बचपन में किताबें चेरापूंजी के नाम का जिक्र बार बार करती थी, जिसको हम विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान के रूप में याद किया करते थे| यहाँ की सुन्दरता के बारे में जिसे देख कर लगता है जैसे आप खुली आँखों से स्वर्ग का सपना देख रहें हों| चेरापूंजी बाहर से आये लोगों के द्वारा रखा हुआ नाम है जिसका अर्थ होता हैं संतरों की भूमि|
चेरापूंजी का वास्तविक नाम सोहरा है| वर्ष भर बारिश वाले चेरापूंजी में घूमने की जगह की कोई कमी नहीं हैं| आज भी स्वर्ग की सुन्दरता लिए ऐसे स्थान हैं जहाँ काफी कम संख्या में लोग पहुँच पाते हैं| ‘चेरापूंजी में घूमने की जगह’ लेख में जानेंगे विस्तार से उस स्थान के बारे में जहाँ बादल आसमान में चलने के साथ साथ जमीन से भी हाथ मिलाते हैं|
सोहरा, मेघालय की राजधानी शिलांग से 55 किलोमीटर की दूरी पर आसपास की घाटियों से लगभग 600 मीटर की ऊंचाई पर पठारी भूमि पर स्थित है| विश्व का सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र होने के बावजूद पठारी क्षेत्र होने के कारण यहाँ पेयजल की कमी रहती है| डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज, मवसमाई गुफा, नोहशंगथियांग फाल्स (सेवन सिस्टर वॉटरफॉल), इको पार्क, गार्डन ऑफ़ केव्स, नोहकलिकाई जलप्रपात, डैन्थलेन वॉटरफॉल, वेई सव्दोंड वॉटरफॉल (Wei Sawdond fall), वाह काबा फाल्स, मावकडोक डिम्पेप वैली (Mawkdok Dympep Valley), अरवाह केव तथा काइनरेम जलप्रपात (Kynrem Fall) आदि स्थानों का नाम चेरापूंजी में घूमने की जगह में प्रमुखता से लिया जाता है|
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चेरापूंजी में घूमने की जगह का ऐतिहासिक महत्व-
अंग्रेजो ने 1832 में सोहरा को असम की राजधानी घोषित किया गया था| अंग्रेजों के प्रभुत्व वाले इस क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों का काफी प्रभाव रहा, यहाँ के मूल निवासी खासी समुदाय ने काफी अधिक संख्याँ में ईसाई धर्म को सहर्ष स्वीकार किया| सोहरा में स्थित ‘द नोंगसवलिया प्रेसब्य्टेरियन चर्च’ (The Nongsawlia Presbyterian Church) मेघालय तथा उस समय के असम का पहला चर्च था, 1844 में निर्मित इस चर्च को भी आप चेरापूंजी में घूमने की जगह में शामिल कर सकते हैं| अधिक वर्षा वाला क्षेत्र होने के कारण अंग्रेजों को यह स्थान प्रशासनिक कार्यो के लिए रास न आया और 1866 में असम की राजधानी को सोहरा से शिलांग शिफ्ट कर दिया गया|
चेरापूंजी में घूमने की जगह को कैसे करे प्लान?
पूर्वी खासी हिल्स के एक छोटा से शहर चेरापूंजी में नदी, झील, गुफायें तथा घाटियाँ आदि सभी प्रक्रति के गहने के रूप में इस स्थान की शोभा बढ़ाते हैं, परन्तु यदि आप अधिक समय लेकर मेघालय घूमने का प्लान कर सकते हैं तो चेरापूंजी में घूमने की जगह के साथ साथ मेघालय के प्रसिद्ध पर्यटन स्थानों में से एक शिलांग तथा डॉकी शहर भी घूम सकते हैं| इन स्थानों को अपनी यात्रा में जोड़ने पर भी आपका बजट संतुलित रहेगा|
चेरापूंजी में घूमने की जगह को कब करे प्लान?
