अयोध्या में घूमने की जगह

पुण्यदायिनी सरयू नदी की गोद में बसे, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्मभूमि अयोध्या अपने आप में भगवान राम से जुड़ी बाल लीलाएं तथा उनकी तपस्या की अनेकों कहानियां अपने में समेटे हुए है| अयोध्या प्रभु राम की पावन और ऐतिहासिक नगरी है, यहाँ के रोम-रोम में भगवान राम समाहित हैं|

राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने मानों अयोध्या को फिर से त्रेता युग में वापस ला दिया है| रामायण में कहा गया है- “जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई” तो अब आप अयोध्या आ ही रहे हैं, तो आप पर तो स्वयं प्रभु राम की कृपा है ही|

अयोध्या पहले भी भव्य और पवित्र नगरी थी, लेकिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने इसमें चार चाँद लगा दिए है| यहाँ की सुन्दरता दिन में तो निहारने योग्य है ही लेकिन अगर आप रात में अयोध्या नगरी देखेंगे तो रात में की जाने वाली लाइटिंग और यहाँ पर किये जाने वाले लेज़र शो आपके मन को यहाँ पर और अधिक रुकने को अवश्य ही विवश कर देंगे|

अयोध्या में घूमने की जगह का पौराणिक महत्त्व-

सप्तपुरियों में से एक अयोध्या इतनी पावन भूमि है जो कि स्वयं सरयू नदी की गोद में बसी है तथा प्रभु राम की जन्मभूमि है| मान्यता है की अयोध्या नगरी भगवान विष्णु के चक्र पर स्थित है| कुछ गीत भी अयोध्या के महत्व को शब्दों में बयाँ करने की कोशिश कर रहे हैं, “नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो | चरण हो राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो ||”

यहाँ के पौराणिक महत्त्व को शब्दों में बयां करना थोड़ा मुश्किल है, क्यूंकि यह तो स्वयं एक तपस्थली है इसके महत्त्व को कोई कैसे बयाँ कर सकता है? अयोध्या धाम, जहाँ पर भरत जो कि प्रभु राम के छोटे भाई हैं उन्होंने कई वर्षों तक तपस्या की, इसी पावन भूमि पर प्रभु राम ने जलसमाधि लेकर बैंकुठ को प्राप्त किया, यहीं पर हनुमान जी ने उत्तराधिकारी बनकर पूरे अयोध्या की हमेशा रक्षा की| ऐसी पावन नगरी के गुणगान ही किये जा सकते हैं|

अयोध्या में घूमने की जगह को कैसे करें प्लान?

देश के किसी भी कोने से आपको बड़ी आसानी से अयोध्या के लिए ट्रेन, बस तथा फ्लाइट की सुविधा मिल जाएगी जिसके माध्यम से आप अयोध्या आ सकते हैं| यहाँ पर गूगल मैप भी अच्छा कार्य करता है, आप उसके माध्यम से स्वयं के साधन से भी 3 दिन में अयोध्या को पूर्ण रूप से घूम सकते हैं| आप अयोध्या के साथ ही साथ उत्तर प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थल भी घूम सकते हैं|

अगर आप वीकेंड या त्योहारों के सीजन में अयोध्या में घूमने की जगह का प्लान कर रहे हैं और अपने साधन से यहाँ आने की सोच रहे हैं तो यहाँ पर आपको भारी  भीड़ का सामना करना पड़ेगा| इस समय कार की पार्किंग और ट्रैफिक आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं|

अयोध्या में घूमने की जगह को कब करें प्लान?

अयोध्या में घूमने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे उपयुक्त है, क्यूंकि यह समय ठंडी का होता है| यहाँ की गर्मी बहुत ही भीषण रहती है तो यहाँ पर गर्मी का प्लान न करें|

अगर आप त्योहारों के टाइम अयोध्या भूमि का स्पर्श चाहते हैं तो दीपावली, राम नवमी तथा दशहरा यहाँ पर बड़े ही धूम धाम से मनाये जाते हैं लेकिन इस समय यहाँ पर आपको भारी मात्रा में रामभक्त मिलेंगे|

अयोध्या में घूमने की जगह-

राम मंदिर-

राम मंदिर, जो कि हर राम भक्त के लिए एक स्वप्न जैसा था| इस स्वप्न को सच्चाई में बदलता देख हर देशवासी भाव विभोर हो गया| 22 जनवरी, 2024 अयोध्या के इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख है, जिस दिन राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई और देश भर में एक बार फिर से लोगों को एक और दीवाली मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ|

राम जन्मभूमि,
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राम मंदिर, अयोध्या

