शिलांग में घूमने की जगह

शिलांग शहर का नाम आते ही मेरा घुम्मकड मन रोमांचित हो उठता है, यूँ तो नजदीक से शिलांग में घूमने की जगह जानने का मौका अभी कुछ दिन पहले मिला परन्तु इस नाम से परिचय बचपन से था, भारत में कुछ ऐसी जगह हैं जो हम और आप छोटे से हिल स्टेशन का नाम आने पर सुनते आ रहे हैं| ‘स्कॉटलैंड ऑफ़ द ईस्ट’ के नाम से जाना जाने वाला पूर्वोतर भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक शिलांग शहर मेघालय की राजधानी है|

समुद्र तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग उपनिवेशकाल के समय भी अंग्रेजों की पहली पसंद रहा| जानते हैं विस्तार से इस आर्टिकल में शिलांग में घूमने की जगह तथा रूबरू होते हैं इस हिल स्टेशन की संस्क्रति से|

        शिलांग 1972 में मेघालय राज्य के निर्माण के साथ ही उसकी राजधानी बना पर इसके पूर्व भी यह अविभाज्य असम की राजधानी था| चारो ओर सुरम्य पहाडियों से घिरा शिलांग शहर अपनी खूबसूरती के कारण बिट्रिश सत्ता की भी पहली पसंद में से एक था, यहाँ का वातावरण सुखदायक तथा ठंडा है| सुन्दर पहाडियों के बीच का क्षेत्र लगभग समान होने के कारण इसकी समानता स्कॉटलैंड से की जाती है, इसीलिए अंग्रेज इस शहर को ‘स्कॉटलैंड ऑफ़ द ईस्ट’ के नाम से भी जानते थे, इन सब प्रक्रति के वरदानों के कारण ही पूर्वोतर भारत के इस मनोरम शहर शिलांग में घूमने की जगह की कोई कमी नहीं है| 

        शिलांग, असम की राजधानी गुवाहाटी से 100 किलोमीटर दूर है जिसे सिर्फ सड़क अथवा वायु मार्ग द्वारा ही पूरा किया जा सकता है| पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण शिलांग में अभी तक कोई रेलवे स्टेशन नहीं है| शिलांग में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान एलीफैंट वॉटरफॉल (हाथी झरना), शिलांग पीक, एयरफोर्स म्यूजियम, डॉन बोस्को म्यूजियम, कैथेड्रल ऑफ़ मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन चर्च, वार्ड्स लेक, लेडी हैदरी पार्क, पुलिस बाजार आदि हैं|

इसके साथ शिलांग के नजदीक के काफी स्थान ऐसे हैं जिनके बिना शिलांग यात्रा अधूरी सी लग सकती है| शिलांग से नजदीक उमियम लेक, लेटलम कैनियन, मावफलांग पवित्र वन, सोहरा (चेरापूंजी) और मौसिनराम आदि स्थान हैं जिनको शिलांग में घूमने की जगह के साथ में जरूर शामिल करना चाहिए|

शिलांग में घूमने की जगह को कैसे करे प्लान?

     शिलांग में घूमने की जगह को पहले आप तीन पार्ट में जान सकते हैं जिससे आप कम खर्चे में तथा अधिक से अधिक बिना थके घूम सके| शिलांग यात्रा को आप कुछ इस तरह प्लान कर सकते हैं-

  • अपर शिलॉग- एलीफैंट वॉटरफॉल, शिलांग पीक, एयरफोर्स म्यूजियम
  • शिलॉग शहर- डॉन बोस्को म्यूजियम, कैथेड्रल ऑफ़ मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन चर्च, वार्ड्स लेक, लेडी हैदरी पार्क, पुलिस बाजार
  • शिलांग के नजदीक के स्थान- उमियम लेक, लेटलम कैनियन, मावफलांग पवित्र वन, सोहरा (चेरापूंजी) और मौसिनराम  

       शिलांग में घूमने की जगह काफी पास पास हैं इसलिए आप शिलांग शहर तथा अपर शिलांग को एक दिन में बड़ी आसानी से घूम सकते हैं उनमे भी आप कुछ स्थान पैदल ही पूरे कर सकते हैं क्योकि पुलिस बाज़ार से शिलांग शहर में स्थित सभी पर्यटन स्थल अधिकतम 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं| डॉन बोस्को म्यूजियम के अलावा अन्य सभी स्थान पुलिस बाजार से काफी पास हैं जिनको आप टहलते हुए पूरी कर सकते हैं|

