कोहिमा में घूमने की जगह (नागालैंड यात्रा-3)

     वर्ड वॉर-2 के शहीदों की कब्रगाह में जाकर इतिहास के पन्ने पलटने हो या जूको वैली में प्रकृति के द्वारा बनाये गये अद्भुत नजारों में खोने का मन हो, हम बात कर रहें हैं नागालैंड यात्रा की अगली कड़ी कोहिमा में घूमने की जगह के बारे मे और साथ में जानेंगे अपने देश के नागा भाइयों की संस्कृति तथा उनके रीतिरिवाजों के बारे में|

     नागालैंड की राजधानी कोहिमा में घूमने की जगह में प्रमुख नाम जूको वैली, किसामा हेरिटेज विलेज, कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान, जफ्फु पीक, कोहिमा प्राणी उद्यान, जखामा विलेज, खोनोमा विलेज, तौफेमा विलेज, नागालैंड राज्य संग्रहालय, मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन कैथेड्रल, पुलिए वाडजे वन्यजीव अभ्यारण्य तथा माओ मार्केट है|

     नागालैंड का कोहिमा पर्यटन के लिहाज से काफी समृद्ध है| साहसिक कार्यों में रूचि रखने वालो से लेकर, इतिहास में दिलचस्पी रखने वालो के लिए कुछ न कुछ यहाँ पर खास है| इसके साथ ही नागालैंड का सबसे प्रमुख त्यौहार हॉर्नबिल फेस्टिवल है तथा कई गाँव में जाकर आप नागालैंड के रीति रिवाज समझ सकते हैं|

कोहिमा का इतिहास-

इतिहास में केविरा के नाम से जाना जाने वाला कोहिमा शहर की स्थापना बिट्रिश सरकार के द्वारा 1878 ईसवी को नागा हिल्स क्षेत्र के मुख्यालय के तौर पर स्थापित किया गया था| 1963 में नागालैंड राज्य की स्थापना के बाद कोहिमा यहाँ की आधिकारिक राजधानी बनी|

     कोहिमा का इतिहास वर्ड वॉर द्वितीय से भी जुडा है| यह रक्तरंजित युद्ध, जापान तथा बिट्रेन की सेनाओं के मध्य हुआ था| वर्ड वॉर 2 में दो गुट मित्र राष्ट्र तथा धुरी राष्ट्र थे|

कोहिमा में घूमने की जगह को कैसे करे प्लान–

कोहिमा में घूमने की जगह का प्लान आपको कम से कम 3 से 4 रात्रि का करना चाहिये| कोहिमा के साथ में आप दीमापुर तथा अन्य जिलों को भी घूम सकते हैं| कोहिमा में कई स्थान ट्रैक करने वाले हैं इसलिये आपके साथ सफर में अच्छे जूते तथा ट्रैकिंग का सामान होना आवश्यक है|

कोहिमा का मौसम तथा घूमने का सबसे अच्छा समय-

कोहिमा में सर्दियों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तथा गर्मियों में अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक पहुँच जाता है| कोहिमा में घूमने की जगह के लिये

सबसे अच्छा समय सर्दियों का होता है| अक्टूबर से फरवरी तक का समय यहाँ का काफी कम आद्रता वाला शुष्क तथा ठंडा होता है| सबसे अधिक पर्यटक दिसम्बर से फरवरी के मध्य आते हैं, इस समय साफ आसमान तथा सुहाना मौसम होता है| गर्मियों के समय भी आप मार्च से जून के बीच आ सकते हैं, परन्तु इस समय आपको गर्मी के साथ अधिक आद्रता का भी सामना करना पड़ सकता है| मानसून के दौरान नागालैंड में भूस्खलन की काफी खबरे आती हैं अतएव आपको मानसून के दौरान यहाँ यात्रा करने से बचना चाहिये, परन्तु कैमरा प्रेमियों के लिए यह समय सबसे अच्छा हो सकता है इस समय काफी कम भीड़ तथा प्रकृति अपनी सुन्दरता के चरम पर होती है|

कोहिमा में घूमने की जगह-

कोहिमा के सभी दर्शनीय स्थलों की पूरी जानकारी नीचे आप देख सकते हैं और अपनी पसंद के अनुसार कोहिमा में घूमने की जगह की सूची में शामिल कर सकते है|

