तेजपुर में घूमने की जगह

असम के प्रमुख सांस्क्रतिक तथा औद्योगिक शहरों में से एक तेजपुर में घूमने की जगह की कोई कमी नहीं है, तेजपुर शहर, सोनितपुर जिले का जिला मुख्यालय है तथा ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे में बसा यह शहर शिक्षा की द्रष्टि से भी असम के अत्यंत महत्वपूर्ण शहरों में से एक है| तेजपुर मंदिरों, प्राचीन ऐतिहासिक स्थानों, कलाओं तथा वन्यजीवों के लिए पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है|

         उत्तरी असम का प्रमुख शहर तेजपुर में घूमने की जगह में नामेरी राष्ट्रीय उद्यान, अग्निगढ़, महाभैरव मंदिर, चित्रलेखा उद्यान, गणेश घाट, उग्रशोर द्वीप, कोलिया भोमोरा सेतु, बामुनी हिल्स, पदुम पोखरी झील, भैरबी मंदिर तथा हलेश्वर मंदिर आदि का नाम सबसे उपर आता है| तेजपुर, गुवाहाटी शहर से उत्तर-पूर्व की ओर स्थित है तथा नौगाँव के रास्ते से इसकी दूरी लगभग 183 किलोमीटर है|

तेजपुर नाम की पौराणिक कथा–

प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाने वाला तेजपुर का असमिया भाषा में शाब्दिक अर्थ रक्त का शहर है, इस नाम के पीछे की वजह भगवान श्रीकृष्ण तथा बाणासुर के बीच होने वाले घनघोर युद्ध तथा रक्तपात है| तेजपुर से ऐतिहासिक कथा जुडी हुई है कि प्राचीन काल में तेजपुर के शासक राजा बाणासुर की पुत्री उषा को माता पार्वती के वरदान के अनुसार स्वप्न में एक सुन्दर राजकुमार से प्रेम हो जाता है|

उषा इस बात को अपनी सखा चित्रलेखा को बताती है जो कि पूर्वजन्म में अप्सरा तथा माता पार्वती की दासी थी| मायावी शक्ति की धनी चित्रलेखा, उषा के बताये हुए विवरण से उस युवक का चित्र बनाती है और यह भी पता लगाती हैं कि वह द्वारका में भगवान कृष्ण का पौत्र अनिरुद्ध है| चित्रलेखा, अनिरुद्ध को अपनी शक्तियों के माध्यम से द्वारिका से अपहरण कर उषा के साथ गन्धर्व विवाह करा देती है|

        शिवभक्त अहंकारी बाणासुर को यह बात पता चलती है तो कुपित होकर वह राजकुमार अनिरुद्ध को बंदी बना लेता है, इससे क्रोधित होकर श्रीकृष्ण तथा बलराम जी सोनितपुर स्वंय आकर बाणासुर पर आक्रमण कर बाणासुर की सभी भुजाएं काट देते है, तथा उसको पराजित करते है, भगवान शिव भी अपने अनुयायी के लिए आ जाते है, हरि (भगवान श्रीकृष्ण तथा उनके अनुयायी) और हर (भगवान शिव तथा उनके अनुयायी) के बीच भयानक युद्ध हुआ जिससे रक्त की नदियाँ बहने लगी| अपने अनुयायियों की रक्षा हेतु हर तथा हरि के युद्ध को रोकने हेतु स्वयं ब्रह्मा जी को आना पड़ा|

       ब्रह्मा जी द्वारा शिवजी और श्रीकृष्ण के क्रोध को शांत करके शिव जी द्वारा बाणासुर को समझाने के बाद उसे अपनी भूल का अहसास होता है उसके बाद वह शिव जी के समतुल्य भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण से क्षमायाचना करता है, श्रीकृष्ण, बाणासुर को क्षमा कर देते है| बाणासुर भी उषा तथा अनिरुद्ध के विवाह को अपना आशीर्वाद प्रदान करते है, इस तरह से प्रेम की विजय होती है, तथा यह तेजपुर की प्रेम की गाथा युगों युगों तक अमर हो जाती है|

