दीमापुर में घूमने की जगह (नागालैंड यात्रा-2)

     पूर्वोत्तर भारत के सात प्राक्रतिक सुन्दरता से सम्रद्ध राज्यों में नागालैंड का दीमापुर शहर एक अनदेखा पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, कला, आध्यात्मिकता तथा स्थानीय जीवन शैली का अनूठा संगम है| “दीमापुर में घूमने की जगह (नागालैंड यात्रा-2)” लेख में हम जानेंगे दीमापुर में घूमने की जगह तथा इस शहर की विशेषताओं के बारे में जिसमे नागाओं की विविधता पूर्ण संस्क्रति के जीवन से जुड़े सभी रंग मौजूद हैं जिसमे अलग अलग जनजातियों की अपनी भाषाएँ, त्योहार, न्रत्य, वेशभूषा, वाद्ययंत्र आदि सभी कुछ समाहित है|

      नागालैंड के सबसे विकसित तथा सबसे आबादी वाले दीमापुर जिले को नागालैंड का दिल कहना अतिशयोक्ति न होगी| नागालैंड के सबसे आकर्षक जगहों में से एक दीमापुर, नागालैंड की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है|

     नागालैंड तथा मणिपुर राज्य का प्रवेश द्वार, दीमापुर में घूमने की जगह में प्रमुख नाम ट्रिपल फाल्स, कछारी खंडहर, चुमुकेदिमा, डाइजेफे क्राफ्ट विलेज, नागालैंड प्राणी उद्यान, नागालैंड विज्ञान केंद्र, नागालैंड बाँस संसाधन केंद्र, ग्रीन पार्क, सुमी टाउन बापिस्ट चर्च, दीमापुर शिव मंदिर, हांगकांग मार्केट, दीमापुर का लोकल मार्केट का नाम आता है|

     असम से सटे हुए इस शहर में पर्यटक, प्राक्रतिक सुन्दरता के साथ साथ नागालैंड की संस्क्रति तथा वहाँ की स्थानीय जनजातियों की जीवन शैली के बारे में गहरी समझ विकसित कर सकते हैं| यहाँ के बाजार आपको काफी आकर्षित कर सकते हैं| संसाधनों से युक्त इस शहर में बच्चों के मनोरंजन के लिए भी पर्याप्त स्थान है|

दीमापुर का इतिहास-

13वीं शताब्दी तक कछारी राजवंश की राजधानी रहा दीमापुर तीन शब्दों की व्युत्पत्ति से बना है, यहाँ दी का अर्थ नदी से, मा का अर्थ विशाल या महान से तथा पुर का अर्थ नगर से है अर्थात विशाल नदी का नगर|

       1228 ईसवीं में अहोम राजवंश के आगमन के बाद कछारी राजवंश ने अपनी राजधानी का स्थानान्तरण दीमापुर से माइबांग कर दिया था| दीमापुर की मुख्य जनजाति कछारी ही हैं परन्तु आर्थिक केंद्र होने के कारण यहाँ नागाओं की अधिकतर सभ्यताये हैं| नागों के अलावा अन्य समुदाय भी यहाँ पर मिलते हैं|

       दीमापुर का सम्बन्ध महाभारत काल से भी है| कई स्थानों पर दीमापुर का प्राचीन नाम हिडिम्बापुर भी मिलता है| किदवंती के अनुसार यहाँ की राजकुमारी हिडिम्बा का विवाह कुंती पुत्र भीम से हुआ था| इस विवाह से राजा हिडिम्ब ने क्रोधित होकर पांड्वो पर आक्रमण कर दिया| भीम के साथ भयानक युद्ध के फलस्वरूप हिडिम्ब मारा गया| भीम तथा हिडिम्बा के पुत्र का नाम घटोत्कच था|

       वर्तमान दीमापुर जिले का गठन 1997 में 8 वें जिले के रूप में हुआ| इसके पहले यह कोहिमा जिले का सब-डिवीज़न था|