जूको वैली

प्रकृति जब काफी आनंदित होती है तो उस समय वह अपनी सर्वश्रेष्ठ रचनाएँ करती है| उनमे से ही एक पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड तथा मणिपुर में स्थित मनमोहक जूको घाटी की वादियाँ है|

कोहिमा से 25 किलोमीटर दूर जूको वैली के बेस कैंप विस्वेमा विलेज पहुँच कर वहाँ से 9 किलोमीटर की गाड़ी से यात्रा करने के बाद 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर जूको घाटी के शिखर में स्थित एक छोटे गेस्ट हाउस में आप रुक सकते हैं| जखामा विलेज से भी आप जूको के समान शिखर में पहुँच सकते हैं परन्तु जखामा विलेज से ट्रैकिंग थोडा कठिन है|

     कुछ खाने का सामान, एक स्लीपिंग बैग, निजी टेंट और इन सबके साथ जूको की वादियों का दृश्य, आपकी यह साहसिक यात्रा जीवन पर्यन्त आपके मन में जीवंत रहेगी| जूको वैली को कोहिमा में घूमने की जगह के स्थान पर नागालैंड में घूमने की जगह में प्रथम स्थान में रखना ही तर्कसंगत होगा|

     4 से 5 घंटे की चढ़ाई के उपरांत मिलने वाली ढलावदार पहाड़ियों के दृश्य आपकी थकान को ना जाने कहाँ गायब कर देंगी| जूको घाटी में लोग शिखर में पहुँचकर रात्रि में कैम्पिंग करते हैं तथा अगले दिन पुनः सुन्दर दृश्यों के साथ नीचे उतरना शुरू करते हैं|

किसामा हेरिटेज विलेज

नागालैंड की विभिन्न संस्कृति तथा रिवाजों का संगम केंद्र किसामा हेरिटेज विलेज, कोहिमा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गाँव को अवश्य नागालैंड यात्रा में शामिल करना चाहिए| किसामा हेरिटेज विलेज में पूरे विश्व से लोग आकर नागालैंड की सभ्यता को समझने की कोशिश करते हैं|

     कोहिमा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक किसामा हेरिटेज विलेज में विश्व प्रसिद्ध त्योहारों का त्योहार: हॉर्नबिल त्योहार का भी आयोजन किया जाता है| इसके अतिरिक्त यहाँ पर विभिन्न जनजातियों के समय समय पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं|

     किसामा हेरिटेज विलेज में आप आकर विभिन्न समुदायों के मोरांग देख सकते हैं| मोरांग एक प्रकार की विशिष्ट झोपड़ी (हट) होती है| अपने अपने मोरांग में आकर जनजातियाँ एक दूसरे से मिलते हैं|

कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान

3 अप्रैल 1944 को 15000 जापानी सैनिको का कोहिमा में राष्ट्रमंडल की सेनाओं के ऊपर आक्रमण, भारत में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय का सबसे बड़ा युद्ध था| यह स्थान युद्ध में मिली जीत की ख़ुशी के साथ साथ शहीदों के लिये आँखे नाम करने को भी मजबूर करता है|

     युद्ध में बलिदान हुए सैनिकों को गैरिसन हिल में टेनिस कोर्ट क्षेत्र में दफनाया गया| दफनाये गये सैनिकों की संख्या 1420 थी| इसके अतिरिक्त 917 हिन्दू तथा सिख धर्म को मानने वाले शहीदों का भी नाम स्मारक में उल्लेखित है| इनका अंतिम संस्कार इनकी धार्मिक पद्धिति के अनुसार किया गया|

     कोहिमा में घूमने की जगह में से प्रमुख ऐतिहासिक स्थानों में से एक कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान इतिहास तथा वर्ड वॉर-2 के भयानक परिणाम को एक अलग रंग में दिखाकर आपको सोचने के लिये मजबूर कर देता है| कोहिमा आने पर अवश्य घूमने वाली जगहों में से एक कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान के एक पटल पर लिखी ह्रदय विदारक बात आपकी आँखे अवश्य नम कर सकती हैं| यहाँ लिखा है- “जब आप घर जाइएगा, उन्हें कहिएगा आपके कल के लिये हमने अपना आज दे दिया|”

जफ्फु पीक

आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में जब आप अपने से ही दूर हो जाये तो पहाड़ों में धीमे धीमे चढ़ते हुए स्वयं को ढूँढना सबसे अच्छा तरीका है| माउंट सरामती के बाद नागालैंड की दूसरी सबसे ऊँची माउंट जफ्फु की चढ़ाई, साहसिक कार्यो को पसंद करने वालो को कोहिमा में घूमने की जगह में जरुर शामिल करना चाहिये|