       अपर शिलांग में मुख्य रूप से तीन जगह घूमने के लिए उत्तम हैं जिनमे एलीफैंट वॉटरफॉल तथा एयरफोर्स म्यूजियम के बीच की दूरी 600 मीटर है और हाथी झरना से शिलांग पीक के मध्य लगभग 8 किलोमीटर की दूरी है| पुलिस बाज़ार से 10 किलोमीटर दूर अपर शिलांग के लिए काफी आसानी से साधन मिल जाते हैं|

शिलांग में घूमने की जगह –

  • एलिफैंट वॉटरफॉल– अपर शिलांग की सबसे खूबसूरत जगह में से एक एलीफैंट वॉटरफॉल (हाथी झरना) है| यह शिलांग में घूमने की जगह तथा इसके आस पास जो भी जगह हैं उनमे सबसे पास में जा सकने वाला वॉटरफॉल है| एलीफैंट वॉटरफॉल में तीन अलग अलग झरने हैं जिनमे तीसरे झरने तक पहुँचने के लिए आपको कुछ सीढियाँ उतरनी पड़ेंगी नीचे तक आप आसानी से लगातार चलकर 5 से 8 मिनट में पहुंच सकते हैं, पहला और दूसरा झरना नीचे जाने वाली सीढ़ियों के मध्य में ही मिल जाते हैं| तीसरे झरने के सबसे पास जाया जा सकता है|

      एलीफैंट वॉटरफॉल का टिकट 100 रूपये प्रति व्यक्ति है, परन्तु यह पूरे शिलांग में घूमने की जगह में सबसे सुंदर स्थान बन सकता है| आप अपने मित्र या परिवार के साथ पानी के तेज़ आवाज के पास बैठकर घंटो इस स्थान पर यादगार समय गुजार सकते हैं| यहाँ कुछ दुकाने हैं जहाँ पर आप मेघालय की संस्क्रति से जुडी हाथ से बनी कलाक्रतियाँ ले सकते हैं| यहाँ पर एक ड्रेस की शॉप भी हैं जहाँ पर आप मेघालय के लोकल सांस्क्रतिक वेशभूषा पहनकर फोटो निकलवा सकते हैं, काफी लोग यहाँ पर शिलांग की खासी जनजाति का परिधान पहन कर फोटो लेते हैं|

मेघालय में घूमने की जगह, हाथी झरना का द्रश्य, एलीफैंट वॉटरफॉल का तीसरा झरना
  • शिलांग पीक– शिलांग में आपका हवाई जहाज में बैठकर बादलों के बीच से गुजरते हुए पूरे शिलांग को निहारने का मन हो, पर इसके लिए हमारी जेब साथ न दे या ऐसी कोई फ्लाइट की सुविधा न हो तो कोई फ़िक्र की बात नहीं आप तुरंत पहुँच जाइये अपर शिलांग में स्थित शिलांग पीक, जहाँ से आप देख सकते हैं पूरे शिलांग को| समुद्र तल से 1961 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शिलांग ही नहीं अपितु पूरे मेघालय का सबसे उच्चतम स्थान है|

         शिलांग पीक एक सैन्य क्षेत्र हैं, यहाँ ईस्टर्न एयर कमांड का काफी महत्त्वपूर्ण बेस है| शिलांग पीक जाने के पहले सभी व्यक्तियों को अपनी आईडी अवश्य साथ में ले के आना चाहिए क्योकि प्रवेश के समय आपको अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी| शिलांग पीक का पर्यटकों के लिए समय सुबह 9 बजे से ले कर साढ़े 3 बजे तक का निर्धारित है|

यहाँ का टिकट 30 रूपये है तथा बुधवार को यह पर्यटन के लिए बंद रहता है| डिफेंस एरिया होने के कारण कुछ नियमों को ध्यान में रखते हुए आप व्यू पॉइंट से फोटोग्राफी कर सकते हैं, परन्तु जब यहाँ स्वयं आकर तेज़ हवा तथा बादलो के बीच पूरे शहर को देखेंगे तो आप इस सुखद पल को किसी कैमरे में नहीं कर सकते हैं| इसे शिलांग घूमने की जगह में जरुर शामिल करना चाहिए|

