, यमुना नदी के तट पर बसे, मथुरा तथा वृन्दावन भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है| आइये जानते हैं इस आर्टिकल में कि ब्रजधाम में घूमने की जगह तथा इस यात्रा को कैसे प्लान किया जाये जिससे आप कृष्ण की लीलाओं की भूमि को अधिक से अधिक और कम बजट में भी घूम सके|
मथुरा तथा व्रन्दावन और उसके आसपास के 84 कोस के क्षेत्र को ब्रजमूमि के नाम से जाना जाता है| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से पश्चिम दिशा में 400 किलोमीटर दूर तथा राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली से मात्र 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सम्पूर्ण ब्रजधाम का कण कण कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करता है| श्रीकृष्ण की जन्मभूमि तथा रासलीला वाले ब्रजधाम में घूमने की जगह की कोई कमी नहीं है| मथुरा तथा वृन्दावन अपनी प्राचीन संस्क्रति तथा परंपराओं के धनी हैं| ब्रजधाम में खेली जाने वाली होली को पूरे विश्व में कौन नहीं जनता होगा? आपसी प्रेम भाईचारे की यह नगरी धार्मिक आधार पर भारत के प्रमुख शहरों में अग्रणी स्थान रखती है|
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ब्रजधाम की ब्रज रज को माथे में लगाने मात्र से पुण्य की प्राप्ति मिलने वाले इस स्थान में जहाँ का कण कण कृष्ण स्वरूप है, उस ब्रजधाम में घूमने की जगह के लिए प्रमुख रूप से 4 क्षेत्र हैं-
- मथुरा ब्रजधाम
- वृन्दावन ब्रजधाम
- गोकुल ब्रजधाम
- गोवर्धन ब्रजधाम
- बरसाना ब्रजधाम
ब्रजधाम में घूमने की जगह का पौरोणिक महत्व-
ब्रजधाम, सम्पूर्ण भारत की प्रमुख धार्मिक स्थली में से एक है, कृष्ण की लीलाओं की धरती ब्रजधाम का कण कण किसी न किसी पौरोणिक कथा से जुड़ा है| यह पुण्य भूमि, श्रीकृष्ण द्वारा मथुरा के अत्याचारी शासक कंस का वध, इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा अदि की गवाह है| प्रेम के प्रतीक ब्रजधाम की रज का हिन्दू धर्म में अद्वितीय स्थान है| बाल्यावस्था में, कान्हा के द्वारा गोपियों के साथ की गयी रासलीला का वर्णन पूरे भारत में किया जाता है|
धन धान्य से परिपूर्ण इस क्षेत्र में महमूद गजनवी ने 1018 ईसवी में आक्रमण कर यहाँ के हजारों मंदिरों को तोड़कर यहाँ खूब लूटपाट की| यहाँ मंदिरों को तोड़ने का कार्य मुग़ल शासक औरंगजेब ने भी किया, परन्तु इस पवित्र ब्रज में आज भी हर कदम कदम में सुन्दर मंदिरों की कमी नहीं है|
ब्रजधाम में घूमने की जगह को कैसे करे प्लान?
