गुवाहाटी में घूमने की जगह

        अध्यात्म, प्राचीनता तथा आधुनिकता का अनोखा मिश्रण गुवाहाटी पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा तथा विकसित शहर है| आइये जानते हैं इस लेख में गुवाहाटी में घूमने की जगह के बारे में विस्तारपूर्वक जो आपके ज्ञान में वृधि करे| मंदिरों का शहर कहा जाने वाला गुवाहाटी में माँ कामाख्या मंदिर को किसी परिचय की जरुरत नहीं है| पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र, शहर के बाहरी क्षेत्र में चाय के बागानों की खुशबू को समेटे गुवाहाटी शहर आये बिना आपकी पूर्वोत्तर भारत की यात्रा अधूरी सी है|

         असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर तथा नागालैंड आपको इन सात राज्यों में जाने के लिए गुवाहाटी से ही गुजरना होगा| गुवाहाटी शहर को विश्व में एक बड़े चाय बाजार के रूप में पहचान मिली है| नार्थईस्ट का एकमात्र अन्तराष्ट्रीय हवाईअड्डा, शिक्षा की द्रष्टि से एकमात्र आईआईटी (IIT), मेडिकल की द्रष्टि से एकमात्र एम्स (AIIMS) इत्यादि स्थान असम के तेजी से विकसित होते हुए गुवाहाटी शहर को पर्यटन के साथ साथ रहने के लिए भी नार्थईस्ट का सबसे उत्तम स्थान बनाते हैं|

Table of Contents

        रिवर क्रुइसिंग के लिए मशहूर गुवाहाटी में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान माँ कामख्या मंदिर, असम स्टेट जू कम बोटोनिकल गार्डन, श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र, पूर्व तिरुपति श्री बालाजी मंदिर, असम स्टेट म्यूजियम, श्री उमानंदा टेम्पल, पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य, वशिष्ठ आश्रम मंदिर, नेहरू पार्क, इस्कान मंदिर (गुवाहाटी), गुवाहाटी तारामंडल, क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र (Regional Science Centre), भुवनेश्वरी मंदिर, हाजो, नवग्रह मंदिर तथा फैंसी बाज़ार हैं|  

गुवाहाटी में घूमने की जगह का ऐतिहासिक महत्व-

ब्रम्हपुत्र नदी के गोद में बसे इस ऐतिहासिक शहर को मंदिरों के शहर के नाम से भी जाना जाता है| प्राचीन काल में गुवाहाटी शहर को प्रगज्योतिषपुर के नाम से जाना जाता था| जो उस समय के असम की राजधानी थी| असम का प्राचीन नाम कामरूप था| वर्तमान असम की राजधानी दिसपुर हैं जो गुवाहाटी शहर के इनर सर्किल में स्थित है| अध्यात्म और आस्था की नगरी गुवाहाटी में कई प्राचीन मंदिर गुवाहाटी में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान रखते हैं| 

गुवाहाटी में घूमने की जगह को कैसे करे प्लान?

भारत के किसी भी कोने से आप गुवाहाटी शहर फ्लाइट, ट्रेन तथा बस इत्यादि से काफी आसानी से आ सकते हैं| आप पूरा गुवाहाटी शहर दो से तीन दिन में काफी आसानी के साथ घूम सकते हैं, परन्तु गुवाहाटी में घूमने की जगह का प्लान करने के साथ साथ आपको आस पास के क्षेत्र में कुछ स्थान का भी प्लान बनाना चाहिए|

खुशहाली से भरपूर असम क्षेत्र में काफी पर्यटन स्थान हैं जो की गुवाहाटी में घूमने की जगह के साथ शामिल कर सकते हैं| गुवाहाटी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिलांग शहर अपनी वादियों तथा खूबसूरती के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध हैं| इन सभी स्थानों के लिए गुवाहाटी के रेलवे स्टेशन से चंद दूरी पर स्थित पलटन बाज़ार से आसानी से बसे तथा टैक्सी मिल जाती हैं|

गुवाहाटी में घूमने की जगह को कब करे प्लान?