  • एयरफोर्स म्यूजियम– एयरफोर्स म्यूजियम अपर शिलांग में घूमने की जगह में महत्वपूर्ण जगहों में से एक है| रक्षा क्षेत्र होने के कारण यहाँ पर केवल आप म्यूजियम के अन्दर कैमरा का उपयोग कर सकते हैं| यहाँ पर एयरफोर्स के पहले उपयोग में आने वाले जहाज, हैंलीकॉप्टर, मिसाइल, विभिन्न एयरफोर्स के मेडेल, यूनिफार्म तथा अन्य रक्षा सम्बन्धी उपकरणों का संकलन है| अगर आप के साथ बच्चे हैं या आप अपने देश की सेना के बारे में जानने के इच्छुक हैं तो एयरफोर्स म्यूजियम को अवश्य शिलांग में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए|

        एयरफोर्स म्यूजियम सोमवार को बंद रहता है तथा प्रतिदिन पर्यटन के लिए 9 बजे से 5 बजे तक खुलता है| यहाँ प्रवेश हेतु आपकी पहचान के लिए अपने साथ कोई पहचान पत्र ले जाना आवश्यक है| म्यूजियम में जाने के लिए 40 रूपये का टिकट आपको लेना होगा| यहाँ पर विदेशी नागरिकों का प्रवेश नहीं है|

  • डॉन बोस्को म्यूजियम- पुलिस बाज़ार से 3.4 किलोमीटर दूर एशिया के सबसे अच्छे म्यूजियम में एक डॉन बोस्को म्यूजियम को अपनी यात्रा में जोड़े बिना शिलांग में घूमने की जगह पूरी नहीं हो सकती हैं| सात फ्लोर की इमारत में बना यह म्यूजियम पूर्वी भारत के सभी राज्यों का दर्पण है| यहाँ सभी कमरे साफ सुथरे तथा सभी चीजें काफी व्यवस्थित तथा जानकारियों से भरपूर हैं| अगर आपके साथ बच्चे हैं और आप शिलांग में हैं तो आपको बिना किसी देरी के इस स्थान को शिलांग में घूमने की जगह में शामिल कर लेना चाहिए|

        पूर्वोतर भारत की सभी जनजातियों तथा उनकी संस्क्रति के बारे में, उनकी वेशभूषा, भोजन, उनके द्वारा उपयोग किये जाने वाले हथियार आदि सभी की जानकारी यहाँ पर उपलब्ध हैं, इस स्थान के लिए आपको 3 से 3:30 घंटे का समय अवश्य निकाल के आना चाहिए| इस म्यूजियम की इमारत के ऊपर एक व्यू पॉइंट भी है जहाँ से पूरा खूबसूरत शहर दिखायी देता है, व्यू पॉइंट के पास में ही कैफेटेरिया भी है जहाँ आप चाय या कॉफ़ी और हलके फुल्के जलपान का भी आनंद ले सकते हैं|

  • कैथेड्रल ऑफ़ मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन चर्च- मुख्य पूजा घर, कैथेड्रल ऑफ़ मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन चर्च, शिलांग का मुख्य पूजा घर हैं, यह पुलिस बाजार से 2.2 किलोमीटर की दूरी पर लैतुमखराह नामक स्थान पर स्थित हैं| 1936 में बना यह चर्च अत्यंत विशाल, स्वच्छ तथा पवित्र स्थान हैं| इस रोमन कैथोलिक चर्च को शिलांग घूमने की जगह में अवश्य शामिल करना चाहिए, चर्च की टाइमिंग सुबह 7 बजे से शाम को 06:30 तक हैं|
मेघालय में घूमने का द्रश्य, कैथेड्रल ऑफ़ मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन चर्च का बहरी द्रश्य,
  • वार्ड्स लेक- वार्ड्स लेक, पुलिस बाजार के बिळकुल समीप लगभग 700 मीटर की दूरी पर स्थित है जिसे पैदल आसानी से पहुँचा जा सकता है| असम के चीफ कमिश्नर सर विलियम वार्ड के नाम पर बनी यह झील एक घोड़े के नाल के आकार की है| वार्ड्स लेक, शिलांग में घूमने की जगह में से एक बेहतरीन स्थान है| 1894 में बनी इस झील के मध्य में एक लकड़ी का पूल भी है, जिससे आप मछलियों को दाना खिला सकते हैं|