    जूको वैली का पड़ोसी, माउंट जफ्फु का बेस कैंप कोहिमा से 16 किलोमीटर दूर जखामा सर्किल के किग्वेमा गाँव में स्थित हैं| समुद्र तल से 3048 मीटर (1000 फीट) की ऊंचाई पर स्थित जफ्फु पीक की कठिन चढ़ाई में लगभग 4 घंटे का समय लगता है| जफ्फु पीक से कुछ दूर स्थित एक दूसरी चट्टान से आप जूको वैली का दूर से नजारा भी देख सकते हैं| आप यहाँ पहुँचने के लिए लोकल गाइड की भी मदद ले सकते हैं|

कोहिमा प्राणी उद्यान

कोहिमा बस स्टैंड से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोहिमा मिनी जू को भी आप बच्चों तथा परिवार के साथ होने पर कोहिमा में घूमने की जगह में शामिल कर सकते हैं| यह छोटे बच्चों के लिये उत्कृष्ट स्थान हो सकता है|

     नागालैंड यात्रा के दौरान अगर आपके पास पर्याप्त समय है तो आप यहाँ आकर कुछ समय वन्यजीवों तथा वनस्पतियों के साथ बीता सकते हैं|

जखामा विलेज

कोहिमा से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जखामा पर्यटकों के लिए प्रमुख पड़ाव है| इस साफ सुथरे तथा फूलों के पेड़ से प्रकृति के द्वारा सजाये गये जखामा गाँव में आप रुककर नागालैंड की संस्कृति को और अधिक निकटता से जान सकते हैं| अंगामी नागा के ग्रह क्षेत्र जखामा से जफ्फु पीक, जुको वैली के ट्रैक की शुरुआत भी करी जा सकती है| इस गाँव से काफी सुंदर दृश्य देखे जा सकते है| किसामा हेरिटेज विलेज भी यहाँ से निकट है|  

खोनोमा विलेज

‘वारियर विलेज’ के नाम से जाना जाने वाला खोनोमा गाँव को भारत ही नहीं एशिया का सबसे ग्रीनेस्ट विलेज का ख़िताब मिला हुआ है| नागालैंड में कोहिमा से 19 किलोमीटर दूर तथा प्रकृति के बेहद पास खोनोमा विलेज, कोहिमा में घूमने की जगह की लिस्ट में जरुर होना चाहिये| खोनोमा विलेज के अंगामी नागा जनजाति के घरो में हेड हंटिंग की प्राचीन परंपरा की झलक जानवरों के रूप में आज भी यहाँ दिखायी देती है| पारंपरिक नागा घरों में जानवरों के शिकार के बाद उनके सिरों को घर के बाहर लटकाना वहाँ की संस्कृति का एक अलग रंग दिखाता है|

     गाँव के लोग का जीवनोपार्जन का मुख्य स्त्रोत खेती है, यहाँ जैविक खेती ही होती है| कुछ घरों में हस्तशिल्प का कार्य भी देखने को मिलता हैं, यहाँ की स्थानीय महिलाएं बहुत ही शानदार नागा शाल तथा बैग आदि का निर्माण करती हैं| कुछ युवक गाँव में गाइड का भी अच्छा कार्य करते हैं जिसकी मदद से गाँव को और अधिक गहराई से समझ सकते हैं| खोनोमा में काफी पर्यटक पैडी फील्ड देखने आते हैं| यहाँ आकर आप बिट्रिश समय का खोनोमा फोर्ट, पैडी फील्ड तथा खोनोमा गाँव की सुन्दरता देख सकते हैं| खोनोमा विलेज में कई होमेस्टे है जहाँ आप रुक सकते हैं|

तौफेमा विलेज

कोहिमा से 38 किलोमीटर दूर, समृद्ध तथा शांत वातावरण में प्रकृति की गोद में बसा तौफेमा विलेज, कोहिमा में घूमने की जगह में जरुर शामिल करने वाला स्थान है| पर्यटन की दृष्टि से, नागालैंड सरकार के द्वारा गाँव के मध्य में बनवाये गये टावर से पूरे गाँव का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है| टावर की इमारत में रखा हुआ नागा ड्रम, नागालैंड की संस्कृति की झलक दिखाते हैं| टावर से गाँव के सुंदर दृश्यों के अलावा माउंट जफ्फु, गाँव में स्थित म्यूजियम, रिसोर्ट, विलेज काउंसिल आदि का नजारा दिखता है| तौफेमा विलेज में स्थित नागा किचन के बनाये गये प्रतिरूप को अवश्य देखना चाहिये|