गुवाहाटी में घूमने की जगह के लिए अक्टूबर से मार्च महीने के बीच का समय सबसे बेहतरीन होता है| इस समय न अधिक वर्षा और न ही ही अधिक गर्मी पड़ती है|  गुवाहाटी में सर्दी के समय का मौसम सुहावना हो सकता है क्योंकि यहाँ पर नार्थ इंडिया की तरह सर्दी उतने न्यनतम स्तर पर नहीं जाती है|

गुवाहाटी  में घूमने की जगह

माँ कामाख्या मंदिर-

    गुवाहाटी के पलटन बाज़ार से 8 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित कामाख्या माता का मंदिर को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है| यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी की विश्व प्रसिद्ध माँ कामख्या मंदिर के कारण ही काफी संख्या में हिन्दू संस्क्रति को मानने वाले लोग गुवाहाटी को जानते हैं|

     नीलांचल पर्वत की गोद में बसा यह शक्तिपीठ, 51 शक्तिपीठों में सबसे प्राचीन, पवित्र तथा पूजनीय मनाना जाता है| माँ कामाख्या को स्रजन के देवी माना जाता है, हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यहाँ माँ सती का शरीर त्याग के पश्च्यात भगवान विष्णु द्वारा शिवजी का मोहभंग करने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर को 51 भागो में विभाजित कर दिया| ये सभी अंग भारत के अलग अलग भू भाग में गिरे, उनमे से सबसे पवित्र योनी भाग भारत के इस स्थान पर गिरा| यहाँ गर्भगृह में आज भी पिण्ड स्थापित है|

      तंत्र विद्या के लिए जाने जाना वाला यह क्षेत्र में लम्बी लाइन सुबह 5 बजे से ही लगना शुरू हो जाती है, पूजा पाठ के उपरांत 8 बजे से सामान्य दर्शन शुरू होते हैं| यहाँ पर जून महीने में अम्बुबाची मेले में लाखों संख्या में श्रद्धालू आते हैं| गुवाहाटी में घूमने की जगह की शुरुआत इसी पवित्र स्थान पर से की जा सकती है| यहाँ लोग माता को प्रसन्न करने के लिए पशु बलि भी देते हैं|

गुवाहाटी में घूमने की जगह, कामाख्या देवालय का बाह्य द्रश्य, गुवाहाटी का धार्मिक स्थल,
कामाख्या देवालय का बाह्य द्रश्य
असम स्टेट जू कम बोटोनिकल गार्डन-

गुवाहाटी के पलटन बाज़ार से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा जू ,प्रक्रति तथा वन्यजीवों से प्रेम करने वालो के लिए गुवाहाटी में घूमने की जगह में सबसे उत्तम स्थान हो सकता है| इस स्थान का टिकट भारतीय नागरिकों के लिए 30 तथा बच्चो के लिए 10 रूपये है| असम स्टेट जू शुक्रवार को पर्यटन के लिए बंद रहता है|

          वर्तमान में हज़ार से भी अधिक पशु पक्षियों का निवास स्थान वाला यह चिड़ियाघर 1 अगस्त 1958 को आम नागरिको के लिए खुला था| जू के अन्दर ही सुन्दर पक्षीशाला, रेपटाइल हाउस तथा सुन्दर सा वनस्पति उद्यान भी है| इस जू में जिराफ, गोल्डन लंगूर, ब्लैक पैंथर, भारतीय गैंडा, मगरमच्छ, शेर, चीता, हिरन तथा अनेक प्रकार के पक्षी हैं|