       सुन्दर वार्ड्स लेक का वर्तमान में 30 रूपये प्रति व्यक्ति टिकट है| यहाँ आप नौका विहार कर के अपनी शिलांग यात्रा में चार चाँद लगा सकते हैं| यहाँ एक कैफेटेरिया भी है जो आपके पेट का ध्यान भी रख सकता है| शाम का समय यहाँ का सबसे सुन्दर होता है, लेक के चारो ओर गार्डन की लाइटिंग एक अलग ही रौनक बिखेरती है| स्वाद का मजा लेने वाले लोग यहाँ आकर बतासे खाना न भूले|

मेघालय में घूमने की जगह, वार्ड्स लेक का झील का द्रश्य,
  • लेडी हैदरी पार्क- छोटा चिड़ियाघर, जापानी स्टाइल गार्डन, स्माल लेक, फर्स्ट लेडी ऑफ़ स्टेट के नाम पर , बच्चो के लिए खास, असम के पहले गवर्नर की पत्नी के नाम पर इसका नाम  रखा गया| बच्चो के साथ आने वाले लोगो के लिए इस जगह को जरुर शिलांग में घूमने की जगह में शामिल करना चाहिए| यह भारत का पहला ऐसा पार्क है जिसे जापानी गार्डन के तर्ज पर 1937 में विकसित किया गया था| पुलिस बाज़ार से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आप अपने आराम के समय यहाँ अच्छा समय बिता सकते हैं तथा ठण्ड के समय धूप भी ले सकते हैं|

       लेडी हैदरी पार्क के अंदर ही बेहद खूबसूरत छोटा सा चिड़ियाघर भी हैजो बच्चो के लिए एक अनायास ही कौतुहल तथा आकर्षण का केंद्र है| यहाँ पर कई प्रकार के भालू, बन्दर, तोता तथा अन्य पशु-पक्षी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं|   

मेघालय में घूमने  की जगह,, लेडी हैदरी पार्क का द्रश्य,
  • पुलिस बाज़ार- पुलिस बाज़ार को अगर शिलांग के स्थान पर पूरे मेघालय का दिल कहे तो कोई अतिशयोक्ति न होगी, 1972 में मेघालय के एक नये राज्य के तौर पर उभरने के पूर्व असम राज्य की सभी गतिविधियाँ तथा सभी सरकारी प्रमुख दफ्तर शिलांग से ही संचालित होते थे| आज भी शिलांग के केंद्र पुलिस बाज़ार से सभी स्थान के लिए आसानी से साधन मिल जाते हैं| यहाँ काफी भीड़ तथा हर समय जाम की समस्या बनी रहती है|

        यहाँ आप आकर स्ट्रीट फ़ूड एन्जॉय कर सकते हैं परन्तु शुद्ध रूप से शाकाहारी व्यक्ति थोडा निराश हो सकते हैं उनके लिए काफी सीमित विकल्प हैं| मीठा पसंद करने वाले लोग को यहाँ उपस्थित दिल्ली मिष्ठान भंडार में जलेबी अवश्य एक बार ट्राई करनी चाहिए, इनके नाम पर सबसे बड़ी जलेबी बनाने का एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड है| इसी रोड में आगे शुद्ध शाकाहारी व्यक्तियों के लिए एक और यूपी स्वीट मीट नामक जलपान की जगह है| सामने ही एक छोटा सा काफी सुन्दर भगवान लक्ष्मीनारायण का मंदिर है, जहाँ आप कुछ समय देकर ईश वंदना कर सकते हैं|

मेघालय में घूमने का द्रश्य, पुलिस बाज़ार का द्रश्य,

            अगर आप अपनी गाड़ी से आते हैं तो यहाँ पर आपको पार्किंग की जगह ढूंढने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी| पुलिस बाज़ार को मार्केटिंग, गर्म कपडे तथा नार्थ ईस्ट से जुड़े सामानों के लिए शिलांग में घूमने की जगह की सूची में शामिल कर सकते हैं|