नागालैंड राज्य संग्रहालय

अगर आप कोहिमा में है और एक ही छत के नीचे आपको नागालैंड के विभिन्न रंगों को देखना है तो नागालैंड स्टेट म्यूजियम, कोहिमा का सबसे उचित पर्यटन स्थल है| इस संग्रहालय में प्रमुख नागा जनजातियों की वेशभूषा, उनके द्वारा उपयोग किये जाने वाले हथियार, औजार आदि का सजीव चित्रण किया गया है| पूरे म्यूजियम में पेंटिंग के द्वारा नागाओं के दैनिक जीवन से जुड़े क्रियाकलापों को भी दर्शया गया है| नागाओं के द्वारा उपयोग किये जाने वाले पारंपरिक घरों, वुड क्राफ्ट, पीने के लिए बाँस के बने मग तथा अनेक हस्तशिल्प का भी चित्रण देखने को मिलता है| यह म्यूजियम कोहिमा सिटी सेंटर से मात्र 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन कैथेड्रल

कैथोलिक ईसाइयों का नागालैंड में स्थित मुख्य पूजा घर मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन कैथेड्रल का निर्माण 1989 को हुआ था| अपनी वास्तुकला के लिये प्रसिद्ध तथा पारम्परिक नागा घरों की अपने में छवि समेटे हुए यह स्थान धार्मिक व्यक्तियों के लिए कोहिमा में घूमने की जगह में सबसे उत्तम स्थान है| चर्च से पूरे कोहिमा का व्यापक और विहंगम दृश्य दिखता है| कोहिमा सिटी सेंटर से मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन कैथेड्रल की दूरी 4 किलोमीटर से भी कम है|

पुलिए वाडजे वन्यजीव अभयारण्य

घने जंगलों के बीच 2296 मीटर (7533 फीट) की ऊँचाई पर स्थित माउंट पुलिए वाडजे, पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों के लिये अपने फेफड़ों को साफ करने के लिए सबसे उत्तम स्थान है| लगभग 1.5 से 2 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर आप पुलिए वाडजे के पीक पर पहुँच कर पूरे कोहिमा शहर का दृश्य देख सकते हैं| कोहिमा सिटी सेंटर से ट्रैक के स्टार्टिंग पॉइंट की दूरी लगभग 7 किलोमीटर की है| मानसून के समय इस स्थान को कीचड़ तथा कीड़े इत्यादि के वजह से टाला जा सकता है|

माओ मार्केट

कोहिमा की प्रमुख लोकल मार्केट में से एक माओ मार्केट, स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों के लिये एक विशिष्ट स्थान है| किसी समाज की आत्मा वहाँ के स्थानीय बाजारों में निहित होती है, इसलिये नागालैंड को समझने के लिये माओ मार्केट को अवश्य ही कोहिमा में घूमने की जगह में स्थान देना चाहिये|

     माओ मार्केट में नागा भोजन की भरमार है| यहाँ मेढ़क, चूहे, रेशम के कीड़े, वुड वार्म, देशी लहसून, अदरख, राजा मिर्ची (किंग चिली) आदि के अलावा विभिन्न प्रकार के दैनिक उपयोग वाले सामान मिलते हैं|

अन्य स्थान

कोहिमा में घूमने के अतिरिक्त दीमापुर, मोकोकचुंग, फेक, मोन, किफिरे, जुन्हेबोटो तथा वोखा जिले में भी कई पर्यटन स्थल हैं जहाँ पर आप कोहिमा में घूमने की जगह के साथ ही वहाँ भी यात्रा कर सकते हैं|