तेजपुर में घूमने की जगह –

  • नामेरी राष्ट्रीय उद्यान – 15 नवम्बर 1998 में नामेरी अभ्यारण को नामेरी नेशनल पार्क में परिवर्तित कर के वन्यजीवों के हितों को और अधिक ध्यान में रखने के लिए मानवीय क्रियाकलापों को अधिक सख्त किया गया| 212 वर्ग किलोमीटर में फैला नामेरी नेशनल पार्क , मानस नेशनल पार्क के बाद असम का दूसरा टाइगर रिज़र्व क्षेत्र है| जिया-भोरोली नदी, नामेरी राष्ट्रीय उद्यान की जीवन रेखा तथा इस पार्क की मुख्य नदी है|

नामेरी राष्ट्रीय उद्यान में मुख्य रूप से वुड डक (सफ़ेद पंख वाले देवहंस), रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हॉग हिरण, भौकने वाले हिरन, हिमालय काले भालू, भारतीय विशाल गिलहरी तथा जंगली सुअर आदि जीवों का निवास है| तेजपुर शहर से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नामेरी नेशनल पार्क पर्यटन की द्रष्टि से तेजपुर के घूमने की जगह में अग्रणी स्थान रखता है, नवम्बर से अप्रैल माह यहाँ के लिए सबसे उपयुक्त समय हो सकता है| यहाँ के बारे में रिव्यु आप ट्रिपएडवाइसर नामक वेबसाइट में भी पढ़ सकते हैं|

  • अग्निगढ़ फोर्ट – अग्निगढ़ किले का निर्माण बाणासुर ने अपनी बेटी उषा के लिए करवाया था, जहाँ उसे सभी से अलग रख कर बिना उसकी अनुमति के उस तक कोई पहुँच न सके| अग्निगढ़ के शाब्दिक अर्थ से स्पष्ट हैं की अग्नि का किला, यह एक पहाड़ी पर बना हुआ किला है, मान्यता है की इस पहाड़ी में उषा रहती थी तथा सुरक्षा के लिए चारों ओर पहाड़ी में अग्नि जलती थी|
तेजपुर में घूमने की जगह, अग्निगढ़ किले का द्रश्य

जिन पर्यटकों की इतिहास में काफी रूचि होती है, उनके लिए तेजपुर में घूमने की जगह में अग्निगढ़ प्रथम स्थान पर हो सकता है| ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर स्थित पहाड़ी पर जिस पर घुमावदार सीडियों के माद्यम से आसानी से चढ़ा जा सकता है, ऊपर अग्निगढ़ फोर्ट में हर तथा हरि के युद्ध, उषा तथा अनिरुद्ध के विवाह की झाकियाँ आदि सजीव चित्र आपको एकाएक कुछ समय के लिए अवश्य अपने पास खीच लेंगे| अग्निगढ़ फोर्ट में पर्यटकों के लिए एक वाच टावर भी बनाया गया है जहाँ से आप ब्रह्मपुत्र नदी, सूर्यास्त तथा कोलिया भोमोरा सेतु का नजारा ले सकते है|

  • महाभैरव मंदिर – शिव जी के भक्त बाणासुर द्वारा बनवाया गया प्राचीन शिव मंदिर जो की सिर्फ पत्थर का बना था परन्तु वर्तमान मंदिर कंक्रीट का बना है, गवरमेंट ऑफ़ असम के द्वारा संचालित इस मंदिर में शिव जी का काफी बड़ा शिवलिंग स्थापित है, यहाँ काफी दूर दूर से लोग दर्शन हेतु आते है| शिवरात्रि के समय में यहाँ काफी बड़ा मेला लगता है तथा दूर दूर से लोग आते हैं| शहर के मध्य में स्थित इस पवित्र मंदिर के दर्शन के बिना तेजपुर में घूमने की जगह पूर्ण नहीं हो सकती|
तेजपुर में घूमने की जगह, महाभैरव मंदिर का द्रश्य
  • चित्रलेखा उद्यान तेजपुर में बच्चों को सबसे अधिक प्रिय तथा यहाँ पर रहने वाले लोकल लोगों के लिए परिवार के साथ समय बिताने के लिए सबसे खूबसूरत स्थान चित्रलेखा उद्यान श्रेष्ठ हैं, बागों के शहर तेजपुर में बिट्रिश कमिश्नर मिस्टर कोल द्वारा 1906 में बनाया गया जिसका पुननिर्माण एमजीवीके भानु द्वारा 1996 में कराया गया |