दीमापुर में घूमने की जगह, नागालैंड यात्रा, PLACES TO VISIT IN DIMAPUR, दीमापुर के पर्यटन स्थल, दीमापुर के दर्शनीय स्थल, नागालैंड का पर्यटन स्थल, नागालैंड की संस्कृति

दीमापुर में घूमने की जगह को कैसे करे प्लान–

दीमापुर में घूमने की जगह का प्लान आप नागालैंड की अन्य जिले के साथ अथवा मणिपुर में घूमने की जगह के साथ कर सकते हैं जो की आप आपकी बजट यात्रा के लिए उत्तम होगा| दीमापुर तक आप आसानी से ट्रेन, बस या वायु मार्ग द्वारा पहुँच सकते है| दीमापुर के अधिकतर स्थान काफी समीप समीप ही हैं| आप दो दिनों मे आसानी से सभी पर्यटन स्थल हो सकते हैं| दीमापुर में काफी स्थान ऐसे हैं जो सोमवार को बंद रहते है इसको पहले से ध्यान में रखते हुए आपको अपनी यात्रा का प्लान करना चाहिये|

दीमापुर का मौसम तथा घूमने का सबसे अच्छा समय-

दीमापुर का सालाना औसत तापमान 16 डिग्री से 27 डिग्री के मध्य रहता है| सबसे अधिक गर्मी जुलाई तथा अगस्त माह में होती है| दीमापुर में अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक चला जाता है| दीमापुर में काफी अधिक आद्रता लगभग 93% तक पहुँच जाती है| जनवरी का माह सबसे ठंडा औसतन 16 डिग्री तापमान रहता है|

       दीमापुर में घूमने की जगह के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का हो सकता है| आप अप्रैल तथा मई में भी अपना प्लान बना सकते हैं, इस समय यहाँ का मौसम सुखद तथा आसमान साफ रहता है|

दीमापुर में घूमने की जगह-

दीमापुर के पर्यटन स्थान प्रक्रति प्रेमी, बच्चों तथा इतिहास से प्रेम रखने वालों के लिए सबसे उत्तम है| दीमापुर में घूमने की जगह निम्न हैं-

ट्रिपल फाल्स

दीमापुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर सिथेकिमा गाँव में स्थित यह ट्रिपल फॉल्स, दीमापुर के पर्यटन स्थल में सबसे बेहतरीन तथा रोमांच से भरा सफ़र हो सकता है| घनी वनस्पतियों के बीच शांत वातावरण में कोलाहल करते हुए 280 फीट की ऊंचाई से प्राकतिक तालाब में गिरते हुए तीन झरने आपको मंत्रमुग्ध कर सकते हैं| एडवेंचर प्रेमियों के लिए यहाँ ट्रैकिंग भी है|

     काफी लोग इस शांत वातावरण में पिकनिक मनाने तथा फोटोग्राफी के लिए भी जाते हैं| अक्टूबर से अप्रैल का समय यहाँ के लिए सबसे उत्तम हो सकता है| मानसून के समय खड़ी ढलान तथा फिसलन ट्रैकिंग में आपको थोडा परेशान कर सकती है| आप यहाँ दीमापुर से टैक्सी बुक कर पहुँच सकते हैं|

कछारी खंडहर

दसवी से तेरहवी शताब्दी के मध्य बने यह खम्बे (पिलर) वास्तुकला के अद्भुत रहस्यमयी उदाहरण हैं| कछारी खंडहर के अवशेष नागालैंड ही नहीं अपितु पूरे पूर्वोत्तर भारत के गौरव हैं|

     दीमापुर रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित कछारी खंडहर में 100 के लगभग मोनोलिथ उपलब्ध हैं, जिनमें कुछ सीधे तथा कुछ अव्यवस्थित पड़े हुए हैं| यहाँ मोनोलिथ की औसत ऊँचाई 8 फीट से 9 फीट के मध्य है| सबसे लम्बा मोनोलिथ 12 फीट का है| इन मशरूम गुम्बद की आक्रति के पिलर का निर्माण, दिमाशा कछारी राजवंश के द्वारा कराया गया था|