श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र-

09 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने गुवाहाटी में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र की स्थापनी की| श्रीमंत शंकरदेव, असम के एक सच्चे संत, धार्मिक और सामाजिक सुधारक थे| यहाँ पर आकर असम तथा नार्थईस्ट के अन्य राज्यों की संस्क्रति के बारे में काफी करीब से जान सकते हैं|

       यहाँ का प्रवेश शुल्क 30 रूपये प्रति व्यक्ति है| यह स्थान सप्ताह में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक पर्यटन के लिए खुलता है| यहाँ शाम को ‘साउंड एंड लाइट शो’ का भी आयोजन होता है| नार्थईस्ट की संस्क्रति तथा यहाँ का रहन सहन जानने की इच्छा रखने वालो को इस स्थान को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|

        श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में विभिन्न कलाक्रतियों की फोटो गैलरी, असम के प्रसिद्ध मुखौटे, विभिन्न समुदायों की वेशभूषा, प्राचीन समय में पूर्वोत्तर भारत में उपयोग में लाये जाने वाले हथियार, वाद्य यंत्र, मिट्टी के बर्तन, नार्थईस्ट के विभिन्न समुदायों के न्रत्य की झाकियाँ, असम के ग्रामीण परिवेश की झलक, सिल्क के कपड़े, बाँस से बने सामान आदि इस स्थान की शोभा बढाती हैं|

        एक इमारत में भारतरत्न भूपेन हजारिका म्यूजियम भी स्थित हैं, जहाँ पर भूपेन हजारिका जी के जीवन से जुड़े वस्तुओं को संग्रहित किया गया है| यहाँ पर उनकी प्राचीन ड्रेस आदि का भी संकलन हैं| श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र के प्रवेशद्वार के पास ही बच्चो के लिए सुन्दर पार्क भी यहाँ का आकर्षण का केंद्र है|

पूर्व तिरुपति श्री बालाजी मंदिर-

पलटन बाज़ार से 10 किलोमीटर दूर स्थित पूर्व तिरुपति श्री बालाजी मंदिर, आंध्रप्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिलिपि है| इस भव्य मंदिर में स्वच्छता और सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है| धार्मिक तथा शांतिप्रिय लोगों को इस स्थान को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए| मंदिर प्रांगण में प्रवेश करते ही बाये हाथ में गणेश जी का मंदिर हैं| चारो ओर हरियाली तथा सुन्दर पार्क कुछ समय आपको अवश्य दर्शन के बाद रोक कर रखेगा| इस मंदिर का समय सुबह 7 से 11 तथा साढ़े तीन से 8 बजे तक खुलता हैं| मंदिर परिसर में ही साउथ इंडियन रेस्टोरेंट भी है| यह मंदिर विष्णु जी के स्वरूप भगवान वेंकटेश का है|

असम स्टेट म्यूजियम-

असम स्टेट म्यूजियम तथा श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र दोनों ही असम तथा नार्थईस्ट की संस्क्रति को दिखाते हैं| समय के अभाव में इन दोनों स्थानों में से किसी एक को भी गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल कर सकते हैं| गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस म्यूजियम में नेचर हिस्ट्री गैलरी, स्कल्पचर गैलरी, टेक्सटाइल गैलरी; अहोम शासको द्वारा चलाये जाने वाले सिक्के, अहोम राजवंश के वस्त्र, मिट्टी के बर्तन, अलग अलग समुदायों के हथियार आदि रखे हुए हैं|

       नागालैंड में मिली जापानी सोल्जर की ड्रेस सेकंड वर्ड वावर के समय की है| यहाँ जिस तरह से असम के ग्रामीण इलाके की विलेज लाइफ तथा असम के घर दिखाए गये हैं वह सबसे अधिक लोगो को आकर्षित करता है} यहाँ अंदर फोटो तथा वीडियोज बनाने के लिए पूर्व परमिशन ले सकतें हैं| यहाँ पर मूगा सिल्क के कपड़ों के बारे में तथा उससे निर्मित कपड़े संग्रहालय में लगे हुए हैं|