राम मंदिर में रामलला के बहुत ही सुन्दर बालस्वरूप के दर्शन होते हैं| भक्तों हेतु मंदिर सुबह 7 बजे खुलता है और रात में 9 बजे तक दर्शन होते हैं| यहाँ पर सभी तरह की सेवाएं भक्तों हेतु फ्री है जैसे की सुगम दर्शन (जिनको चलने में किसी प्रकार की असुविधा हो), आरती जिनके लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होता है जो की ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से हो जाता है| ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के ऑफिसियल वेबसाइट से ही आवेदन करें|

अयोध्या में घूमने की जगह
राम मंदिर, अयोध्या
राम मंदिर के बाहर का दृश्य

रामलला की मंगल आरती सुबह 4 बजे, श्रृंगार आरती सुबह 6 बजे तथा शयन आरती रात में 10 बजे होती है| आरती पास के लिए आपको एक गवर्नमेंट आइडेंटिटी की आवश्यकता होती है| यहाँ पर आपको मंदिर की तरफ से ही प्रसाद भी मिलता है| यहाँ पर बड़े-बुजुर्गों के लिए व्हील चेयर की भी सुविधा मंदिर प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी है, जिसके लिए आपको मंदिर प्रशासन की ओर से एक सहायक भी मिलता है, जिसके लिए मंदिर प्रशासन द्वारा शुल्क भी फिक्स किया गया है|

हनुमान गढ़ी मंदिर-

अयोध्या में राम भक्त हनुमान जी का एक विशिष्ट स्थान, हनुमान गढ़ी मंदिर है जो कि शिखर पर बना हुआ है जिससे यहाँ से हनुमान जी समस्त अयोध्या की रक्षा कर सकते हैं| ऐसी मान्यता है कि जब भगवान राम, रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे तब हनुमान जी भी उनके साथ वापस आये थे और रामजी ने उनको अयोध्या की रक्षा हेतु यहाँ का उत्तराधिकारी बनाया था| तब से हनुमान जी यहाँ पर रहकर समस्त अयोध्या की रक्षा करते हैं|

यहाँ पर हनुमान जी के बालस्वरूप की प्रतिमा है,जिसमें वह अपनी माँ अंजनी की गोद में लेटे हुए हैं| कहा जाता है कि रामलला की दर्शन के पहले हनुमान जी के दर्शन यहाँ पर करने चाहिए, क्यूंकि हनुमान जी ही भक्तों को रामलला की दर्शन की अनुमति देते हैं| तुलसीदास जी की चौपाई भी है-

“राम दुआरे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे ||”

हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी का निशान भी है जो कि एक ध्वज है| कहा जाता है कि हर पूजा के पहले करीब 200 लोग इस ध्वज को पकड़कर जन्मभूमि स्थल ले जाते हैं जहाँ पर सबसे पहले इसकी पूजा की जाती है|

हनुमान गढ़ी के बारे में यहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया एक व्याख्यान भी है, जो कि यहाँ की प्रमाणिकता को और अधिक सार्थक करता है कि एक बार हनुमान गढ़ी मंदिर के गेट पर बम रखा गया था, जब तक बम को निष्क्रिय करने के लिए वहां पर टीम पहुँचती तब तक बंदरों ने बम के तार काट दिये थे और बम निष्क्रिय हो गया था|

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हनुमान गढ़ी

दशरथ महल-

दशरथ महल की नक्काशी तथा बनावट बहुत ही अद्भुत और अविस्मरणीय है जो की यहाँ को प्राचीनता को दर्शाती है| यहाँ पर लिखी हुई चौपाईयां तथा दीवारों पर राम जी के जीवन से जुड़ी हुई झांकियों की झलक आपको स्वयं त्रेता युग में ले जाती है| कहीं भगवान राम के बाल स्वरुप के अपने माँ कौशल्या तथा पिता दशरथ जी के साथ दर्शन है, तो कहीं पर महाराज दशरथ जी अपने चारों पुत्रों के साथ बैठे हैं|

मंगल भवन अमंगल हारी | द्रबहु सो दशरथ अजिर बिहारी ||

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अयोध्या

दशरथ महल में भगवान राम के अपनी पत्नी सीता जी तथा भाई लक्ष्मण जी के साथ बहुत ही मनमोहक दर्शन होते हैं| यहाँ पर राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के भी साथ में बाल स्वरुप के दर्शन होते हैं जिसकी सुन्दरता को शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल है| दशरथ महल को बड़ा स्थान भी कहा जाता है, यहाँ का प्रांगण भी काफी विशाल और भव्य है|