चेरापूंजी को जून से सितम्बर माह के बीच काफी अधिक वर्षा का सामना करना पड़ता है| इस समय चेरापूंजी में घूमने की जगह का प्लान नहीं बनाया जाये तो अधिक अच्छा है| इसके अतिरिक्त अक्टूबर से मई का समय, चेरापूंजी में घूमने की जगह के लिए सबसे बेस्ट समय हो सकता है| अक्टूबर से दिसम्बर महीने के बीच वॉटरफॉल का वेग सबसे अधिक रहता है|
चेरापूंजी में घूमने की जगह
- डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज- इन्टरनेट की दुनिया में मेघालय का नाम आते ही सबसे पहले जो तस्वीर आती हैं उनमे से एक डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज हैं| पूरे विश्व में अपनी खूबसूरती तथा रोमांच से भरे ट्रैक के लिए मशहूर इस स्थान को चेरापूंजी में घूमने की जगह में पहले स्थान पर रखना ही इस स्थान की सुन्दरता का सम्मान है|
लगभग 200 वर्ष पुराने जीवित रबर के पेड़ की जड़ों से बने दो खंड के यह पुल तक पहुँचने के लिए आपको तिरना गाँव से पैदल यह रोमांचक सफ़र तय करना होगा| यह ब्रिज सोहरा की एक घाटी में नोंगरियात नामक गाँव में स्थित हैं| इस ब्रिज तक पहुँचने के लिए आपको तिरना गाँव से ट्रैक कर के लगभग 3500 सीढियाँ उतरकर नीचे जाना पड़ता है| यह पूरे दिन का सफ़र थकान से भरा अवश्य रहता है परन्तु मेघालय की कभी न भूलने वाली यादें दे जाता है| एक तरफ के ट्रैकिंग में सामान्यतया 2.5 से 3.5 घंटे लग सकते है|
यहाँ जाने के लिए आपको दिन की शुरुआत थोडा जल्दी करना चाहिए| आप आसानी से ब्रिज देखने के लिए उतर जाते हैं परन्तु लौटते वक्त चढ़ने में थकान अधिक होती है| ट्रैक करते समय मिलने वाले पाइनएप्पल जरुर खाना चाहिए, यहाँ का पाइन एप्पल काफी मीठा होता है| घुटनों में तकलीफ वाले लोगो को इस स्थान को चेरापूंजी में घूमने की जगह में नहीं शामिल करना चाहिए|
वनस्पतियों से भरपूर इस स्थान पर काफी संख्या में पाइनएप्पल, तेज़ पत्ता आदि के पेड़ देखने को मिलते हैं| कुछ सीढियाँ उतरने के बाद आप सिंगल लिविंग रूट ब्रिज फिर अलग अलग 2 लोहे के सस्पेंशन ब्रिज को पार करते हुए इस दैवीय स्थान डबल रूट ब्रिज तक पहुँचते हैं| यहाँ पर नीचे कुछ होम स्टे भी हैं| इस ब्रिज को एक समय पर 20 से 25 लोग एकसाथ पार कर सकते हैं|
- मवसमाई गुफा- मवसमाई गुफा का प्रवेश द्वार काफी बड़ा है पर अन्दर पहुँचते ही गुफा धीरे धीरे सँकरी हो जाती है| गुफाओं के लिए मेघालय में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहने वाली मवसमाई गुफा लाइम स्टोन द्वारा निर्मित है|150 मीटर लम्बी इस गुफा में जगह जगह से पानी गिरता है जो आपके सफर को रोमांच से भर देगा|
मवसमाई गुफा के अन्दर पैरों में तकलीफ अगर किसी के है उसे नहीं जाना चाहिए क्योकि कई स्थान पर थोडा डक वाक तथा रोल कर के भी निकलना पड़ता है| गुफा में रौशनी की समुचित व्यवस्था की गयी है फिर भी रोशनी की कमी महसूस होने पर आप टॉर्च साथ में ले जा सकते हैं| चेरापूंजी में घूमने की जगह के प्रमुख स्थानों में से एक मवसमाई गुफा का प्रवेश टिकट 30 रूपये प्रति व्यक्ति है|
गुफा के बाहर काफी संख्याँ में सामान तथा खाने पीने की दुकाने भी हैं| पार्किंग की समुचित व्यवस्था करी गयी है| यहाँ पर दो अन्य cave भी हैं परन्तु वह पर्यटक के लिए नहीं खुली हुई है| कई बार गुफा के बाहर खुले क्षेत्र में खासी जनजातियों के सांस्क्रतिक कार्यक्रम भी होते हैं, जिनको आप अवश्य देखें|