श्री उमानंद टेम्पल-

विश्व के सबसे छोटे नदी द्वीप के रूप में जाना जाने वाला उमानंद द्वीप को अंग्रेजों ने पीकॉक आईलैंड नाम दिया| गुवाहाटी जंक्शन से 2 किलोमीटर की दूरी पर फैंसी बाज़ार में स्थित उमानंद घाट से इस द्वीप में प्रसिद्ध उमानंद मंदिर पहुँचने के लिए फैरी से जाना पड़ता हैं| यहाँ सरकारी फैरी का किराया 50 रूपये तथा निजी फैरी का किराया 100 रूपये होता हैं जिसमे आना तथा जाना दोनों शामिल होता है| 10 से 12 मिनट के सफर के पश्च्यात आप इस उमानंद मंदिर की सीढ़ियों तक पहुँच जायेंगे| आपको यहाँ पर 2 बजे तक पहुँच जाना चाहिए क्योकि अंतिम फैरी सुविधा लौटने के लिए साढ़े चार बजे तक ही रहती है|

श्री उमानंद टेम्पल,  गुवाहाटी में घूमने की जगह
photo source: wikipedia

       पौरोणिक कथाओं के अनुसार यहाँ पर भगवान शिव ने अपनी तीसरी आँख खोलकर क्रोध से कामदेव को भस्म कर दिया था इसलिए इस स्थान को भस्माचल द्वीप भी कहा जाता है| यहाँ पर किसी समय काफी अधिक संख्या में गोल्डन लंगूर पाए जाते थे| इस स्थान से सूर्यास्त देखने का मजा कुछ अलग ही है| यहाँ पक्षियों की 20 से अधिक प्रजातियाँ पायी जाती हैं| धार्मिक व्यक्तियों को इस स्थान को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिये|

पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य-

गुवाहाटी से 45 किलोमीटर दूर पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य के लिए आप पूरे एक दिन का प्लान बना सकते हैं, वन्यजीव तथा नेचर प्रेमी इस स्थान को गुवाहाटी में घूमने की जगह में सबसे ऊपर रखते हैं| सबसे अधिक भारतीय गैंडे का घनत्व वाले इस अभ्यारण्य में जीप सफारी, एलीफैंट सफारी तथा डॉल्फिन और सनसेट देखने के लिए बोट सफारी का लुफ्त उठा सकते हैं|

       यह स्थान अप्रैल के अंतिम सप्ताह से सितम्बर के अंतिम सप्ताह तक अधिक बारिश के कारण बंद रहता है| यहाँ पर स्थित हैंगिंग ब्रिज पर खड़े होकर हाथियों को नीचे बहती हुए जलधारा में नहाते हुए भी देख सकते हैं| यहाँ पर भारतीय गैंडे के अलावा, एशियाई जंगली भैंसे, जंगली बिल्ली तथा सैकड़ो प्रकार के पक्षी आपका मन मोह लेंगे|

चिड़ियों के सुन्दर आवाजों के बीच आप सुबह 6:30 और 7:30 पर एलीफैंट राइड कर सकते हैं और काफी समीप से जंगली जीवों को देख सकते हैं| वही जीप सफारी सुबह सात बजे से बारह बजे तक और दोपहर एक बजे से साढ़े तीन बजे तक कर सकते हैं| जीप सफारी में लगभग 1 घंटे का समय लगता हैं तथा इसका किराया 1500 रूपये है|

वशिष्ठ आश्रम मंदिर-

प्रक्रति की सुन्दरता को समेटे हुए गुवाहाटी जंक्शन से 12 किलोमीटर दूर स्थित शहर के बाहर सुकून भरे वातावरण वाले इस वशिष्ठ आश्रम को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए| इस स्थान को वशिष्ठ मुनि की तपस्थली मन जाता है| प्राचीन पत्थर से बने मंदिर को 1764 में राजेश्वर सिंह ने ईटों से बनवाकर इस स्थान का जीर्णोद्धार किया था| पत्थरों के बीच तीव्र वेग से बहता जल अंत्यं सुन्दर द्रश्य बनता है| यह झरना बारिश के समय और अधिक शोभनीय हो जाता हैं| यहाँ पर पास में ही गणेश जी का भी मंदिर स्थित है|