      उषा अनिरुद्ध के प्रेम कहानी के एक प्रमुख पात्र चित्रलेखा के नाम पर रखा गया यह पार्क नजदीक के स्कूलों की पेंटिंग तथा ड्राइंग प्रतियोगिता की मेजबानी करने के लिए भी जाना जाता है| इस सुरम्य पार्क में आकर आप बोटिंग का भी आनंद ले सकते है| चित्रलेखा पार्क में वायुसेना का रखा सुपरसोनिक विमान मिग 21 का पुराना मॉडल भी बच्चों के आकर्षण का केंद्र है| तेजपुर में घूमने की जगह में फोटोग्राफी पसंद करने वालों के लिए चित्रलेखा पार्क एक उत्तम विकल्प है|

  • गणेश घाट – ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे तथा शहर के मध्य में स्थित गणेश मंदिर जिसके नाम पर ही घाट का नाम, गणेश घाट रखा गया हैं| काफी तेजपुर वासियों की सुबह गणेश मंदिर में दर्शन के साथ ही शुरू होती है| यह गणेश जी के मंदिर के दर्शन के साथ साथ शाम बिताने के लिए तेजपुर की सबसे मशहूर स्थानों में से एक है| तेजपुर में घूमने की जगह में से एक गणेश घाट में कई पर्यटक सूर्यास्त देखने हेतु भी आते है|
  • उग्रशोर द्वीप – गणेश घाट से फेरी के द्वारा 10 मिनट में पहुँच कर आप प्रक्रति की नैसर्गिक सुन्दरता के साक्षी बन सकते हैं| उग्रशोर द्वीप काफी तेजी से पर्यटन की द्रष्टि से उभर रहा है| तेजपुर में घूमने की जगह में उग्रशोर द्वीप कैम्पिंग तथा रात्रि में रुकने के लिए काफी प्रसिद्ध हो रहा है|
  • कोलिया भोमोरा सेतु – 14 अप्रैल 1987 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा इस सेतु का उद्घाटन हुआ, 3.04 किलोमीटर लम्बा यह ब्रिज सोनितपुर के तेजपुर शहर को नौगाँव से जोड़ता है| तेजपुर में घूमने की जगह आने वाले पर्यटक एक बार  इस शानदार कोलिया भोमोरा ब्रिज में अवश्य रुक कर ब्रह्मपुत्र नदी का नजारा देखने के लिए विवश हो जाते हैं, काफी लोग यहाँ से सूर्यास्त भी देखते हैं| शाम को ब्रिज पर जलने वाली वाली रोशनी और उसकी छठा दूर दूर तक देखते ही बनती है|
  • बामुनी हिल्स – ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे प्राचीन अवशेषों की पहाड़ी, बामुनी हिल्स पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण में से एक है| यह अवशेष पुरातत्व विभाग के अनुसार 10 वी शताब्दी के लगभग, भगवान विष्णु जी को समर्पित गुप्तकाल के किसी मंदिर के है| पत्थरों की नक्काशी तथा उसमे स्थित मूर्तियाँ आपको यकायक कुछ समय के लिए रुकने को विवश कर सकती है| उषा अनिरुद्ध की प्रेम कथा के अनुसार मान्यता है की अनिरुद्ध को इसी स्थान पर बंदी बनाकर रखा गया था| बामुनी हिल्स, उत्तर भारतीय नागर शैली पर बना प्रतीत होता है|
  • पदुम पोखरी झील – शहर के मध्य में स्थित पदुम पोखरी, लोटस तालाब के नाम से भी जाना जाता है| पदुम पोखरी, तेजपुर में घूमने की जगह से अधिक यहाँ के स्थानीय निवासियों के बीच प्रसिद्ध है, समय होने पर आप यहाँ पर आकर फोटोग्राफी भी कर सकते हैं| इस झील के चारों ओर लोग सुबह और शाम को टहलने तथा परिवार के साथ पिकनिक मनाने आते हैं|
  • भैरबी मंदिर – भैरबी देवालय के नाम से जाना जाने वाला माँ दुर्गा की महाविद्याओं में से एक देवी भैरबी का यह मंदिर अत्यंत शांत तथा शहर की भीड़ से हटकर बना है| पक्षियों का कलरव इस पवित्र स्थान को और अधिक रमणीय बना देता है| कुछ सीढियाँ चढकर इस पहाड़ी में माता के दरबार पहुँचा जा सकता हैं, मंदिर के पीछे की ओर से कोलिया भोमोरा सेतु का भी द्रश्य दिखता है| मान्यता है की बाणासुर की बेटी उषा प्रतिदिन आराध्य देवी भैरबी की पूजा करने आती थी|
तेजपुर में घूमने की जगह, भैरवी मंदिर का द्वार, भैरवी मंदिर  का द्रश्य
  • हलेश्वर मंदिर – शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन शिवालय जहाँ पर शुभ अवसरों पर काफी संख्याँ में भक्त गण आते हैं| यहाँ स्थापित प्राचीन शिवलिंग के समक्ष लोग मनोकामना मांगते हैं वह पूरी होने पर खिचड़ी का प्रसाद स्वरूप वितरण करते हैं| यह प्रसाद स्वरूप खिचड़ी मंदिर के ही पुजारियों द्वारा तैयार की जाती है, अगर आप सप्ताह के अंत में पहुंचते है तो काफी सम्भावना है की यह प्रसाद आपको भी प्राप्त हो| मंदिर के पीछे एक बड़ा तालाब है जिसके ठीक मध्य में शिव जी की प्रतिमा भी है, तथा इस तालाब के आस पास कछुआ, बतख आदि कई तरह के जीव जन्तु रहते हैं|
  • जहाज घाट – जहाज घाट स्थानीय लोगों के बीच सबसे अधिक शाम के कुछ खूबसूरत पल बिताने के लिए प्रसिद्ध है| यहाँ लोग आकर सूर्योदय तथा सूर्यास्त देखना बहुत पसंद करते हैं| यहाँ समय समय पर तेजपुर के कई बड़े मेलों का भी आयोजन होता है| यहाँ प्रतिवर्ष रावन दहन तथा ऊतर पूर्व का प्रसिद्ध मेला ब्रम्हपुत्र एथनिक फेस्ट आदि का आयोजन होता है|
तेजपुर में घूमने की जगह, जहाज घाट का द्रश्य