- नोहशंगथियांग फाल्स (सेवन सिस्टर वॉटरफॉल)- नोहशंगथियांग वॉटरफॉल, 7 अलग अलग ड्रॉप्स होने के कारण इसे सेवन सिस्टर वॉटरफॉल के नाम से जाना जाता है इसका चेरापूंजी में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान है| 1033 फीट (315 मीटर) वाला यह झरना भारत का चौथा सबसे अधिक ऊंचाई वाला वॉटरफॉल है| यह वॉटरफॉल इको पार्क से निकलता है और इसका व्यू पॉइंट यहाँ से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर है|
अगर आप इस स्थान पर सुबह पहुँचते हैं तो आपको वॉटरफॉल में इन्द्रधनुष बनता हुआ दिख सकता है| सितम्बर से अक्टूबर के बीच में सभी सातों ड्रॉप्स अगर आप लकी हैं तो देखने को मिल सकते हैं क्योंकि कई बार अधिक फॉग के पीछे यहाँ पर बिलकुल भी विसिबिलिटी नहीं रहती है, जिससे आपको निराश होना पड़ सकता है| सूर्यास्त का बेहतरीन नजारा देखने के लिए भी आप इस स्थान को चुन सकते हैं|
इको पार्क- अगर आप चेरापूंजी में हैं और आप बच्चों के साथ घूमने निकले हैं तो इको पार्क को जरूर अपनी चेरापूंजी में घूमने की जगह के लिस्ट में जोड़ना चाहिए| बच्चों के लिए सुन्दर वादियों में झूले, घाटियों का सुन्दर व्यू और तेज़ हवा के बीच में कब घंटो समय निकल जाता है मालूम ही नहीं चलता है| यहाँ से आप बांग्लादेश के मैदानी भागों को भी निहार सकते हैं| यह स्थान से ही नोहशंगथियांग वॉटरफॉल निकलता है| फोटोग्राफी के लिए चेरापूंजी के बेस्ट स्थानों में से एक है|
गार्डन ऑफ़ केव्स- नाम के अनुसार ही सुन्दर इस स्थान को अभी भी चेरापूंजी में घूमने की जगह में वह स्थान नहीं प्राप्त है जो इसका होना चाहिए| 11 अलग अलग स्थानों वाला यह क्षेत्र गुफा, झरना आदि को समेटे हुए पूरे मेघालय के परिद्रश्य को दिखाता है| 100 रुपए के टिकट वाले इस स्थान को जरूर चेरापूंजी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|
गुफा के अन्दर गिरते हुए झरने, गुफाओं के अन्दर टपकता पानी, बड़ी बड़ी पेड़ की जड़ों से गिरता हुआ वॉटरफॉल सच में मेघालय की सुन्दरता को बताता है| एक स्थान में मेडिसिन वाटर के नाम से प्रसिद्ध जल आपको जरूर पीना चाहिए, लोकल लोग इस स्थान का पानी बोतल में भी भर कर ले जाते हैं|
- नोहकलिकाई जलप्रपात- भारत का तीसरा सबसे ऊँचा वॉटरफॉल नोहकलिकाई फॉल है, जिसकी ऊंचाई 1120 फीट (340 मीटर) है| जिन लोग का मानना हैं स्वर्ग से सुन्दर कुछ नहीं है, उनको इस स्थान को अवश्य ही चेरापूंजी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए क्योकि बहुत संभावना है यहाँ की सुन्दरता आपका मन परिवर्तन कर दे| जलप्रपात के द्वारा बनाया गया नीले रंग का क्रिस्टल क्लियर पानी का पूल आपको इसके व्यू पॉइंट में घंटो खड़े रहने के लिए मजबूर कर देगा|
दूर दूर तक झरने की गरज आपका रोम रोम रोमांचित कर सकता है| आप ट्रैक कर के वॉटरफॉल की सतह तक भी जा सकते हैं| 50 रूपये प्रति व्यक्ति टिकट वाले इस स्थान में मानसून आपको निराश कर सकता है, क्यूंकि फॉग के कारण कई बार यह फॉल अद्रश्य हो जाता है| लोकल व्यक्तियों से पता चला की यहाँ पर शाहरुख़ खान की कोयला मूवी की शूटिंग भी हो चुकी है|