     कुछ किदवंती के अनुसार यह स्थान महाभारत काल का है और यहाँ शतरंज की तरह कोई खेल खेला जाता था| परन्तु सत्य यही है की इन रहस्यमयी खम्बों का स्पष्ट ज्ञान का आज भी अभाव है|

दीमापुर में घूमने की जगह, नागालैंड यात्रा, PLACES TO VISIT IN DIMAPUR, दीमापुर के पर्यटन स्थल, दीमापुर के दर्शनीय स्थल, नागालैंड का पर्यटन स्थल, नागालैंड की संस्कृति, कछारी खंडहर
SOURCE: GOVERNMENT OF NAGALAND
चुमुकेदिमा

दीमापुर के दर्शनीय स्थानों में से एक चुमुकेदिमा, नागा संस्क्रती तथा आदिवासी परम्पराओं को पास से जानने का एक उत्तम स्थान हो सकता है| नागा हिल्स की तलहटी में स्थित इस गाँव से दीमापुर के विहंगम द्रश्य देखे जा सकते है| दीमापुर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गाँव में काफी झरने हैं जिनको देखते देखते ही न जाने कब समय निकल जाता है|

     साहसिक कार्यों के शौक़ीन लोग यहाँ आकर ट्रैकिंग का भी आनंद लेते हैं| स्थानीय जीवनशैली को नजदीक से जानने तथा मूल निवासियों से मिलने के लिए आप होमस्टे लेकर रुक भी सकते हैं| इस गाँव में एक शॉपिंग गलियारा भी है जहाँ नागा संस्क्रती से जुड़े सामान आप ले सकते हैं| यहाँ आने पर आपको कुछ रिज़र्व भोजन अपने साथ रखना चाहिए क्योंकि नागालैंड के कई स्थानों में संसाधन सीमित हैं|

डाइजेफे क्राफ्ट विलेज

डाइजेफे क्राफ्ट विलेज का परिचय उसके नाम में ही छिपा हुआ है| यह लोकप्रिय गाँव पूरी तरह से कला को समर्पित है| दीमापुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डाइजेफे क्राफ्ट विलेज के स्थानीय लोग के द्वारा मन्त्र मुग्ध करने वाली शिल्पकला, बुनाई, हथकरघा का कार्य किया जाता है|

     डाइजेफे क्राफ्ट विलेज में काफी संख्या में कार्यशाला (वर्कशॉप) हैं जहाँ लकड़ी की कलाक्रति व बर्तन बनाये जाते हैं| गाँव में पर्यटकों के खरीदने के लिए काफी वस्तुओं को प्रदर्शनी के लिए लगाकर रखा जाता है|

डाइजेफे क्राफ्ट विलेज, दीमापुर में घूमने की जगह, नागालैंड यात्रा, PLACES TO VISIT IN DIMAPUR, दीमापुर के पर्यटन स्थल, दीमापुर के दर्शनीय स्थल, नागालैंड का पर्यटन स्थल, नागालैंड की संस्कृति,
SOURCE: GOVERNMENT OF NAGALAND
नागालैंड प्राणी उद्यान

बच्चों के मस्ती का केंद्र नागालैंड प्राणी उद्यान, दीमापुर रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर की दूरी पर चुमुकेदिमा जिले में स्थित है| प्राणी तथा वनस्पतियों से प्रेम करने वाले लोग यहाँ आकर कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं| पर्यटकों की द्रष्टि से उद्यान को और अधिक सुन्दर और साफ सुथरा बनाया जा सकता है|

नागालैंड विज्ञान केंद्र

बच्चों तथा विज्ञानं में रूचि रखने वालों के लिए सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक नागालैंड विज्ञान केंद्र, दीमापुर में घूमने की जगह में से एक है| विज्ञान के सिद्धांत तथा उसके रहस्य, सामान्य विज्ञान समझने के लिए यह एक उपयुक्त स्थान हैं|