नेहरू पार्क-

गुवाहाटी के पान बाज़ार में स्थित नेहरू पार्क का उदघाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई 12 जून 2004 को किया था| पार्क में हरियाली से भरपूर मैदान, जागिग़ ट्रैक तथा बच्चो के खेलने के लिए भी पार्क है| पेड़ पौधों से भरपूर इस स्थान में बिहू इत्यादि डांस करते हुए काफी संख्या ठोस मूर्तिया इस स्थान की शोभा बड़ा रही है| यह गुवाहाटी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है| गुरुवार को यह पार्क पर्यटन के लिए बंद रहता है| नेहरू पार्क का प्रवेश शुक्ल 30 रूपये प्रति व्यक्ति है|

इस्कान मंदिर, गुवाहाटी-

मुख्य रेलवे स्टेशन से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर उलुबारी चारियाली क्षेत्र की एक पहाड़ी में स्थित इस्कान मंदिर की सफ़ेद पत्थरों से बनी इमारत अत्यंत भव्य है| हिन्दू धर्म को मानने वालों को अपने परिवार के साथ इस स्थान को गुवाहाटी में घूमने की जगह में जरुर शामिल करना चाहिए| इस मंदिर को श्री रुक्मिणी कृष्ण मंदि के नाम से भी जाना जाता है| श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा अन्य हिन्दू त्योहार के समय में यहाँ काफी अच्छे तरीके से भजन इत्यादि होते हैं|

 गुवाहाटी में घूमने की जगह, इस्कान मंदिर, गुवाहाटी
इस्कान मंदिर, गुवाहाटी
गुवाहाटी तारामंडल-

अगर आप बच्चो के साथ गुवाहाटी में घूमने की जगह देख रहे हैं तो गुवाहाटी तारामंडल आपकी गुवाहाटी में घूमने की जगह की लिस्ट में सबसे ऊपर होना चाहिए| 141 लोगों की सीट वाला यह तारामंडल का प्रति व्यक्ति 50 रूपये टिकट है, गुम्बदाकार छत में प्रोजेक्टर के द्वारा अंतरिक्ष के बारे में दिखाया जाने वाला यह शो यहाँ का मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं| इस तरह का तारामंडल नयी दिल्ली के बाद दूसरा तारामंडल है जिसकी स्थापना 1994 में हुई थी|

               असम सरकार की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार चार असमिया भाषा में तथा दो अंग्रेजी भाषा में चलते है| यह तारामंडल प्रत्येक महीने की 15 तारीख को बंद रहता है|

क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र (Regional Science Centre)-

पलटन बाजार से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रीजनल साइंस सेंटर भी परिवार तथा बच्चो के खेलने के और सीखने के सिखने के लिए सुन्दर स्थान है| यहाँ पर खेल खेल में विज्ञान के क्रमिक विकास को देखने का मौका मिलता है| इस साइंस सेंटर में फन मिरर, भौतिक, रसायन तथा बायो साइंस तथा एस्ट्रोलॉजी से जुड़े अलग अलग विभाग हैं|

फन साइंस में बच्चे सबसे अधिक समय बिताते हैं| 3D शो यहाँ का मुख्य आकर्षण का केंद्र है| सप्ताह में प्रतिदिन सुबह साढ़े बजे से शाम को 6 बजे तक खुलने वाला यह स्थान सिर्फ बड़े त्योहारों के समय बंद रहता है| साफ सफाई तथा रखरखाव की मांग करते हुए इस स्थान को अतिरिक्त समय होने पर अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिये|