- डैन्थलेन वॉटरफॉल- डैन्थलेन वॉटरफॉल, चेरापूंजी में घूमने की जगह में एक ऐसा जादुई वॉटरफॉल है जहाँ पर आप जलप्रपात को उसके ऊपर से देखते है| इस सुकून भरे वॉटरफॉल का दूसरे साइड से व्यू देखने के लिए आसपास फिसलते पत्थरों को सावधानीपूर्वक पार करना होगा जिसके बीच बीच गड्ढे हैं और उनमे नीला पानी भरा है| कुछ देर यहाँ पर ठन्डे पानी में पैर डालकर आप सुकून से प्रक्रति की कलाकारी को निहार सकते हैं|
- वेई सव्दोंड वॉटरफॉल (Wei Sawdond Waterfall)- डैन्थलेन वॉटरफॉल से मात्र 1.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ऐसा स्थान जिसे देख कर लगता है मानो कोई स्वर्ग का नजारा हो क्योकि अभी तक देखे हुए वॉटरफॉल सुन्दर तो हैं परन्तु पर्यटक काफी हैं| Wei Sawdond Waterfall के पास तक पहुंचने का रास्ता जितना कठिन हैं उतना ही अधिक सुन्दर है यह स्थान|
तीन स्टेप में उतरने वाले यह जलप्रपात का पानी एक नीले पूल में नीचे जमा होता है| ऐसा जीवन में काफी कम बार ही होता है कि जब प्रक्रति अपने रंग में हो और ख़ुशी से झूम रही हो उस समय आपके अलावा और कोई न हो| इस स्थान में ऐसा कई बार होता है की आप अकेले ही इस स्थान में हो| शांति भरे वातावरण में दहाड़ता हुआ यह झरना का पूरा व्यू आधा रास्ता उतरते ही दिखने लगता है|
20 मिनट की ट्रैकिंग कर के आप नीचे तक पहुँच सकते हैं जहाँ झरना, क्रिस्टल क्लियर पानी का पूल, घना जंगल और उन सबके बीच आप होंगे| रोमांच से भर देने वाले इस वॉटरफॉल को चेरापूंजी में घूमने की जगह में जरूर शामिल करना चाहिए जोकि डैन्थलेन वॉटरफॉल से आने वाले पानी से ही नीचे बनता है|
- वाह काबा फाल्स- सुकून, शांति, वादियाँ, कम भीड़ यही सब वाह काबा वॉटरफॉल की विशेषता है| शिलांग से सोहरा जाने वाले रास्ते में पड़ने वाला यह स्थान फोटोग्राफी के शौकीन लोग के लिए न मिस करने वाली जगह है| 10 मिनट के ट्रैकिंग वाले इस स्थान को मानसून के समय अवश्य ही चेरापूंजी में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए| यह शिलांग से सोहरा जाते समय हाईवे में ही 10 किलोमीटर पहले पड़ता है|
- मावकडोक डिम्पेप वैली (Mawkdok Dympep Valley)- शिलांग से चेरापूंजी जाने में एकाएक इस स्थान की सुन्दरता को निहारने के लिए आपकी गाड़ी रुक जाएगी| शिलांग से सोहरा जाने में दुवान सिंग स्यिएम व्यू पॉइंट के नाम से मशहूर चेरापूंजी में घूमने की जगह में सबसे पहला हाल्ट हो सकता है|
मावकडोक डिम्पेप वैली के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र V शेप में दो घाटियों को जोड़ता हुआ तथा उनके बीच घुमड़ घुमड़ कर बादलों का आना तथा पूरी घाटी वनों से आच्छादित होना खुली आँखों से स्वप्न देखने के समान प्रतीत होता है| इस स्थान पर आप कुछ देर रुककर ज़िपलाइन एडवेंचर एक्टिविटी भी कर सकते हैं| यहाँ पर रुकने पर आप वादियों में बैठकर तेज़ हवा के बीच स्ट्रीट फ़ूड खाने का अनुभव भी ले सकते हैं|
- अरवाह केव- 300 मीटर लम्बी अरवाह केव अपने आप में अद्वितीय, थोडा डरावनी तथा रोमांच से भरी हुई है| धीरे धीरे चलते चलते कीड़ों, पक्षियों की आवाज के साथ नेचर को निहारना इस स्थान में चार चाँद लगाती है| यहाँ का प्रति व्यक्ति 50 रूपये टिकट है| अगर आप जीवाश्मों के बारे में जानना चाहते हैं तो अपने साथ आपको गाइड जरूर ले जाना चाहिए, इस गुफा के अन्दर काफी संख्याँ में सैकड़ों वर्ष पुराने जीवाश्म हैं| पानी के टपकने की आवाज के साथ अँधेरी गुफा में आप अंत तक पहुँच कर उसी रास्ते से वापस आना जरूर आपके मन में कुछ स्म्रति हमेशा के लिए बनी रहेंगी| पत्थरों में धीरे धीरे पानी के द्वारा की गयी प्रक्रति की कारीगरी देखने के लिए एडवेंचर प्रेमियों के लिए चेरापूंजी में घूमने की जगह में यह सबसे उपयुक्त स्थान हो सकता है|