शिलांग में घूमने की जगह के नजदीक स्थित अन्य आकर्षण के केंद्र-

  • उमियम लेक- गुवाहाटी से शिलांग पहुँचने वाले हाईवे में तथा शिलांग से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उमियम लेक, शिलांग में घूमने की जगह तथा परिवार के साथ समय बिताने वाली जगहों में सर्वश्रेष्ठ है| सुकून तथा शांत वातावरण के बीच 220 वर्ग किलोमीटर में फैली उमियम लेक को खासी क्षेत्र के लोग ‘बरापानी’ के नाम से भी जानते हैं| उमियम लेक का सबसे अच्छा समय मार्च से जून का होता है|

   यह मानव निर्मित लेक 1960 को असम इलेक्ट्रिक बोर्ड द्वारा हाइड्रोलिक पॉवर जनरेशन के लिए निर्मित की गयी थी, पर आज यहाँ काफी संख्याँ में पर्यटक आते हैं| झील के चारो ओर ऊँची खासी की पहाडियों तथा उनमे आच्छादित हरे भरे जंगल तथा उन वनों की छवि नीले रंग के पानी के साथ मिलकर एक अविस्मरणीय द्रश्य बनाती है, फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन स्थानों में से एक यहाँ पर कायाकिंग, वाटर साइकिलिंग तथा नौका विहार भी कर सकते हैं|

झील के उपर सनसेट व्यू आपको प्रसन्नता से भर सकता है, यहाँ पर हाउसबोट भी रहने के लिए बुक कर सकते हैं| पास में ही एक गार्डन नेहरु पार्क भी है| बच्चो के लिए यहाँ काफी संख्या में झूले मौजूद हैं|

  • लेटलम कैनियन- शिलांग में घूमने की जगह के आस पास अगर आप कोई रोमांच से भरी जगह जाना चाहते हैं तो लेटलम कैनियन आपकी लिस्ट में सबसे ऊपर आना चाहिए| लेटलम कैनियन का अर्थ होता है की दुनिया का अंत लेकिन यहाँ पर यह नाम खासी पहाड़ियों के अंत को दर्शाता है| शिलांग से 23 किलोमीटर तथा स्मित गाँव से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्वर्ग के समान परन्तु उतनी ही रोमांचक तथा थोडा सा डरावनी भी है| बादलों के बीच चारों ओर हरियाली वाले मैदान की ढलान की असीम सुन्दरता में चलते हुए अचानक पहाड़ों का खत्म होना एकाएक सीधी खाई दिखना न चाहते हुए शरीर में सिहरन सी पैदा कर देता है| एक पल के लिए महसूस होता है कि अगर एक कदम आगे पड़ता तो शायद लगभग 1 किलोमीटर नीचे स्थित सीधे गाँव में दिखाई पड़ते|

        काफी तेज़ हवा यहाँ का मौसम एक पल के लिए अवश्य आपको यूरोप में चलने वाली हवाओं की याद दिला सकता है, इस स्थान से ही खासी हिल्स की पहाड़ियाँ समाप्त होती हैं काफी दूर स्थित आप बांग्लादेश के मैदानी भाग भी देख सकते हैं पर उसके लिए मौसम साफ होना चाहिए| लेटलम कैनियन को शिलांग में घूमने की जगह में सबसे खास बनाने के लिए आपको यहाँ दोपहर में आना होगा तब मौसम साफ होने की अधिक सम्भावना है, जिससे आप अच्छी फोटोग्राफी कर पाए| बच्चो के साथ इस स्थान में आने में खास सावधानी बरतनी चाहिए|