कोहिमा में घूमने की जगह जाने से पहले जानने योग्य बातें-

  1. अगर आपने नागालैंड से जुड़े अन्य आर्टिकल पढ़े होंगे तो आपको यह पता होगा की नागालैंड में प्रवेश करने के लिए आई एल पी (ILP) की आवश्यकता होती है| कोहिमा में आने के पहले आप ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से इनर लाइन परमिशन अवश्य ले लें|
  2. अगर आपने कोहिमा में घूमने की जगह में जूको वैली अथवा अन्य कोई ट्रैकिंग को शामिल किया है तो आप अपने साथ टेंट, पोर्टेबल स्टोव, स्लीपिंग बैग तथा अच्छे जूते अवश्य रखे|
  3. अगर आप दिसम्बर में कोहिमा में घूमने की जगह का प्लान कर रहे हैं तो हॉर्नबिल महोत्सव आपकी प्राथमिकता में होना चाहिये| दिसम्बर में क्रिसमस तथा नये वर्ष के समय भी काफी पर्यटक कोहिमा घूमने आते हैं|
  4. होर्नबिल त्यौहार के समय काफी पर्यटक होने के कारण आपको अपने होटल की बुकिंग पहले कर लेनी चाहिये, जिससे कोहिमा पहुँच कर आपको किसी असुविधा का सामना न करना पड़े|

कोहिमा की भौगोलिक स्थिति-

नागालैंड के दक्षिण दिशा में पहाड़ों के मध्य ऊंचाई पर स्थित कोहिमा पर्यटन की दृष्टि से नागालैंड का सर्वश्रेष्ठ स्थान है| आबादी के लिहाज से नागालैंड का दूसरा सबसे बड़ा जिला कोहिमा, पूर्व में फेक जिला, पश्चिम में असम राज्य और दीमापुर जिला, उत्तर में वोखा जिला तथा दक्षिण में मणिपुर राज्य और परेन जिला के साथ सीमा साझा करता है|

नागालैंड में कोहिमा कैसे पहुंचे?

  1. वायुमार्ग द्वारा- कोहिमा में कोई हवाईअड्डा नहीं है| कोहिमा से 65 किलोमीटर दूर स्थित दीमापुर एअरपोर्ट, घरेलू उड़ानों के लिये उपलब्ध है| यहाँ से आप टैक्सी तथा बस आदि के माध्यम से कोहिमा पहुँच सकते हैं|
  2. रेलमार्ग द्वारा- नागालैंड में दीमापुर तक रेलवे लाइन है, दीमापुर रेलवे स्टेशन से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोहिमा आप टैक्सी तथा बस के द्वारा बड़ी आसानी से पहुँच सकते है|
  3. सड़क मार्ग द्वारा- नेशनल हाईवे 29 के माध्यम से आप सबसे तेजी से सड़क मार्ग से कोहिमा पहुँच सकते हैं| दीमापुर से कोहिमा के बीच कुछ स्थानों में सडक में सुधार की आवश्यकता है| नेशनल हाईवे 29, असम के डबका से शुरू होकर मणिपुर के जेसामी तक जाता है|

FAQ-

प्रश्न- नागालैंड की राजधानी का क्या नाम है?

उत्तर- नगालैंड की राजधानी, कोहिमा है|

प्रश्न- कोहिमा में नागा की कौन सी जनजाति रहती है?

उत्तर- कोहिमा में नागा की अंगामी जनजाति निवास करती है|

प्रश्न- नागालैंड में नागा समुदाय की सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?

उत्तर- नागालैंड की सबसे बड़ी जनजाति का नाम कोन्याक है|

प्रश्न- कोहिमा में घूमने के लिए 5 बेस्ट स्थान कौन से हैं?

उत्तर- कोहिमा आने पर जूको वैली, किसामा हेरिटेज विलेज, कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान, खोनेमा गाँव तथा जफ्फु पीक आपको जरुर जाना चाहिए| जूको वैली से आने के बाद और अधिक एडवेंचर न करने का मन होने पर आप जफ्फु पीक के स्थान पर तौफेमा गाँव भी जा सकते हैं|

यह भी जाने-

     नागालैंड राज्य, भारत के उन शानदार पर्यटन स्थानों में से एक है जिसके बारे में आज भी लोगों का ज्ञान काफी सीमित है| लोगों के मन में नागालैंड के बारे में तरह तरह की भ्रांतियां है| नागालैंड यात्रा की श्रंखला में एक और कड़ी “कोहिमा में घूमने की जगह” में जोड़ने के पीछे की वजह, कोहिमा के दर्शनीय स्थलों की जानकारी तथा नागालैंड के हर एक पहलू को आप सभी के समक्ष सरलतम भाषा में रखना है| आप नागालैंड के बारे में और अधिक जानकारी पाने के लिये हमारे अन्य लेख भी पढ़ सकते हैं| धन्यवाद|  

-दीक्षा दीक्षित

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