- काइनरेम जलप्रपात (Kynrem Fall)- भारत का सातवाँ सबसे लम्बा जल प्रपात 1001 फीट (305 मीटर), नार्थईस्ट का दूधसागर वॉटरफॉल कहे जाने वाले काइनरेम जलप्रपात की सुन्दरता मानसून के समय में देखते ही बनती है| इस जलप्रपात की सबसे अच्छी विशेषता है कि इसको देखने के लिए आपको नीचे या ऊपर कहीं भी सीढ़ियों में नहीं चढ़ना पड़ता है|
काइनरेम जलप्रपात, भारत का सातवाँ तथा मेघालय का तीसरा सबसे ऊँचा वॉटरफॉल है| काइनरेम जलप्रपात की ऊंचाई 1001 फीट (305 मीटर) है| इस स्थान के लिए एक बात हम दावे से कह सकते हैं की अगर आप मानसून के समय इस स्थान को अपनी चेरापूंजी में घूमने की जगह की लिस्ट में शामिल करते हैं तो इस फॉल की पोजिटिव वाइब्स आपको अवश्य ही मुस्कुराते हुए लौटने में मजबूर कर देंगी|
- अन्य स्थान- चेरापूंजी में घूमने की जगह के साथ साथ आप अपनी यात्रा में शिलांग, डॉकी शहर, करांग सूरी, मावलिननांग गाँव आदि को भी जोड़ सकते हैं| मेघालय में प्रत्येक स्थान एक से बढ़कर एक है, आपको यहाँ आने के लिए पूर्व से अपने समय और स्थानों को निश्चित कर लेना चाहिए जिससे आपकी यात्रा अनुशासित रहे और आप अधिक से अधिक स्थान आसानी से, तथा किफायती दरों में घूम पायें|
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चेरापूंजी में घूमने की जगह का प्लान करने के पूर्व आप हमारी मेघालय से सम्बन्धित विस्तृत लेख ‘मेघालय में घूमने की जगह’ को पढ़ सकते हैं जो की अवश्य ही आपकी यात्रा तथा ज्ञान में कुछ न कुछ अतिरिक्त जानकारी देगी|
चेरापूंजी जाने से पहले जानने योग्य बातें-
- चेरापूंजी में अचानक वर्षा होना सामान्य सी प्रक्रिया है इसलिए आपको अपने साथ चेरापूंजी में घूमने की जगह में रेनकोट अवश्य लेकर चलना चाहिये|
- चेरापूंजी में घूमने की जगह में कई स्थान अधिक बारिश के कारण फिसलन युक्त होते हैं इसलिए पहले से ही आपको सावधानी बरतते हुए अच्छे स्पोर्ट शू पहनकर ही ट्रैकिंग करना चाहिये|
- मेघालय तथा चेरापूंजी में काफी संख्या में अच्छे रेस्टोरेंट हैं परन्तु शुद्ध शाकाहारी भोजन करने वालो को पहले से यात्रा के समय पड़ने वाले होटल ध्यान में रखना चाहिए| यहाँ शाकाहारी रेस्टोरेंट को उँगलियों में गिना जा सकता है, ऑरेंज रूट, सोहरा का सर्वाधिक प्रसिद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट है|
चेरापूंजी कैसे पहुँचे-
- हवाई मार्ग द्वारा- सोहरा के सबसे नजदीक शिलांग एयरपोर्ट है जहाँ से भारत के सभी महानगरों के लिए डेली हवाई यात्रा उपलब्ध हैं|
- रेलमार्ग के द्वारा – सोहरा एक पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ रेल की सुविधा नहीं है, सोहरा के सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है जिसकी सोहरा से 147 किलोमीटर की दूरी है|
- सड़क मार्ग द्वारा- सोहरा तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग ही एक विकल्प है| गुवाहाटी तथा शिलांग से काफी संख्या में प्राइवेट टैक्सी तथा बस हर समय आसानी से मिल जाती हैं| अगर आप आसानी से घुमावदार सडकों में गाड़ी चलने में सक्षम हैं तो आप इस पहाड़ी क्षेत्र में खुद के वाहन से भी आ सकते हैं|
FAQ-
प्रश्न- विश्व का सबसे ऊँचा वॉटरफॉल कहाँ स्थित है?