     यहाँ परिसर के अंदर ही एक सुन्दर पार्क भी है जिसमें डायनासोर की आक्रति बच्चों के आकर्षण का केंद्र रहती है| यहाँ पर एक थ्री डी थिएटर भी है जो खगोल विज्ञानं की जानकारी देता है| सोमवार को नागालैंड विज्ञान केंद्र बंद रहता है अन्य दिनों में यह 10 बजे से 4 बजे तक खुलता है| यह स्थान दीमापुर रेलवे स्टेशन से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

नागालैंड बाँस संसाधन केंद्र

दीमापुर में घूमने की जगह में यह स्थान अपने आप में अनूठा है, यहाँ भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर जैसे जापान, ताइवान, चाइना आदि में पाये जाने वाले बाँस की विभिन्न प्रजाति देखने को मिलती हैं| यहाँ बाँस अनुसन्धान केंद्र भी है| इसकी रेलवे स्टेशन से दूरी मात्र 10 किलोमीटर है|

     पर्यटकों के लिए बाँस की बनी आक्रति तथा कई प्रकार के बर्तन व औजार यहाँ पर देखने को मिलते हैं| यहाँ आने पर आपको बाँस के म्यूजियम अवश्य जाना चाहिये| प्रवेश द्वार के पास में खाने के शौक़ीन लोगों के लिए “बैम्बू रेस्तरां” के नाम का एक स्थान भी है|

ग्रीन पार्क

दीमापुर में घूमने की जगहों में से एक ग्रीनपार्क, नाम की तरह ही हराभरा एक खूबसूरत पार्क है| यहाँ आकर आप पिकनिक तथा दोस्तों के साथ काफी अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं| दीमापुर रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर की दूरी पर 4th मील में स्थित यह पार्क प्रक्रति प्रेमियों के लिए उत्तम स्थान है| यहाँ काफी लोकल लोग भी शाम को मस्ती करने के लिए परिवार के साथ आते हैं|

     यहाँ पर आकर आप बोटिंग, जिप लाइन, रॉक क्लाइम्बिंग, नेट क्लाइम्बिंग आदि एडवेंचर कर सकते हैं| बच्चों के लिए पार्क का प्रवेश शुल्क 10 तथा बड़ो के लिए 20 रूपये है| अन्य मनोरंजन के साधन का शुल्क 50 रूपये से 300 रूपये के बीच है| ग्रीनपार्क सोमवार को बंद रहता है|

सुमी टाउन बापिस्ट चर्च

ईसाई धर्म का पवित्र स्थान सुमी टाउन बापिस्ट चर्च दीमापुर रेलवे स्टेशन से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है| अगर आप दीमापुर शहर में है और आपको ईशु भगवान की प्रार्थना करनी है तो यह सबसे उचित स्थान हो सकता है| चर्च की अंदर की सुन्दरता आपका मन मोह सकती है|

दीमापुर शिव मंदिर

दीमापुर में घूमने की जगह में से एक दीमापुर शिव मंदिर का अपना स्थान है| ईसाई धर्म की बाहुल्यता वाले दीमापुर शहर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस शिव मंदिर में काफी संख्या में भक्त आते हैं| बीच जंगल में सिंग्रिजन गाँव में स्थित इस शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के उत्सव के समय पूरे भारत से लोग आते हैं|

     गाँव के स्थानीय लोगो द्वारा 1961 में बनाये गये इस मंदिर के बारे में मान्यता है की पूर्व में ग्रामीण जन गाँव से रंगापहर रिज़र्व फारेस्ट दैनिक कार्यों के लिए जाते थे| जंगलों में कार्य करते समय एक स्थानीय महिला एक शिला से चाकू पर धार रख रही थी| उसी समय चाकू पर खून दिखने पर लोग आश्चर्यचकित हुए| उसी रात स्वप्न में भगवान शिव आये उस शिला को अपना स्वरूप बताया और शिव मंदिर बनाने का निर्देश दिया| ग्रामीण वासियों को यह बात पता चलने पर उन्होंने भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया और उस शिवलिंग की पूजा अर्चना करना प्रारम्भ किया|