भुवनेश्वरी मंदिर-

नीलांचल पहाड़ियों के शीर्ष तथा कामख्या मंदिर से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित भुवनेश्वरी मंदिर को परिवार के साथ सुकून भरा समय बिताने के लिए गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए| यह दिव्य मंदिर सातवी से नौवी शताब्दी के बीच का माना जाता है, इस मंदिर की सरंचना काफी हद तक कामख्या मंदिर से मिलती है| भुवनेश्वरी मंदिर के व्यू पॉइंट से तेज़ हवा के बीच ब्रम्हपुत्र नदी का विहंगम द्रश्य तथा पूरे गुवाहाटी शहर का सुन्दर द्रश्य देखना बिलकुल भी न भूले|

हाजो-

साइंस सामाजिक समरसता की मिशाल हाजो, ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे बसा एक छोटा सा शहर है| बेल मेटल तथा रेशम के कपड़ो के उत्पादन में प्रमुख स्थान रखने वाला यह शहर, गुवाहाटी से 32 किलोमीटर दूर नोर्थवेस्ट में स्थित है| बौद्ध, मुस्लिम तथा हिन्दू धर्म के संगम इस आध्यत्मिक स्थल को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिये| यहाँ पर हयग्रीव माधव मंदिर, पोवा मक्का दरगाह शरीफ, केदार मंदिर, जोय दुर्गा मंदिर आदि प्रमुख स्थान हाजो में घूमने की जगह हैं|

नवग्रह मंदिर-

चित्राचल पर्वत में स्थित नवग्रह मंदिर, नवग्रहों के दर्शन तथा शहर के बीच में शांति की खोज रखने वाले पर्यटकों के लिए अद्वतीय स्थान है| चित्राचल पहाड़ी को नवग्रह पर्वत भी कहा जाता हैं| यह भारत में एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ खगोलीय पिंडों को शिवलिंग के आकार का दर्शाया गया हैं| इस मंदिर में 9 ग्रह एक गोल घेरे में स्थित हैं जिनके मध्य एक बड़े आकार का शिवलिंग स्थित है जिसे सूर्य का प्रतीक है|

      प्राचीन मंदिर के निर्माण की कोई ठोस जानकारी नहीं है परन्तु यहाँ स्थित एक शिलालेख के अनुसार अहोम राजा राजेश्वर सिंह ने इस मंदिर का पुननिर्माण 1752 में किया था| 1897 में भयानक भूकंप के बाद धर्मपरायण राजा ने दुबारा इसका जीर्णोधार कराया| मंदिर के समीप ही सिलपुखुरी नाम का तालाब भी स्थित है| पलटन बाजार से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोग इस स्थान को गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल कर सकते है|

फैंसी बाज़ार-

गुवाहाटी की सबसे बड़ी तथा लोकल बाज़ार के रूप में जानी जाने वाली पान बाज़ार के आसपास फैले फैन्सी बाज़ार में डेली के ग्रहस्थी के सामान से लेकर गहने इत्यादि खरीद सकते हैं| इस अधिक भीड़ वाले क्षेत्र में मूगा आदि सिल्क के कपड़े भी खरीद सकते हैं| पलटन बाज़ार से 3 किलोमीटर दूर स्थित, खरीददारी के शौक़ीन लोग इस स्थान को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करे|

चंदूबी झील-

गुवाहाटी से 58 किलोमीटर की दूरी साउथ-वेस्ट पर स्थित शांतप्रिय तथा नेचर के बीच पिकनिक मनाने के लिए एक बेहतरीन स्थान है| यह मेघालय की गारो हिल्स की तलहटी तथा असम के कामरूप जिले में स्थित है| बोटिंग के लिए खूबसूरत इस स्थान में शीतकाल के समय काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं| जनवरी के प्रथम सप्ताह में आसपास के ग्रामीणों के द्वारा, वर्ष में एक बार मनाया जाने वाला चंदूबी महोत्सव को देखने के लिए इस स्थान को अवश्य ही गुवाहाटी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिये|