उत्तर- वेनेजुएला में स्थित एंजेल जलप्रपात विश्व का सबसे ऊँचा वॉटरफॉल है, इसकी ऊँचाई 3212 फीट (979 मीटर) है|
प्रश्न- भारत का सबसे ऊँचा वॉटरफॉल कहाँ पर स्थित है?
उत्तर- कर्नाटक में वराह नदी द्वारा बनाया गया कुंचिकल जलप्रपात भारत का सबसे ऊँचा वॉटरफॉल है, इसकी ऊँचाई 1493 फीट (455 मीटर) है|
प्रश्न- चेरापूंजी में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?
उत्तर– चेरापूंजी में घूमने की जगह में डबल डेकरलिविंग रूट ब्रिज, मवसमाई गुफा, नोहशंगथियांग फाल्स (सेवन सिस्टर वॉटरफॉल), इको पार्क, गार्डन ऑफ़ केव्स, नोहकलिकाई जलप्रपात, डैन्थलेन वॉटरफॉल, वेई सव्दोंड वॉटरफॉल (Wei Sawdond fall), वाह काबा फाल्स, मावकडोक डिम्पेप वैली (Mawkdok Dympep Valley), अरवाह केव तथा काइनरेम जलप्रपात (Kynrem Fall) आदि प्रमुख स्थान हैं|
प्रश्न- चेरापूंजी में घूमने की जगह के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?
उत्तर- चेरापूंजी में घूमने की जगह को यही पर रूककर आप एक रात्रि तथा दो दिन में आसानी से पूरा घूम सकते हैं|
प्रश्न- चेरापूंजी घूमने के लिए कितना बजट होना आवश्यक हैं?
उत्तर- चेरापूंजी पर्यटन की द्रष्टि से एक महंगा शहर है, यहाँ पर आप अपने घर से आने के बाद 5000 से 6000 रुपये में काफी अच्छे से दो लोग घूम सकते हैं, इसमे आपके होम टाउन से शिलांग तक आने का किराया नहीं जुड़ा है| यहाँ पर खर्चे का एक बड़ा भाग टैक्सी इत्यादि में भी लग सकता है|
प्रश्न- विश्व में सबसे अधिक वर्षा कहाँ पर होती है?
उत्तर- गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार पूरे विश्व में सबसे अधिक वर्षा होने का रिकॉर्ड भारत के मेघालय में स्थित मौसिनराम नामक स्थान के नाम है, 1985 में बने इस रिकॉर्ड के समय यहाँ पर 26000 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गयी थी| इसके पहले यह रिकॉर्ड चेरापूंजी के नाम था|
निष्कर्ष-
मेघालय के नाम को यथार्थ के धरातल पर सबसे अधिक सही चेरापूंजी ही साबित करता है| चेरापूंजी में घूमने की जगह में कई ऐसे स्थान हैं जहाँ पर आप शायद ऊपर होंगे और घाटियों में बादल आराम कर रहे होंगे या जमीन में आपके साथ साथ चलते हुए प्रतीत होंगे| यह जानकारी मेघालय की ऑफिसियल वेबसाइट से ली गयी है|
‘चेरापूंजी में घूमने की जगह’ लेख को मेघालय का यशगान करते हुए यही पर समाप्त करने से पहले हमेशा की तरह यह अनुरोध करेंगे की आप अपने सुझाव तथा इस लेख के प्रति अपने विचार हमे अवश्य भेजें| धन्यवाद
-दीक्षा दीक्षित
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