तेजपुर कैसे पहुँचे –

  • हवाई मार्ग द्वारा-  तेजपुर शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर तेजपुर एयरपोर्ट है जहाँ से गुवाहाटी, कोलकाता तथा नयी दिल्ली के लिए प्रतिदिन उड़ानें उपलब्ध है, इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर भारत के पमुख शहरों के लिए भी यहाँ से उड़ानें हैं| दूसरा विकल्प गुवाहाटी अन्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो की यहाँ से 170 किलोमटर की दूरी पर है|
  • रेलमार्ग के द्वारा-  तेजपुर का निकटतम रेलवे स्टेशन रंगापारा रेलवे स्टेशन है, यहाँ से गुवाहाटी, कोलकाता, कानपुर तथा दिल्ली आदि की ट्रेन उपलब्ध हो जाती है, परन्तु दिल्ली के लिए प्रतिदिन न होकर सप्ताह में दो बार हैं| इसके अलावा गुवाहाटी से आप काफी विकल्प देख सकते हैं|  
  • सड़क मार्ग द्वारा-  तेजपुर आप सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से यात्रा कर सकते हैं, तेजपुर के फेमस मिशन चराली से आपको अनगिनत टैक्सी तथा बस आदि हर समय गुवाहाटी आदि के लिए उपलब्ध हो जाएँगी, आप निजी वाहन से भी यात्रा कर सकते हैं,सड़कें काफी सुखद हैं|

तेजपुर जाने से पहले जानने योग्य बातें –

तेजपुर में घूमने की जगह जानने के साथ ही हमे यहाँ की कुछ बातें जान लेनी चाहिए जो निम्न हैं-

