिल फेस्टिवल, किसामा हेरिटेज विलेज में मनाया जाता है जोकि कोहिमा से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
प्रश्न- विश्व प्रसिद्ध हॉर्नबिल फेस्टिवल कब मनाया जाता है?
उत्तर- विश्व प्रसिद्ध हॉर्नबिल फेस्टिवल 1 दिसम्बर से 10 दिसम्बर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है|
यह भी जानें-
निष्कर्ष-
नागालैंड सीरीज के पहले लेख “त्योहारों की भूमि: नागालैंड” में नागालैंड के बारे में एक साधारण समझ बनाने की कोशिश की गयी है| पूर्वोत्तर भारत प्रक्रति के सबसे नजदीक है, पर्यटको को एक बार अवश्य ही अपने देश के इस सुन्दर राज्य को देखना चाहिये| अन्य लेख के तरह इसे भी अंत तक पढने के लिए आपका धन्यवाद| आपके सुझावों का इंतजार रहेगा|
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