कनक भवन-

मान्यता है की भगवान राम और सीता जी के विवाह के बाद, माता कैकेई ने सीता जी को मुंह दिखाई में उपहार स्वरुप कनक भवन भेंट में दिया था| यहाँ आपको भगवान राम और सीता जी के दर्शन होते हैं| यहाँ की वास्तु कला बहुत ही आकर्षक है| रात में की जाने वाली लाइटिंग इसकी शोभा को चार चाँद लगाती है| यहाँ की सुन्दरता के दिव्य दर्शन करने के लिए आपको इस पवित्र स्थान को अयोध्या में घूमने की जगह में रखना चाहिए|

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कनक भवन

सूरज कुंड-

ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई भी किसी तरह के कुष्ठ रोग से ग्रसित है और इस कुंड में स्नान करता है तो उसका रोग ठीक हो जाता है| यहाँ पर भगवान सूर्य, भगवान राम की बाल लीलाओं के दर्शन हेतु प्रकट हुए थे और लीलाओं में मुग्ध हो जाने के कारण एक महीने तक यहीं रहे थे जिसकी वजह से एक महीने यहाँ पर रात नहीं हुई थी|

बहुत ही भव्य, शांतिपूर्ण और विशाल स्थान, जहाँ पर सूर्य देव का मंदिर भी है| शाम के समय यहाँ पर आरती भी होती है तथा इस के बाद यहाँ पर लाइट एंड साउंड शो भी होता है जो यहाँ की कहानियों का चित्रण करता है| सूरज कुंड को अयोध्या में घूमने की जगह में शामिल कर इन चित्रण को आपको अवश्य ही देखना चाहिए|

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सूरज कुंड

राम की पैड़ी-

सरयू नदी के तट पर भींनी भींनी हवाओं के बीच बसी राम की पैड़ी, जहाँ पर स्नान करने से पाप धुल जाते हैं| यहाँ पर प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं| कहा जाता है कि भगवान राम स्वयं राम की पैड़ी से होकर सरयू नदी में स्नान करने जाते थे| अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राम की पैड़ी हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही है|

यहाँ पर होने वाली शाम की आरती आपको एक मनमोहक और सुखद अनुभव भी प्रदान करेगी| राम की पैड़ी का रात का अद्भुत द्रश्य आपकी दिन भर की थकान को मिनटों में दूर कर देगा और आप भी यहाँ के द्रश्य में डूब जायेंगे| यहाँ की शाम की आरती को देखने के लिए आपको अवश्य ही इस स्थान को अयोध्या में घूमने की जगह में शामिल कर लेना चाहिए|

गुप्तार घाट-

सरयू नदी के तट पर बसा गुप्तार घाट, अयोध्या के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है| मान्यता है की यहीं पर भगवान राम ने बैकुंठ जाने हेतु जल समाधि ली थी| यहाँ पर शाम को प्रतिदिन आरती होती है| 19वीं सदी में राजा दर्शन सिंह द्वारा गुप्तार घाट का नव निर्माण कराया गया था| इस घाट पर नरसिंह मंदिर, राम जानकी मंदिर, चरण पादुका मंदिर तथा हनुमान मंदिर भी हैं|

गुप्तार घाट के पास में ही कंपनी गार्डन, राजकीय उद्यान, मिलिट्री मंदिर तथा अन्य प्राचीन मंदिर भी है जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं|

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गुप्तार घाट, अयोध्या

सरयू घाट आरती-

अगर आप मन को शांति और भक्ति से भर देना चाहते हैं, तो आपको सरयू घाट आरती को अवश्य ही अपनी अयोध्या में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए| यहाँ की आरती का वातावरण आपको बेहद ही सुखद और शांतिपूर्ण अनुभव देगा| यह स्थान अयोध्यावासियों तथा पर्यटकों दोनों के लिए बहुत ही पसंदीदा स्थान है|

सरयू घाट की आरती भक्ति से सराबोर रहती है क्यूंकि यहाँ पर हमेशा ही भक्तों की भारी संख्या में भीड़ रहती है| यहाँ की आरती का समय गर्मी में शाम को 6:45 है तथा ठंड के मौसम में शाम को 05:30 है| यहाँ की आरती मन को प्रफुल्लित कर देती है| आरती का आनंद लेने के लिए आपको यहाँ समय से पहले ही पहुंचना चाहिए जिससे आपको आरती का आनंदमय अनुभव लेने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके क्यूंकि यहाँ श्रद्धालुओं का भारी सैलाब रहता है|