अन्य स्थान-

गुवाहाटी में घूमने की जगह के साथ साथ नौगाँव में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क तथा महाम्र्तुन्जय मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं| यदि समय आपका साथ दे रहा हैं तो और आगे जाकर असम के अन्य जिलों की खूबसूरती को पास से निहार सकते हैं|

इसे भी पढ़े-

गुवाहाटी को नार्थ ईस्ट का गेटवे कहा जाता है, आपको नार्थईस्ट में आने के लिए गुवाहाटी आना ही होगा| गुवाहाटी के साथ साथ असम के अन्य सुन्दर तथा प्राक्रतिक स्थान में घूमने की विस्तृत जानकारी के लिए आप हमारे आर्टिकल ‘असम में घूमने की जगहको पढ़ सकते है|

गुवाहाटी  जाने से पहले जानने योग्य बाते-

  • गुवाहाटी, असम का मुख्य तथा सबसे विकसित शहर है, अधिक जनसँख्या तथा बड़ी बाजारों के कारण यहाँ का ट्रैफिक काफी धीमा है| जाम इत्यादि को ध्यान में रख कर आपको कुछ समय अधिक लेकर चलना चाहिए|  
  • रिवर क्रुसिंग में आप गुवाहाटी में घूमने की जगह का सबसे सबसे रोमांटिक समय व्यतीत कर सकते हैं| इनमे सांस्क्रतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त डिनर इत्यादि की भी व्यवस्था होती है|
  • हाल ही में 24 august 2020 को शुरू हुई देश की पहली नदी के ऊपर बनी पैसेंजर रोपवे गुवाहाटी के उत्तर तथा दक्षिण किनारों को जोडती है| यहाँ से गुवाहाटी शहर तथा ब्रम्हपुत्र नदी का सुन्दर व्यू देखने को मिलता है| उपर से आप उमानंद द्वीप को भी देख सकते हैं| इस स्थान का तेजी से पर्यटन स्थल के रूप में विकास हो रहा है|
  • अगर आप गुवाहाटी में हैं तो काटन यूनिवर्सिटी के आसपास स्थित स्ट्रीट फ़ूड का जरुर स्वाद चखना चाहिए|
  • आपको गुवाहाटी में पलटन बाज़ार से सभी स्थानों के लिए आसानी से साधन मिल जाते हैं, गुवाहाटी जंक्शन भी पलटन बाज़ार में स्थित है|
  • गुवाहाटी में रहने का स्थान आपको पलटन बाज़ार के आसपास ही करना चाहिये क्योकि यहाँ से कई सारे स्थान 3 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है और जाम की समस्या से बचने के लिए आप पैदल भी घूम सकते हैं| पलटन बाज़ार शहर का मुख्य क्षेत्र होने के कारण यहाँ से हर जगह के लिए साधन भी आसानी से मिल जाते हैं|

गुवाहाटी  कैसे पहुँचे-

  • हवाई मार्ग द्वारा-  गुवाहाटी में ‘लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अन्तराष्ट्रीय विमानक्षेत्र’ हैं, जिसे गुवाहाटी अन्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है| यह गुवाहाटी ही नहीं अपितु पूरे नार्थ ईस्ट का प्रमुख एयरपोर्ट है| यह गुवाहाटी के मुख्य स्थान पलटन बाज़ार से २२ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
  • रेलमार्ग के द्वारा – गुवाहाटी का मुख्य रेलवे स्टेशन गुवाहाटी जंक्शन हैं यहाँ शहर के सबसे मुख्य क्षेत्र पलटन बाज़ार में स्थित है| कामख्या जंक्शन, गुवाहाटी का दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन है|
  • सड़क मार्ग द्वारा-  गुवाहाटी में आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुँच सकते हैं, गुवाहाटी के अन्दर भी सड़के काफी अच्छी हैं| गूगल मैप शहर के अन्दर अच्छा कार्य करता है| स्वयं ड्राइव करने पर जाम की समस्या आपको परेशान कर सकती है| गुवाहाटी में घूमने की जगह के लिए रेंट पर बाइक लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है|

FAQ-

प्रश्न- विश्व का सबसे छोटा नदी द्वीप कहाँ स्थित है?