  • मौसिनराम- सबसे अधिक वर्षा का विश्व रिकॉर्ड रखने वाले मौसिनराम में आप यहाँ की गाँव की लाइफ, माँजिमबुइन की प्राक्रतिक गुफाये, भूल भुलैया वाले रास्तों से भरपूर रहस्यमयी क्रेम डैम रिवर गुफाएं आदि रोमांच से भरपूर जगह को इंजॉय कर सकते हैं| खेलने के शौक़ीन हैं, तो आप मौसिनराम आने पर गाँव के लड़कों के साथ फुटबाल मैच खेलकर या देखकर अपनी शिलांग यात्रा को यादगार बना सकते हैं| माँजिमबुइन की गुफाओं के अन्दर प्राक्रतिक रूप से हजारो साल से लगातार धीरे धीरे पानी गिरने से शिवलिंग की आक्रतियाँ बन गयी हैं जिनमे आज भी लगता हैं शिवलिंग का जल से मानो प्रकति स्वयं अभिषेक कर रही है, इन्हें विज्ञानं की भाषा में स्टेलैगमाइट कहते हैं|
  • मावफलांग पवित्र वन- खासी जनजाति के देवता ‘लबासा’ का निवास स्थान मावफलांग पवित्र वन जहाँ पर सूर्य की किरणें भी वनस्पतियों की आज्ञा के बिना प्रवेश नहीं करती हैं| यह जंगल जीव जंतुओं तथा विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों से संपन्न है| प्रक्रति से प्रेम करने वालो के लिए शिलांग में घूमने की जगह में यह जगह पहली पसंद हो सकती हैं| यहाँ पर बिना आप लोकल गाइड के प्रवेश नहीं कर सकते हैं तथा इस वन में रात्रि में रुकने की अनुमति नहीं है| यहाँ के लोकल लोगो के अनुसार देवता की मर्जी के बिना यहाँ से कोई एक लकड़ी भी नहीं ले जा सकता है| समय समय पर स्थानीय लोग यहाँ पर अनुष्ठान भी करते हैं|
  • सोहरा (चेरापूंजी) में स्थित पर्यटन स्थल- शिलांग के अतिरिक्त पूर्वी खासी हिल्स का दूसरा प्रमुख क्षेत्र सोहरा है, जो स्वयं एक अलग पर्यटन स्थल भी है परन्तु शिलांग से मात्र 55 किलोमीटर की दूरी पर होने पर शिलांग में घूमने की जगह के साथ साथ इसकी सुन्दरता को भी निहारा जा सकता है| बोलचाल की भाषा में चेरापूंजी के नाम से प्रसिद्ध इस स्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल-
    • डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज
    • गार्डन ऑफ़ केव्स
    • मवसमाई गुफा
    • सेवन सिस्टर झरना
    • इको पार्क
    • नोहकलिकाई जलप्रपात
    • अरवाह केव भी
    • वाह-काबा फाल्स
मेघालय में घूमने की जगह, मवसमाई गुफा का द्रश्य,

     इन सभी स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी इस लेख में दे पाना संभव नहीं है इसलिए जल्द ही आने वाले हमारे लेख “सोहरा में घूमने की जगह” को आप अपना कीमती समय देकर जानकारी हासिल कर सकते हैं|

  • अन्य स्थान-  मेघालय पर्यटन की द्रष्टि से काफी धनाढय राज्य है, यहाँ आपको काफी कुछ जानने, समझने, सीखने तथा एन्जॉय करने के लिए है, शिलांग में घूमने की जगह के साथ साथ आप डॉकी शहर, वारी चोरा, तुरा शिखर, करांग सूरी, मावलिननांग गाँव जैसे न जाने कितने नाम प्रक्रति में फैले मोतियों के समान हैं, जिनको आप घूम सकते हैं| इन सभी के बारे में जानने के लिए तथा मेघालय की यात्रा को अच्छे से प्लान करने के लिए आप हमारी वेबसाइट ‘अंजान रास्ते’ में मेघालय से सम्बन्धित आर्टिकल को पढ़ सकते हैं|
मेघालय में घूमने की जगह, मावलिननांग गाँव का द्रश्य,
मावलिननांग गाँव

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मेघालय की यात्रा करने के पूर्व मेघालय में घूमने की जगह’ नामक लेख अवश्य पढ़ें, यह आपकी यात्रा को प्लान करने में काफी मदद दे सकता है|