आप भारत के किसी कोने से मथुरा पहुँच कर अपनी आगे की यात्रा प्लान कर सकते हैं| यहाँ पर आपको अपने समय के अनुसार यात्रा का प्लान करना चाहिए| अगर आपके पास 3 से 4 दिनों का पर्याप्त समय है तो आप आसानी से पूरे ब्रजधाम में घूमने की जगह घूम सकते हैं| यदि आप दो या तीन दिन का प्लान कर रहे हैं तो आप मथुरा, वृन्दावन तथा गोवर्धन को प्राथमिकता दे सकते हैं|
आपको रूकने के लिए वृन्दावन के आसपास ही होटल लेना उचित रहेगा, यहाँ से 16 किलोमीटर दूर मथुरा आप आसानी से ई-रिक्शा, ऑटो तथा सरकारी बस से पहुँच सकते हैं| अगर आप चलने में सक्षम हैं तो वृन्दावन के अधिकांश मंदिर आप पैदल ही वृन्दावन की गलियों में घूम-घूम कर दर्शन कर सकते हैं| वृन्दावन के स्ट्रीट फ़ूड आपको अवश्य ट्राई करना चाहिए| आप ब्रजधाम में घूमने की जगह का प्लान काफी कम बजट में कर सकते हैं|
ब्रजधाम में घूमने की जगह
मथुरा ब्रजधाम में घूमने की जगह-
कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा, ब्रज का सबसे प्रमुख तीर्थस्थान है, मथुरा ब्रजधाम में घूमने की जगह हैं-
- श्रीकृष्ण जन्मभूमि
- श्री द्वारिकाधीश मंदिर
- विश्राम घाट
- कंस किला
- श्री दाऊ जी महाराज मंदिर
- बाबा जय गुरुदेव मंदिर
- गवरमेंट म्यूजियम मथुरा
वृन्दावन ब्रजधाम में घूमने की जगह-
वैष्णव परंपरा के पवित्र ब्रजधाम में घूमने की जगह में से एक वृन्दावन, वृंदा तथा वन से मिलकर बना है| जिसका शाब्दिक अर्थ पवित्र तुलसी का उपवन है| मथुरा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वृन्दावन में प्रमुख स्थान हैं-
- बाँकेबिहारी जी का मंदिर
- श्री राधावल्लभ जी का मंदिर
- निधिवन
- मीराबाई मंदिर
- राधारमण मंदिर
- रंगनाथ मंदिर
- श्री गोपीश्वर महादेव मंदिर
- गोविन्ददेव मंदिर
- कालीदाह मंदिर
- मदन मोहन मंदिर
- प्रेम मंदिर
- श्रीकृष्ण बलराम मंदिर ( ISKCON TEMPLE)
- माँ वैष्णो देवी धाम
- केशी घाट
- भांडीर वन
- वंशीवट
- टटिया स्थान
गोकुल ब्रजधाम में घूमने की जगह-
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण के बाल्यावस्था के शुरुआत के 2.5 साल गोकुल में ही बीते थे| ब्रज की रज के लिए यह स्थान सबसे अधिक प्रसिद्ध है| यहाँ प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं-
- गोकुलनाथ मंदिर (84 खम्भा मंदिर)
- श्री नंद यशोदा भवन
- रमण रेती
- चिंताहरण महादेव मंदिर
- ब्रहमांड घाट
गोवर्धन ब्रजधाम में घूमने की जगह-
गिरिराज के नाम से प्रसिद्ध गोवर्धन मथुरा से 22 तथा व्रन्दावन से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| ब्रजधाम में घूमने की जगह में से प्रमुख पवित्र स्थानों में से एक गोवर्धन पर्वत के बारे में विद्वान लोग बताते हैं की इंद्र के प्रकोप से बचाने तथा उनका घमंड चूर करने के लिए श्रीकृष्ण भगवान ने अपनी अनामिका ऊँगली पर गिरिराज पर्वत को सात दिनों के लिये धारण किया था|
इस पवित्र गिरिराज पर्वत की काफी अधिक संख्या में हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग परिक्रमा करते हैं| पवित्र गिरिराज पर्वत की पूरी परिक्रमा 21 किलोमीटर की होती है| गोवर्धन में प्रमुख दर्शनीय स्थान हैं-
- दानघाटी मंदिर
- पूंछरी का लौटा मंदिर
- मुखारविंद मंदिर
- राधाकुंड
- कुसुम सरोवर
- मानसी गंगा
बरसाना ब्रजधाम में घूमने की जगह-
विश्व में अद्भुत लठमार होली के लिए प्रसिद्ध, प्राचीन हिन्दू विरासत तथा संस्क्रति को समेटे हुए बरसाना, ब्रजधाम में घूमने की जगह में जीवन्त धार्मिक स्थान है| यह स्थान माता राधारानी के बाल्यावस्था के समय की कहानियों से जुड़ा है| मथुरा से 42 तथा वृन्दावन से 43 किलोमीटर दूर इस स्थान में प्रमुख धार्मिक स्थान हैं-
- श्री लालीजी महाराज (राधारानी का मंदिर)
- कीर्ति मंदिर
- रंगीली महल
- श्री मान मंदिर
- श्री विजय लाडली जी मंदिर
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अधिक जानकारी के लिए मथुरा की ऑफिसियल वेबसाइट https://mathura.nic.in/ देखें|