उत्तर-  विश्व का सबसे छोटा नदी द्वीप असम के गुवाहाटी में ब्रम्हपुत्र नदी में स्थित है| इसे उमानंद तथा पीकॉक आईलैंड के नाम से भी जाना जाता है|

प्रश्न- अम्बुबाची मेला कहाँ तथा कब लगता है?

उत्तर- अम्बुबाची मेला गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर के समीप लगता है| कामाख्या देवालय, गुवाहाटी में घूमने की जगह का मुख्य स्थान है| अम्बुबाची मेला प्रतिवर्ष लगने वाला एक एक हिन्दू मेला है| यह मेला जून के मध्य में लगता हैं यहाँ इस समय पूरे विश्व से लोग आते हैं|

प्रश्न- गुवाहाटी में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?

उत्तर- गुवाहाटी में घूमने की जगह में माँ कामाख्या मंदिर, असम स्टेट जू कम बोटोनिकल गार्डन, श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र, पूर्व तिरुपति श्री बालाजी मंदिर, असम स्टेट म्यूजियम, श्री उमानंदा टेम्पल, पोबितोरा वन्यजीव अभ्यारण्य, वशिष्ठ आश्रम मंदिर, नेहरू पार्क, इस्कान मंदिर (गुवाहाटी), गुवाहाटी तारामंडल, क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र (Regional Science Centre), भुवनेश्वरी मंदिर, हाजो, नवग्रह मंदिर तथा फैंसी बाज़ार आदि प्रमुख स्थान हैं|

प्रश्न- गुवाहाटी में घूमने की जगह के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?    

उत्तर- गुवाहाटी में घूमने की जगह को अच्छे से पूरा करने के लिए आपको कम से कम 3 रात्रि तथा 4 दिन की आवश्यकता हो सकती है| कई स्थानों के लिए यहाँ पूरा दिन आराम से लग सकता है|

प्रश्न- गुवाहाटी घूमने के लिए कितना बजट होना आवश्यक हैं?

उत्तर- गुवाहाटी पर्यटन की द्रष्टि से एक महंगा शहर है, यहाँ पर होटल का किराया आपका बजट असंतुलित करने में सक्षम है, परन्तु गुवाहाटी में घूमने के काफी स्थान पासपास स्थित है, जंगल सफारी इत्यादि का खर्चा जोड़ने के बाद आपके पास कम से कम दो व्यक्तियों के लिए पूरा गुवाहाटी यात्रा करने के लिए 12 से 15 हज़ार रूपये होना आवश्यक है|

निष्कर्ष-

नार्थईस्ट का सबसे विकसित शहर गुवाहाटी में घूमने की जगह के साथ आप मेघालय, अरुणाचल प्रदेश तथा असम के अन्य स्थान का भी प्लान कर सकते हैं| मेघालय पर्यटन के लिए सुन्दर स्थान के साथ साथ रहने के लिए भी नार्थ ईस्ट का सबसे अच्छा स्थान है| इस लेख में किसी प्रकार के संशोधन तथा आपके सुझाव हमेसा आमंत्रित है| ‘गुवाहाटी में घूमने की जगह’ विस्तृत लेख पढने के लिए आपका आभार| जानकारी से पूर्ण यह लेख को अपने प्रियजनों के साथ साझा करे| धन्यवाद|

-दीक्षा दीक्षित

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