दीमापुर में घूमने की जगह, नागालैंड यात्रा, PLACES TO VISIT IN DIMAPUR, दीमापुर के पर्यटन स्थल, दीमापुर के दर्शनीय स्थल, नागालैंड का पर्यटन स्थल, नागालैंड की संस्कृति, DIMAPUR SHIV MANDIR,
SOURCE: FACEBOOK
हांगकांग मार्केट

किसी स्थान पर आप घूमने जाये और वहाँ की प्रसिद्ध मार्किट में खरीददारी न करें तो इसके बिना घूमना अधूरा सा लगता है| दीमापुर में आने वाले पर्यटक एक बार हांगकांग मार्किट अवश्य जाते हैं|

    तंग गलियों के बीच बसे भीड़ भाड़ वाले इस बाजार में घर के उपयोग के सभी सामान बड़े ही उचित दरों में मिल जाते है परन्तु यहाँ आकर मोलभाव करना भी बिलकुल न भूलें| हांगकांग मार्केट की प्रसिद्धि म्यांमार के रास्तें आयात किये गये सामानों की वजह से अधिक है| यहाँ पर म्यांमार, थाईलैंड तथा चीन का काफी सामान मिलता है|

दीमापुर का लोकल मार्केट

किसी स्थान की स्थानीय बाजारों में वहाँ के निवासियों की मूल भावना तथा उनके जीवन की झलक निहित होती है| अगर आपको नागालैंड तथा दीमापुर की संस्कृति तथा परम्पराओं को नजदीक से समझना है तो अवश्य ही आपको यहाँ स्थित कई लोकल मार्केट का पैदल भ्रमण करना चाहिए|

अन्य स्थान

दीमापुर में सिर्फ नागालैंड की खूबसूरती का बाह्य आवरण ही दिखाईं देता है| प्रक्रति प्रदत्त सुन्दरता का वरदान देखने के लिए आपको पूरा नागालैंड अवश्य ही घूमना चाहिये|

    दीमापुर के साथ में कोहिमा को भी नागालैंड में घूमने की जगह में शामिल किया जा सकता है| पर्यटन की द्रष्टि से यह नागालैंड का सर्वोत्तम स्थान है| इसके अतिरिक्त मोकोकचुंग, फेक, मोंन, किफिरे, जुन्हेबोटो तथा वोखा जिले में काफी पर्यटक नागालैंड यात्रा में आते हैं|

दीमापुर में घूमने की जगह जाने से पहले जानने योग्य बातें-

  1. अगर आप नागालैंड जाने की योजना दिसम्बर के पहले सप्ताह में कर रहे हैं तो आपको अवश्य ही हार्नबिल महोत्सव देखना चाहिये| विश्व के सबसे भव्य जनजातीय महोत्सव को देखने के लिये भारत ही नहीं अपितु विश्व भर से लोग आते हैं|
  2. नागालैंड के स्थानीय लोग काफी मददगार होते हैं तथा एक दूसरे का काफी सम्मान और सत्कार करते हैं| जब आप नागालैंड यात्रा करें तो आप भी यहाँ के स्थानीय जनजातियों की परंपरागत रीति रिवाज का सम्मान करे| यहाँ आकर ऐसा कोई कार्य न करे जिससे वे अपने को असुरक्षित महसूस करें| जनजातीय समुदायों से मिलने पर या उनके घर जाने पर उनके निजी जीवन का ख्याल रखे|
  3. नागालैंड यात्रा की योजना बनाते समय अगर आप होटल या होम स्टे ऑनलाइन ही बुक कर लें तो ज्यादा बेहतर होगा, नागालैंड में होटल आदि की संख्या काफी सीमित है| यदि आपको सिर्फ दीमापुर में घूमने की जगह ही जाना है तो आप यहाँ पहुँच कर भी होटल बुक कर सकते हैं, यहाँ पर्यटकों के लिए पर्याप्त होटल हैं|
  4. नागालैंड राज्य को भारतीय संविधान से कुछ विशिष्ट अधिकार प्राप्त होने के कारण आपको इस राज्य में प्रवेश करने के समय, नागालैंड सरकार से एक परमिशन लेनी होती है, जिसे इनर लाइन परमिशन (ILP) कहते हैं|  