शिलांग  कैसे पहुँचे –

  • हवाई मार्ग द्वारा-  शिलांग शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उमरोई में स्थित शिलांग एयरपोर्ट से सभी प्रमुख महानगरों के लिए उड़ाने उपलब्ध हैं तथा पूर्वोतर भारत के कई शहरों के लिए भी डेली फ्लाइट सुलभ हैं| शिलांग से 120 किलोमीटर की दूरी पर गुवाहाटी अन्तराष्ट्रीय हवाईअड्डा भी है जहाँ से विदेश तथा अन्य नगरों के लिए भी यात्रा सम्भव हैं|
  • रेलमार्ग के द्वारा-  शिलांग पहुँचने के लिए रेल का विकल्प ढूंढने वालो को थोड़ी निराशा हो सकती है, मेघालय पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अभी रेलवे का विस्तार नहीं हो पाया है| यहाँ पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है, जहाँ से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिलांग आप आसानी से टैक्सी तथा बस के द्वारा पहुँच सकते हैं| 
  • सड़क मार्ग द्वारा- शिलांग आप टैक्सी तथा सरकारी बसों से काफी आराम से पहुँच सकते हैं, शिलांग के अन्दर भी पुलिस बाज़ार से सभी स्थान की टैक्सी शेयरिंग तथा व्यक्तिगत तौर पर बुक कर सकते हैं| यदि आप पहाड़ों पर गाड़ी चलाने में समर्थ हैं तो आसानी से आप खुद की गाड़ी से भी आ सकते हैं| यहाँ पर कुछ स्थान को छोड़कर सभी जगहों पर गूगल मैप अच्छा काम करता है|

FAQ-

प्रश्न- स्टेलैगमाइट क्या होता है?

उत्तर-  स्टेलैगमाइट, गुफाओं के अन्दर वर्षो से पानी के टपकने से खनिज भंडार का एकत्र होकर बनने वाली सरंचना है, यह शिवलिंग के आकार की है| माँजिमबुइन की गुफाओं के अन्दर स्टेलैगमाइट देखने को मिलते हैं, जो की शिलांग में घूमने की जगह के निकटवर्ती स्थान मौसिनराम में स्थित हैं|

प्रश्न- शिलांग शहर कहाँ पर स्थित है?

उत्तर- शिलांग शहर, पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है तथा मेघालय राज्य की राजधानी है|

प्रश्न- शिलांग में घूमने की जगह कौन कौन सी हैं?

उत्तर शिलांग में घूमने की जगह में एलीफैंट वॉटरफॉल (हाथी झरना), शिलांग पीक, एयरफोर्स म्यूजियम, डॉन बोस्को म्यूजियम, कैथेड्रल ऑफ़ मैरी हेल्प ऑफ़ क्रिस्चियन चर्च, वार्ड्स लेक, लेडी हैदरी पार्क, पुलिस बाजार आदि प्रमुख हैं|

प्रश्न- शिलांग में घूमने की जगह के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?

उत्तर- शिलांग में घूमने की जगह को आप दो रात्रि तथा तीन दिन में आसानी से पूरा कर सकते हैं|

प्रश्न- शिलांग  घूमने के लिए कितना बजट होना आवश्यक हैं?

उत्तर- शिलांग पर्यटन की द्रष्टि से एक महंगा शहर है, यहाँ पर आप अपने घर से आने के बाद 8000 से 9000 रुपये में काफी अच्छे से दो लोग घूम सकते हैं, इसमे आपके होम टाउन से शिलांग तक आने का किराया नहीं जुड़ा है|

निष्कर्ष –

मेघालय में प्रमुख तीन पहाड़ियों के आधार पर पूरा क्षेत्र तीन जिलों गारो, खासी तथा जयंतिया में विभक्त किया गया है, उनमे से सबसे अधिक जनसंख्या वाला खासी हिल्स क्षेत्र का सबसे अधिक प्रसिद्ध शिलांग शहर पर्यटन की द्रष्टि से काफी फेमस है| ‘शिलांग में घूमने की जगह’ लेख में हमने आप कैसे यात्रा प्लान करें और शिलांग में घूमने की जगह के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है| मेघालय के लोग काफी अच्छे सरल स्वभाव के होते हैं जो एक दूसरे की सहायता तथा साथ बढने में विश्वास करते हैं| भारत के विभिन्न रंगों को जानने के लिए आपको मेघालय तथा खासकर शिलांग में घूमने की जगह जरुर देखनी चाहिए|

          आप शिलांग में घूमने की जगह के साथ साथ अन्य आस पास के मेघालय के स्थान भी घूम सकते हैं, एक बात यहाँ पर ध्यान देने वाली है कि आप यहाँ घूमने के लिए दिन की शुरुआत जल्द से जल्द करे क्योंकि नार्थ ईस्ट में वैसे भी सूर्योदय तथा सूर्यास्त जल्दी होते हैं| इतना लम्बा लेख अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद| आपको ‘शिलांग में घूमने की जगह’ आर्टिकल कैसे लगा आप हमे जरुर कमेंट कर के बतायें|

-दीक्षा दीक्षित

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