  • नवम्बर से जून माह तेजपुर घूमने के लिए अबसे अच्छा समय हो सकता है, यहाँ ठंड (दिसंबर से फरवरी) तथा गर्मी (अप्रैल से जून) तो रहती हैं परन्तु दोनों उत्तर भारत की तरह चरम स्थिति में नहीं होते हैं| इस समय आने पर आप मानसून से बच सकते हैं, जुलाई से अक्टूबर माह में यहाँ अधिक आद्रता आपको परेशान कर सकती है|
  • तेजपुर में घूमने की जगह को आप अरुणाचल प्रदेश के तवांग टूर के साथ भी जोड़ सकते हैं, क्योकि तेजपुर का सोनितपुर जिला अरुणाचल प्रदेश के साथ बॉर्डर साझा करता है|
  • तेजपुर में घूमने की जगह पास पास हैं, यह एक खूबसूरत छोटा शहर है जो रहने के लिए भी शांत तथा सभी सुविधाओं से युक्त है|
  • तेजपुर में घूमने की जगह के लिए एक दिन काफी है, यहाँ के लिए आप 1 रात्रि तथा एक दिन की योजना बना सकते हैं|
  • पूर्ण रूप से शाकाहारी लोग को भोजन खोजने में सामान्य से थोडा अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है, परन्तु इसका अर्थ नहीं की आपको शाकाहारी भोजन मिलेगा नहीं| तेजपुर शहर तथा मिशन चराली (तेजपुर का मुख्य चौक) में आसानी से होटल उपलब्ध हो जाते है|
  • तेजपुर काफी तेज़ी से विकसित हो रहा है, यहाँ पर पूर्ण रूप से शाकाहारी लोगो के लिए काफी विकल्प आसानी से मिल जाते हैं|

FAQ-

प्रश्न- महाभैरव मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर-  तेजपुर शहर में एक छोटी पहाड़ी पर स्थित भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर जहाँ विशाल शिवलिंग स्थापित है, शिवरात्रि में यहाँ काफी दूर दूर से श्रद्धालु आते है तथा यहाँ मेला भी लगता है|

प्रश्न- तेजपुर शहर कहाँ पर स्थित है?

उत्तर- तेजपुर शहर, उत्तरी असम के सोनितपुर जिले में स्थित है जोकि गुवाहाटी से उत्तर पूर्व दिशा में 180 किलोमीटर की दूरी पर है| तेजपुर ब्रम्हपुत्र नदी के उत्तरी किनारे में स्थित है|

प्रश्न- तेजपुर में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?

उत्तर तेजपुर में घूमने की जगह में प्रमुख नामेरी राष्ट्रीय उद्यान, अग्निगढ़, महाभैरव मंदिर, चित्रलेखा उद्यान, गणेश घाट, उग्रशोर द्वीप, कोलिया भोमोरा सेतु, बामुनी हिल्स, पदुम पोखरी झील, भैरबी मंदिर तथा हलेश्वर मंदिर आदि हैं|

प्रश्न- तेजपुर में घूमने की जगह के लिए कितने दिन पर्याप्त है?

उत्तर- तेजपुर आप एक रात्रि तथा एक दिन में आसानी से पूरा कर सकते है, तेजपुर में घूमने की जगह पास पास ही है|

प्रश्न- तेजपुर घूमने के लिए कितना बजट होना आवश्यक है?

उत्तर- तेजपुर आप 2000 से 3000 रुपये में अच्छे से घूम सकते है, इसमे आपके होम टाउन से तेजपुर तक आने का किराया नहीं जुड़ा है|

निष्कर्ष –

तेजपुर में घूमने की जगह देखने के लिए आप किसी अन्य पास के उत्तर पूर्व की जगह के साथ जोड़ सकते हैं, यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है| तेजपुर एक पर्यटन की जगह से अधिक रहने के लिए ज्यादा अच्छा स्थान है, आप जब अपर असम या अरुणाचल प्रदेश के तवांग आदि क्षेत्र में घूमें तो यात्रा के दौरान एक रात्रि तेजपुर में रहकर आप ‘सिटी ऑफ़ ब्लड’ नाम से प्रसिद्ध इस शहर को भी अच्छे से जान सकते हैं, यह योजना आपके बजट को काफी कम कर सकता है|

तेजपुर में कई टी स्टेट भी हैं जिनके आस पास आप घूम सकते हैं| हमेशा की तरह आपसे अंत में निवेदन है की इस तेजपुर में घूमने की जगह आर्टिकल को और अधिक बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव हमे अवश्य भेजें| तेजपुर की अधिकांश जानकारी स्वयं जाकर तथा सोनितपुर की आधिकारिक वेबसाइट तथा विकिपीडिया से जुटाई है| हमारे इसी तरह के अन्य विस्तारपूर्वक लेख पढने के लिए हमारी वेबसाइट ‘अंजान रास्ते’ में जा सकते हैं तथा अन्य लोगो के साथ भी साझा कर सकते हैं| अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद||

-दीक्षा दीक्षित

यह भी पढ़े-

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top