दीमापुर की भौगोलिक स्थिति

धनसिरी नदी के किनारे बसा दीमापुर का अधिकांश क्षेत्र समतल भूमि है| दीमापुर पूर्व तथा उत्तर दिशा में असम राज्य से सटा हुआ है| इसके दक्षिण में मणिपुर तथा पश्चिम में नागालैंड का कोहिमा जिला है| नागालैंड के दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित यह नागालैंड का सबसे विकसित जिला हैं| दीमापुर को नागालैंड तथा मणिपुर का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है|

नागालैंड में दीमापुर कैसे पहुंचे?

  1. वायुमार्ग द्वारा- दीमापुर में एक घरेलू एअरपोर्ट भी है| इस हवाईअड्डे से प्रतिदिन गुवाहाटी, नई दिल्ली, कोलकाता तथा इम्फाल आदि की फ्लाइट मिल सकती है|
  2. रेलमार्ग द्वारा- नागालैंड के दीमापुर में घूमने की जगह आने के लिए और यहाँ तक पहुँचने का सबसे उत्तम उपाय रेल द्वारा ही है| दीमापुर से गुवाहाटी तथा नई दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन उपलब्ध हैं| दीमापुर, गुवाहाटी के बाद पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है| 
  3. सड़क मार्ग द्वारा- सड़क के द्वारा भी आप आसानी से दीमापुर पहुँच सकते हैं| असम के गुवहाटी, नौगाँव तथा अन्य स्थानों से काफी अच्छे रोड हैं और रास्तें के द्रश्य आपका रास्ता और अधिक सुहावना बना देते हैं|

FAQ-

प्रश्न- नागालैंड का सबसे विकसित शहर कौन सा है?

उत्तर- दीमापुर, नागालैंड का सबसे विकसित शहर है|

प्रश्न- दीमापुर में किस जनजाति के लोग बहुलता में हैं?

उत्तर- दीमापुर को कछारी जनजाति का घर बोला जाता है|

प्रश्न- इनर लाइन परमिशन (ILP) क्या है?

उत्तर- आई एल पी (ILP), भारत के कुछ राज्यों को दिया जाने वाला विशेषाधिकार है जो उस स्थान की संस्क्रति, रिवाजों तथा परम्पराओं की रक्षा करने के लिए अन्य स्थानों से आने वाले लोगों का पंजीकरण करता है|

प्रश्न- दीमापुर में घूमने के लिए 5 बेस्ट स्थान कौन से हैं?

उत्तर- दीमापुर के पर्यटन स्थल में कछारी खंडहर, चुमुकेदिमा, डाइजेफे क्राफ्ट विलेज, बाँस संसाधन केंद्र तथा दीमापुर शिव मंदिर का नाम सबसे अग्रणी है|

यह भी जानें-

नागालैंड की संस्कृति, इतिहास तथा प्रकृति की कारीगरी को निहारने के लिये दीमापुर एक उत्क्रष्ट स्थान हो सकता है| सभी सुविधाओं से पूर्ण इस स्थान में सभी तरह के पर्यटकों के लिये कुछ न कुछ है| यहाँ नागाओं की कई जनजाति का मिला जुला परिवेश तथा उनके रीति रिवाज और त्यौहार देखने को मिलते हैं| नागालैंड के जीवनशैली, भोजन तथा संस्कृति में विविधता होते हुए भी हमेशा से भारत का एक अभिन्न अंग है| यही अनेकता में एकता नागालैंड तथा भारत देश की खूबसूरती है| धन्यवाद|

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top