यहाँ पर आप नौकाविहार का भी आनंद ले सकते हैं| तथा यहाँ पर शाम को लाइट एंड साउंड शो भी होते हैं जो की राम जी के जीवन से जुड़ी कहानियां दर्शाते हैं और आपको राम के युग की ओर ले जाते हैं|

राम कथा संग्रहालय-

राम कथा संग्रहालय धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं से जुड़े लोगों के लिए एक उत्तम स्थान है, जहाँ पर भगवान राम के जीवन की कथा को चित्रों के माध्यम से विभिन्न शैलियों में बताया गया है| यहाँ पर कई आर्ट गैलरी हैं, जिनमें कहीं पर राम जन्मभूमि से प्राप्त पुरावशेष दर्शाए गए हैं, तो कहीं राम की अयोध्या वापसी का चित्रण कम्बोडिया शैली में किया गया है|

भगवान राम से जुड़े लोगों, और रामायण में रूचि रखने वालों के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण स्थान है, जहाँ पर आपको राम के जीवन पर आधारित कई प्रकार के आध्यात्मिक द्रश्यों को देखने का अवसर मिलेगा| यहाँ पर भगवान राम के जीवन और विरासत के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है| यहाँ की कलाकृतियाँ आपको प्रभु राम के जीवन की यात्रा का एक वास्तविक अनुभव कराती हैं|

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अगर ऐसी और भी धार्मिक जगहों को आप घूमना चाहते हैं, तो आप उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों को भी घूम सकते हैं| हमारे आर्टिकल ‘मथुरा में घूमने की जगह’ को भी पढ़ें और खो जाइये ब्रज की गलियों में|

अयोध्या कैसे पहुंचें?

हवाई मार्ग द्वारा- आप हवाई मार्ग द्वारा अपने शहर से आसानी से अयोध्या आ सकते हैं| अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एअरपोर्ट है जो की कई शहरों को फ्लाइट के माध्यम से जोड़ता है| अगर आपके शहर से यहाँ तक की फ्लाइट नहीं है तो आप लखनऊ एअरपोर्ट आकर वहां से अयोध्या आ सकते हैं| लखनऊ से अयोध्या की दूरी 135 किलोमीटर है|

रेलमार्ग द्वारा- यहाँ पर रेलमार्ग द्वारा बड़ी ही आसानी से पहुंचा जा सकता है| यहाँ पर 2 स्टेशन है , एक अयोध्या कैंट तथा दूसरा अयोध्या धाम जंक्शन जो कि कई शहरों को रेल के माध्यम से जोड़ते हैं| इन दोनों स्टेशन के बीच की दूरी लगभग 8.5 किलोमीटर है| यहाँ पर वन्दे भारत ट्रेन के माध्यम से भी आ सकते हैं और अयोध्या में घूमने की जगह का आनंद ले सकते हैं|

सड़क मार्ग द्वारा- आप अपने शहर से अयोध्या सड़क मार्ग से भी आ सकते हैं, यहाँ पर गूगल मैप अच्छा काम करता है| कई शहरों से बस के माध्यम से भी आप डायरेक्ट अयोध्या आ सकते हैं|

FAQ-

प्रश्न- अयोध्या में घूमने की जगह कौन-कौन सी हैं?

उत्तर- राम मंदिर, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, राम की पैड़ी, सरयू घाट आरती, सूरज कुंड, तथा गुप्तार घाट आदि प्रमुख घूमने की जगह हैं|

प्रश्न- लखनऊ से अयोध्या की दूरी कितनी है?

उत्तर- लखनऊ से अयोध्या की दूरी 135 किलोमीटर है|

प्रश्न- गुप्तार घाट क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर- अयोध्या में घूमने की जगह में से एक गुप्तार घाट, जहाँ पर भगवान राम ने बैकुंठ जाने हेतु जल समाधि ली थी| इस घाट पर नरसिंह मंदिर, राम जानकी मंदिर , चरण पादुका मंदिर तथा हनुमान मंदिर भी हैं|

प्रश्न- राम मंदिर में सुगम दर्शन फ्री हैं?

उत्तर- हाँ, राम मंदिर में सुगम दर्शन फ्री हैं इसके लिए आपको ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है| यह दर्शन उन्ही के लिए होते हैं, जिन्हें चलने में किसी प्रकार की तकलीफ हो|

     हमने हमारे लेख में ‘अयोध्या में घूमने की जगह’ के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी देने की कोशिश की है फिर भी किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमाप्रार्थी हैं| हमें प्रोत्साहित करने के लिए इसी तरह अपना सहयोग देते रहें| हमारे लेख को पढने के लिए धन्यवाद!

दीक्षा दीक्षित

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1 thought on “अयोध्या में घूमने की जगह”

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